आंखिर है कहां ये अदृश्य नौवां ग्रह
हमारे सौर मंडल में 9 ग्रह हैं? मगर नौवां ग्रह फिलहाल लापता यानी अदृश्य है। इस ग्रह को खगोलविदों ने प्लैनेट एक्स नाम दिया है और दिलचस्प बात यह है कि इस ग्रह को अभी तक देखा नहीं गया है। हमारे सौर मंडल के किसी आंखरी छोर में इस ग्रह की मौजूदगी होने का अनुमान लगाया जाता है, लेकिन हकीकत में यह ग्रह अभी अंधियारों में खोया हुआ है। जिसकी तलाश जारी है, लेकिन सफलता अभी हाथ नही लग पाई है।
कैसे पता चला प्लैनेट एक्स का
गणित के आधार पर इस प्लैनेट का पता चल पाया है। गणित के आधार पर ही नेपच्यून का पता चला था और अब यह दूसरा ग्रह होगा, जिसे देखे बिना ही खोज लिया गया हैं। यह ग्रह प्लूटो से बहुत दूर की कक्षा में हमारे सूर्य की परिक्रमा करता है। द्रव्यमान पृथ्वी के द्रव्यमान का लगभग 10 गुना हो सकता है और नेपच्यून की तुलना में सूर्य से लगभग 20 गुना अधिक दूरी पर परिक्रमा कर सकता है। सूर्य के चारों ओर एक चक्कर पूरा करने में 10 से 20 हजार साल लगने का अनुमान है। सैद्धांतिक गणितीय भविष्यवाणी कुइपर बेल्ट में कुछ छोटी वस्तुओं की कक्षाओं की व्याख्या कर सकती है, जो एक बर्फीला हिस्सा है। का एक दूर का क्षेत्र है जो नेपच्यून की कक्षा से बहुत आगे तक फैला हुआ है।
गणितीय मॉडलिंग व कंप्यूटर सिमुलेशन पर आधारित था शोध
जनवरी 2015 में कैलटेक खगोलविदों कॉन्स्टेंटिन बैट्यगिन और माइक ब्राउन ने नए शोध किया था। शोध से पता चला कि बाहरी सौर मंडल में एक असामान्य, लम्बी कक्षा का पता चला है। यह शोध गणितीय मॉडलिंग व कंप्यूटर सिमुलेशन पर आधारित था।
रोमांचक है यह खोज: जिम ग्रीन के शब्द
नासा के प्लैनेटरी साइंस डिवीजन के निदेशक जिम ग्रीन ने कहा, “एक नए ग्रह की संभावना निश्चित रूप से मेरे लिए एक ग्रह वैज्ञानिक के रूप में और हम सभी के लिए एक रोमांचक है।” “हालांकि, यह किसी नए ग्रह की खोज या खोज नहीं है। यह निश्चित रूप से कहना जल्दबाजी होगी कि एक तथाकथित ग्रह X है। हम जो देख रहे हैं वह सीमित अवलोकनों से मॉडलिंग पर आधारित एक प्रारंभिक भविष्यवाणी है। यह शुरुआत है एक ऐसी प्रक्रिया जो एक रोमांचक परिणाम की ओर ले जा सकती है।” ग्रीन ने कहा, “जब भी हमारे पास इस तरह का एक दिलचस्प विचार होता है, हम हमेशा आलोचनात्मक सोच के लिए कार्ल सागन के नियमों को लागू करते हैं, जिसमें तथ्यों की स्वतंत्र पुष्टि, वैकल्पिक स्पष्टीकरण की तलाश और वैज्ञानिक बहस को प्रोत्साहित करना शामिल है।” “अगर ग्रह एक्स बाहर है, तो हम इसे एक साथ ढूंढ लेंगे। या हम अब तक प्राप्त डेटा के लिए एक वैकल्पिक स्पष्टीकरण निर्धारित करेंगे।
क्या कहते हैं कैल्टेक के वैज्ञानिक
