इन ग्रहों का समंदर हमारे सागर से 500 गुना गहरा: ताजा खोज
अथाह जल से भरे दो ऐसे ग्रह, जिनका समंदर पृथ्वी के सागरो से भी गहरा है। ये दोनों ग्रह एक दूर के तारे की परिक्रमा कर रहे हैं। जिनके सागरो की गहराई पृथ्वी के समुंद्र से 500 गुना अधिक है। आकार में भी पृथ्वी से विशाल हैं। मगर अफसोस इन ग्रहों को रहने की कोई गुंजाइश नहीं है। इसकी वजह इन ग्रहों का पारा पृथ्वी की तुलना में कहीं अधिक है और भाप से भरे हुए हैं और समंदर का पानी गरम है। यह दोनों अपने तारे के बहुत नजदीक है। जलवाष्प वाले इन ग्रहों का आकार पृथ्वी से बड़ा बताया जा रहा है। इसके साथ ही एक तीसरा ग्रह की भी खोज वैज्ञानिकों ने की है। इन बाहरी ग्रहों का नाम केप्लर-138 डी और केपलर-138 सी है। तारे का का नाम केपलर 138 बी है। यह ग्रह हमारे तारामंडल लायरा द हार्प की दिशा में मौजूद हैं और पृथ्वी से 218 प्रकाश वर्ष दूर है। दोनो ग्रह चट्टानी हैं। हालाकि जलवाष्प में डूबे इन ग्रहों पर इंसान के रहने की संभावना नहीं है, लेकिन बड़ी बात ये है कि अब हम तरल जल वाले ग्रहों की खोज कर पाने में सक्षम होने लगे हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि जैसे जैसे तकनीक विकसित होते जा रही है, वैसे वैसे हमारे खोज का दायरा भी फैलता जा रहा है और हम निरंतर ब्रह्माण्ड की गहराई में पहुंचते जा रहे हैं। अलबत्ता अब वह दिन दूर नही, जब हम पृथ्वी समान ग्रह को तलाश लेंगे और उसमे रहने भी लगेंगे।
नेचर एस्ट्रोनॉमी में हुआ प्रकाशित
इस उत्साहजनक खोज में खगोलविदों ने अंतरिक्ष की हबल और स्पिट्जर स्पेस टेलीस्कोप के डेटा का उपयोग किया और इस खोज को अंजाम तक पहुंचाया। इस कामयाबी को नेचर एस्ट्रोनॉमी में प्रकाशित किया गया है। जिस तारे की परिक्रमा कर रहे हैं वह लाल रंग का बौना ग्रह है।
16 सौ किमी गहरे हैं ये समुंद्र
ये दोनों ग्रह अपने तारे के बहुत करीब हैं, इसलिए उनका वातावरण गर्म है और भाप से भरा हुआ है। जिसमें तरल पानी उच्च दबाव के साथ बेहद गहरा है। इन सागरो की गहराई 16 सौ किलोमीटर से भी अधिक हो सकती है।
कनाडा के मॉन्ट्रियल विश्वविद्यालय में ट्रॉटियर इंस्टीट्यूट फॉर रिसर्च ऑन एक्सोप्लैनेट्स (iREx) के कैरोलिन पियाउलेट के वैज्ञानिकों ने यह खोज की है।
तीसरा ग्रह हो सकता है रहने योग्य
तीसरा ग्रह केप्लर-138 ई तारे से सबसे दूर स्थित है। यह रहने योग्य क्षेत्र में है। यह 38 दिनों में अपने तारे की परिक्रमा कर लेता है। खगोलविदों का मानना है कि इस ग्रह का द्रव्यमान पृथ्वी के 0.43 गुना अधिक है। बहरहाल इस ग्रह पर रिसर्च जारी हैं। उम्मीद है कि बहुत जल्द इसके अनेक रहस्य उजागर हो जाएंगे।
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स्रोत : 1.5-आर की अस्थिर-समृद्ध संरचना के साक्ष्य ग्रह।
फोटो: NASA/ESA/लिआ हस्तक (STScI)/Hubblesite.
Journalist Space science.
Working with India’s leading news paper.
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