कौन मारेगा बाजी ? चन्द्रयान 3 या लूना 25

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भारत का चन्द्रयान 3 और रूस का लूना 25 के मून मिशन में कौन महत्वपूर्ण खोज करेगा? नतीजा देखने लायक होगा। चन्द्रयान 3 व लूना 25 चंद्रमा के बेहद करीब पहुच चुके हैं और दुनिया की नजर दोनों देशों पर टिकी हुई हैं। अब दोनों मिशन को सॉफ्ट लैंडिंग के लिए कड़े इम्तिहान से गुजरना होगा। हालाकि रूस का लूना 25 भारतीय मिशन से दो दिन पहले चंद्रमा की धरती पर लैंड कर जाएगा

खास बात यह है कि चाँद पर पहुचने के लिए चंद्रयान 3 ने लंबा, सुरक्षित व कम खर्चीला रास्ता अपनाया है, जबकि रूस ने शार्टकट से जाना तय किया है। पिछले माह 14 जुलाई को चन्द्रयान 3 को लॉन्च किया गया था। इसकी तुलना में लूना 25 ने पिछले शुक्रवार को उड़ान भरी थी। दोनों मिशन की मंजिल व उद्देश्य एक है, लेकिन रास्ते अलग अलग हैं। खास बात यह है कि इन दिनों दुनियाभर के वैज्ञानिको में दो बातों को लेकर मुद्दा गरमाया है कि कौनसा मिशन पहले चाँद की धरती को स्पर्श करेगा और सॉफ्ट लैंडिंग में सफल हो पाएगा भी या नही। इन दोनों विषयों पर खासकर दुनिया मे लोगों की दिलचस्पी बढ़ गई है। दूसरी तरफ वैज्ञानिकों का मानना है कि पहले लैंडिंग का विषय बेमानी है। असल मुद्दा अनुसंधान होगा । बेहतर नतीजे आने चाहिए। चंद्रमा की नई जानकारी सामने आनी चाहिए और खोज को एक नई दिशा और आयाम मिलने चाहिए, जो मानव को अंतरिक्ष की चढ़ाई में किसी मुकाम तक पहुचा सके।

भारत व रूस से एक कदम आगे की तैयारी में अमेरिका

अमेरिकी अन्तरीक्ष एजेंसी नासा भारत व रूस से एक कदम आगे की तैयारी में जुटा है, जो चाँद के साथ मंगल ग्रह पर इंसान को पहुचाने का लक्ष्य निर्धारित कर चुका है। नासा की यह तैयारी पिछले एक वर्ष से तेज हो गई है। इस मिशन का नाम आर्टेमिस है। यह मिशन 4 चरण से भी आगे जाएगा। जिसका पहला चरण यानी आर्टेमिस 1 का पहला परीक्षण सफल हो चुका है। नासा का लक्ष्य आर्टेमिस 3 मिशन पर लोगों को चाँद पर पहुंचाना है। जिसे 2025 के अंत या 2026 में लॉन्च करने का लक्ष्य रखा गया है। चाँद पर उतरने को लेकर नासा 1972 के बाद यह तैयारी कर रहा है। नासा ने चाँद पर आंखिरी बार अपोलो 17 की लैंडिंग की थी। नासा आर्टेमिस के जरिये चाँद को पाने की दिशा में पिछली सारी कसर पूरी करने की चाहत रखता है।

तरल पानी की तलाश होगी खोज का अहम हिस्सा

भारत व रूस मून मिशन में तरल पानी की तलाश खोज का अहम हिस्सा साबित होगा, जो चाँद के दक्षिणी ध्रुव में मिल सकता है।
दोनों मिशन दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर उतारने वाले दुनिया के पहले देश बन जाएंगे। लूना-25 चंद्रमा की पानी व मिट्टी के नमूनों का विश्लेषण करेगा और चंद्रमा की सतह पर दीर्घकालिक वैज्ञानिक अनुसंधान करेगा। इधर चंद्रयान-3 मिशन एक लैंडर और एक रोवर ले जा रहा है, जो चाँद के वातावरण, मिट्टी, बर्फ व भूगर्भीय स्थिति की जांच करेगा।

श्रोत व फोटो: इसरो व रूस।


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