कैल्टेक वैज्ञानिकों का मानना है कि ग्रह X का द्रव्यमान पृथ्वी से लगभग 10 गुना हो सकता है और आकार में यूरेनस या नेपच्यून के समान हो सकता है। अनुमानित कक्षा नेपच्यून (जो 2.8 अरब मील की औसत दूरी पर सूर्य की परिक्रमा करती है) की तुलना में औसतन हमारे सूर्य से लगभग 20 गुना अधिक दूर है। इस नए ग्रह को सूर्य के चारों ओर केवल एक पूर्ण कक्षा बनाने में 10,000 से 20,000 साल लगेंगे (जहां नेपच्यून लगभग हर 165 वर्षों में एक कक्षा पूरी करता है)।
प्लैनेट एक्स के अस्तित्व को लेकर वैज्ञानिकों के बीच जारी है बहस
प्लैनेट एक्स है भी या नहीं। या फिर यह कोरी कल्पना है। जब तक इसका पता नही चल जाता, तब इस खोज को पूरा नहीं माना जा सकता। बहरहाल अभी तक इसे खोजा नहीं गया है, और वैज्ञानिक समुदाय में इस बारे में बहस चल रही है। एस्ट्रोनॉमिकल जर्नल में यह शोध प्रकाशित हो चुका है।
अनूठी है कुईपर बेल्ट की दुनिया
कुइपर बेल्ट का अध्ययन करने वाले खगोलविदों ने देखा है कि कुछ बौने ग्रह और अन्य छोटे, बर्फीले पिंड एक साथ उस समूह की कक्षाओं का भ्रमण करते हैं। इन कक्षाओं का विश्लेषण करने के बाद कैल्टेक टीम ने इस संभावना की भविष्यवाणी की थी और बताया कि अनदेखा बड़े आकार का ग्रह प्लूटो से बहुत दूर छुपा हो सकता है। गुरुत्वाकर्षण प्रभाव से कुइपर में विचरते वस्तुओं की पहचान संभव है।
वेब टेलिस्कोप खोज पाएगी इस ग्रह को?
जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप ब्रह्माण्ड की खाक छानने की सबसे बड़ी सुविधा अब मौजूद है, तो इस दूरबीन पर जाना लाजिमी है। भारतीय खगोल वैज्ञानिक प्रो आर सी कपूर कहते हैं कि प्लैनेट एक्स दिलचस्प ग्रह हो सकता है। जिस पर वैज्ञानिकों की लंबे समय से दिलचस्पी बनी हुई है। गणित के आधार पर की गई इस खोज को कतई झुठलाया नहीं जा सकता, लेकिन जब आंखों से देख नहीं लेते, तब तक पुष्टि भी भी नहीं की जा सकती। बहरहाल पिछले कुछ सालों में तकनीक व सुविधाओं का जबरदस्त विकास दुनिया की अंतरिक्ष एजेंसियों में हुआ है। भारत के पास डॉट यानी 3.6 मीटर व्यास की ऑप्टिकल दूरबीन उपलब्ध है तो आसमान की अपार ऊंचाई में वेब टेलिस्कोप मौजूद है। इन दोनो सुविधाएं प्लेनेट एक्स को देख सकती हैं।
Sources
Fesenmaier, Kimm, “Caltech Researchers Find Evidence of a Real Ninth Planet,” press release, last modified January 20, 2015
Konstantin Batygin and Michael E. Brown, “Evidence for a Distant Giant Planet in the Solar System,” The Astronomical Journal
Photo: Green, James, “A New Planet in our Solar System? NASA Takes a Look,” video statement, last modified January 20, 2015
Artist’s concept of a hypothetical planet orbiting far from the Sun. Credit: Caltech/R. Hurt (IPAC)
Journalist Space science.
Working with India’s leading news paper.
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