धरती के दुश्मनों को ठिकाने लगाने में सक्षम हम

Share It!

धरती के दुश्मनों (क्षुद्रग्रहों) को ठिकाने लगाने में सक्षम हैं हम

अब हम क्षुद्रग्रहों से निबटने सक्षम हैं। नासा के DART डोर्ट मिशन की सफलता के बाद नए अध्ययनों से इसकी पुष्टि कर दी है। पांच नए अध्ययनों के जरिए इसकी सटीक जानकारी सामने आई है। पृथ्वी की ओर आने वाले क्षुद्रग्रहों की राह बदल सकते हैं। उस पर हमला कर तोड़ सकते हैं। ज्ञात हो पिछले साल, नासा के दो क्षुद्रग्रह पर डॉट के जरिए परीक्षण किया था। डीएआरटी मिशन के तहत 600 किलोग्राम अंतरिक्ष यान की क्षुद्रग्रह से सुदूर अंतरीक्ष में टक्कर करवाई थी। इस मिशन ने क्षुद्रग्रह की गति और उसकी कक्षा को बदल दिया था और नष्ट हुए मलबे का पता भी लगा लिया है।

खतरनाक 31,360 क्षुद्रग्रह पृथ्वी के आस पास मडराते रहते हैं

क्षुद्रग्रह डिमोर्फोस एक सटीक लक्ष्य था। यह अपने बड़े चचेरे भाई, डिडिमोस के चारों ओर एक कक्षा में चक्कर लगा रहा था। जिसे एक चक्कर पूरा करने में सिर्फ 12 घंटे लगते थे। डार्ट ने इसी को लक्ष्य बनाया था। दरसल हमारा सौर मंडल मलबे से भरा हुआ है। यह मलवा तब का है, जब सौर मंडल में ग्रहों का निर्माण हो रहा था और ग्रहों के बनन के बाद बचा हुआ मलवा क्षुद्रग्रह के रूप में बड़ी संख्या में घूम रहा है। आज करीब 31,360 क्षुद्रग्रह पृथ्वी के आस-पास घूमने के लिए जाने जाते हैं। इनके अलावा छोटे क्षुद्रग्रह को खोज पाना आसान नही है और अब यही पृथ्वी के लिए खतरनाक हो सकते हैं।

150 मीटर का क्षुद्रग्रह पृथ्वी के बड़े हिस्से की तबाही कर सकता है

डिमोर्फोस जैसा 500 फुट यानी 150 मीटर का क्षुद्रग्रह पृथ्वी का सफाया तो नही कर सकता, लेकिन कुछ क्षेत्र में तबाही का बढ़ा कारण बन सकता है। सौर मंडल में छिटका हुआ मलवा यानी डिमोर्फोस जैसा 500 फुट (150 मीटर) का क्षुद्रग्रह सभ्यता का सफाया नहीं करेगा, लेकिन यह बड़े पैमाने पर हताहत और क्षेत्रीय तबाही का कारण बन सकता है। अभी तक लगभग 40 प्रतिशत मलवे को ही खोज पाए हैं।

दस साल पहले क्षुद्रग्रह ने हजारों लोगों को किया था घायल 

दस साल पहले रूस के चेल्याबिंस्क के ऊपर 18 मीटर का क्षुद्रग्रह फटा था। यह घटना कम खतरनाक नही थी। जिसके शॉकवेव ने हजारों खिड़कियां तोड़ दीं। मकानों को क्षतिग्रस्त कर दिया था। यह इतना खतरनाक मंजर था कि इस घटना में हजारों लोग बूरी तरह से घायल हो गए थे।

वैज्ञानिकों ने कहा – पृथ्वी से दूर करने के मामूली परिवर्तन जरूरी

शोधकर्ता वैज्ञानिकों ने कहा कि नासा के डार्ट मिशन का उद्देश्य पृथ्वी को खतरनाक क्षुद्रग्रहों के खतरे से बचाने की हमारी क्षमता का पहला प्रदर्शन था। जिसमे अभी भी इस गतिज प्रभावकारी तकनीक का उपयोग करने के लिए थोड़ी सी सुधार की आवश्यकता है। पहले क्षुद्रग्रह की कक्षा में हस्तक्षेप करते हैं, हमें इसे पृथ्वी से टकराने से दूर धकेलने के लिए छोटा सा परिवर्तन करना होगा। बहरहाल पहला प्रयास शत प्रतिशत सफल रहा। जिसमें डार्ट ने एक करोड़ किमी का सफर तय कर क्षुद्रग्रहों की दिशा बदल दी थी।

https://space23lyear.com

श्रोत: नासा।

फोटो: नासा।


Share It!