क्या क्षुद्रग्रह से आया पृथ्वी पर जीवन

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क्या क्षुद्रग्रह से आया पृथ्वी में जीवन

पृथ्वी में जीवन कहां से आया होगा ? यह ऐसा प्रश्न है, जिसका हाल अभी तक संभावनाओं तक सीमित है और अभी भी अनुत्तरित है। इसका सही जवाब कब मिल पाएगा, यह कोई नही जानता, लेकिन अच्छी बात यह है कि इस सवाल का जवाब जानने के लिए खगोलविद् निरंतर प्रयासरत हैं। संभावना जताई जाती है कि हो ना हो क्षुद्रग्रहों के जरिए पृथ्वी में जीवन आया हो और इसकी जांच पड़ताल को लेकर संयुक्त अरब अमीरात अंतरिक्ष में बढ़ा अभियान चलाने जा रहा है।

एक साथ 7 ग्रहों की होगी जांच पड़ताल

अंतरिक्ष के गुड़ रहस्यों को समझने के लिए संयुक्त अरब अमीरात भी दुनिया के बढ़े देशों में पीछे नहीं रहना चाहता है। मंगल व बृहस्पति के बीच एक साथ सात क्षुद्रग्रहों ग्रह पर चढ़ाई करने जा रहा है। इस अभियान को मंजिल तक पहुंचाने के लिए कमसेकम दस वर्ष का समय लगेगा, जो 2034 में पूरा हो सकेगा।

एमबीआर एक्सप्लोरर है मिशन का नाम

संयुक्त अरब अमीरात ने इस महत्वाकांक्षी क्षुद्रग्रह-बेल्ट मिशन की घोषणा कर दी है। वैज्ञानिकों का मानना है कि क्षुद्रग्रह हमारे सौर परिवार का वह महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, जिनका जन्म हमारे सौर परिवार की उत्पत्ति के दौरान हुआ है। जिस कारण वैज्ञानिक मानते हैं कि इनकी जांच पढ़ातल से उन रहस्यों का पर्दाफाश किया जा सकता है, जो आज तक पहेली बने हुए हैं। संयुक्त अरब अमीरात के इस परियोजना का नाम एमबीआर एक्सप्लोरर है।

2021से शुरू हुआ था मिशन पर कार्य

मिशन से जुड़े वैज्ञानिकों का मानना है कि क्षुद्रग्रह जीवन के निर्माण खंडों की मेजबानी कर सकता है। इस जटिल रहस्य को जानने के लिए अब से लगभग एक दशक बाद अंतरिक्ष यान लॉन्च करेगा। 2021से इस मिशन पर कार्य कर है। मिशन के तहत सात अलग-अलग अंतरिक्ष चट्टानों की यात्रा करेगा। अंत में 269 जस्टिटिया नामक एक क्षुद्रग्रह पर उतरेगा। इस मिशन को लेकर यूएई ने बयान जारी किया है कि हम कभी भी अंतरिक्ष में आगे देखना बंद नहीं करेंगे। अपनी युवा पीढ़ी के उज्जवल भविष्य व विकास के लिए यह बेहद जरूरी है।

क्षुद्रग्रह जस्टिटिया की सतह पर कार्बनिक अणु होने की संभावना

वैज्ञानिकों का मानना है कि जस्टिटिया की सतह पर कार्बनिक अणु हो सकते हैं। वास्तव में ऑर्गेनिक्स जटिल अणुओं के निर्माण खंड हैं, जो सही परिस्थितियों में जीवन बना सकते हैं। आम तौर पर वैज्ञानिक यह समझने के लिए पूरे सौर मंडल में पानी और जीवों की खोज करते हैं कि पृथ्वी पर जीवन कैसे उत्पन्न हुआ। वैज्ञानिकों का कहना है कि वह खोज जस्टिसिया पर विशेष रूप से सार्थक हो सकती है। हमारे ग्रह पृथ्वी के करीब होने के बाद मंगल और बृहस्पति के बीच क्षुद्रग्रह बेल्ट में चली गई और वर्तमान स्थिति में मौजूद है।

अत्याधुनिक उच्च तकनीक से विकसित होगा यह अंतरिक्ष यान

इस मिशन से क्षुद्रग्रहों के भूविज्ञान, संरचना की जांच की जा सकेगी। जिसके लिए चार विज्ञान उपकरण लगाए जाएंगे। जिसमें एक उच्च-रिज़ॉल्यूशन कैमरा, एक थर्मल इन्फ्रारेड कैमरा, एक मध्य-तरंग दैर्ध्य स्पेक्ट्रोमीटर और एक इन्फ्रारेड स्पेक्ट्रोमीटर स्थापित किया जाएगा।

श्रोत व फोटो : स्पेस. कॉम


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