सौर तूफान की चपेट में वीनस (शुक्र ग्रह)

Share It!

सूर्य से उठे  सौर तूफान की चपेट में वीनस
सूर्य के अब तक के सबसे बड़े सौर तूफानों में एक विकराल ज्वाला (Solar Flare) देखी गई है। नासा के STEREO -1 अन्तरिक्ष यान ने भभकती ज्वाला का वीडियो कैमरे में कैद किया है। यह विस्फोट एक दिन पहले सूर्य के विपरीत यानी उस  हिस्से में हुआ है, जहा से पृथ्वी पर को असर नहीं पड़ सकता। अलबत्ता इस सौर तूफान का रुख सीधा वीनस ग्रह की ओर को बढ़ता देखा गया है। लिहाजा जितना बड़ा इस तूफान को बताया गया है, इसकी चपेट में वीनस का आना तय है। बहरहाल इसका पता बाद में चलेगा। विज्ञानिको की माने तो 2020 के बाद का यह सबसे बड़ा हाई चार्ज पार्टिकल्स High charge particals की सोलर फ्लेयर है और सौर ज्वालाओं पर शोध करने वाले वज्ञानिकों के लिए यह घटना महत्त्वपूर्ण है। इस सोलर साइकिल में सूर्य बेहद सक्रिय है। चार सन स्पॉट (सौर कलंक) ग्रुप अभी भी सूर्य में बने हुए हैं। जिनसे कभी भी विस्फोट हो सकते हैं। 
वीनस यानी शुक्र ग्रह की दिशा में बढ़ते देखा गया है सौर तूफान को 
नासा का कहना है कि सूर्य के पिछले हिस्से में यह विस्फोट हुआ है। जिससे पृथ्वी पर इसका असर नहीं आ सकता।  मगर यह सौर तूफान शुक्र की दिशा में आगे बढ़ता हुआ देखा गया है। लिहाजा इस तूफान का शुक्र पर किस तरह का प्रभाव पड़ेगा, यह शुक्र पर अध्ययन करने वाले बेहतर बता सकते हैं। बहरहाल उनके लिए यह घटना दिलचस्प हो सकती है। शुक्र की बात करें तो यह बेहद गर्म तापमान वाला  ग्रह है। कहा जाता है कि कभी इस ग्रह का वातावरण भी पृथ्वी की तरह रहा होगा। वहा नीले पानी के सागर थे और संभवतः हरियाली और जीवन भी रहा हो। मगर समय के साथ शुक्र पर गर्मी बढ़ती चली गई और वर्तमान में इतना गर्म हो चुका है कि धरती के पड़ोसी इस ग्रह पर जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। वीनस का जितना जिक्र करें, उतना कम है। इस ग्रह पर फिर विस्तार से जानकारी देंगे।
5 सितंबर की है ये घटना 
Space weather की जारी रिपोर्ट के अनुसार  सीएमई और विकिरण तूफान सूर्य के दूर की ओर कुछ विस्फोट हुआ। NASA के STEREO-A अंतरिक्ष यान ने 5 सितंबर के अंत के घंटों के दौरान उभरते हुए एक शानदार पूर्ण-प्रभामंडल CME दर्ज किया।  सीएमई का नासा मॉडल इसे पृथ्वी से दूर और सीधे शुक्र की ओर बढ़ते हुए दिखाता है। एक हफ्ते में यह दूसरी बार होगा जब शुक्र पर कोई बड़ा सौर तूफान आया हो। 1 सितंबर को एक पूर्व सीएमई भी हुई थी। शायद उसी दूर के सनस्पॉट द्वारा लॉन्च किया गया था।
क्या कहते हैं वैज्ञानिक जॉन्स हो
इस घटना की महत्ता को देखते हुए जॉन्स हॉपकिन्स एप्लाइड फिजिक्स लैब के जॉर्ज हो कहते हैं कि यह कोई रन ऑफ मिल इवेंट नहीं है। कई विज्ञान के पेपर आने वाले वर्षों में इसका अध्ययन करेंगे। “हो ” यूरोप के सोलर ऑर्बिटर अंतरिक्ष यान में एक ऊर्जावान कण डिटेक्टर के लिए प्रमुख अन्वेषक है ।  उसे अभी बहुत सारा डेटा मिल रहा है। सोलर ऑर्बिटर ने सूर्य के चारों ओर अपनी कक्षा को समायोजित करने के लिए शुक्र (केवल 6420 किमी दूर) के एक करीबी फ्लाईबाई का प्रदर्शन किया। यह तूफान का निरीक्षण करने के लिए एकदम सही स्थिति में है।
 5 सितंबर की घटना सबसे बड़े (यदि सबसे बड़ा नहीं) सौर ऊर्जावान कण (एसईपी) तूफानों में से एक है, जिसे हमने 2020 में सोलर ऑर्बिटर के लॉन्च होने के बाद से देखा है,” हो कहते हैं। “यह पिछले सप्ताह के सीएमई से विकिरण तूफान की तुलना में कम से कम परिमाण का एक क्रम है।
सूर्य के विपरीत दिशा से उठे तूफान से पृथ्वी प्रभावित नही होती
सूर्य के विपरीत दिशा में हो रहे तूफान से पृथ्वी प्रभावित नहीं होती है। हालाँकि, हम इसके स्रोत से सुरक्षित नहीं हो सकते हैं। अंतर्निहित विस्फोट लगभग निश्चित रूप से AR3088 के चुंबकीय चंदवा में हुआ, एक सक्रिय सनस्पॉट जो अगस्त में सूर्य के पृथ्वी के किनारे पर दिखाई दिया। यह अब दूर की ओर बढ़ रहा है, जाहिरा तौर पर पहले से बड़ा और अधिक उग्र। सूर्य का घूमना AR3088 को एक हफ्ते से भी कम समय में फिर से हमारी ओर मोड़ देगा, जिससे पृथ्वी वापस आग की कतार में आ जाएगी। 
श्रोत : spaceweather.com
फोटो: STEREO -1 

Share It!