एक दूसरे को निगल जाएंगी दो आकाशगंगाएं
पृथ्वी से लगभग 8 अरब प्रकाश वर्ष दूर होने आकाशगंगाओं का एक
विशाल समूह देखा गया है। इस समूह में दो अंडाकार आकृति की अकाशगंगाएं एक दूसरे को निगल रही हैं। यह अद्भुत खगोलीय घटना लंबे समय तक जारी रहेगी। इस घटना से आकाशगंगाओं के व्यवहार के साथ अंत का पता चलेगा । जिस कारण इस घटना पर वैज्ञानिकों की नजर रहेगी।
ब्रह्माण्ड जिस रफ्तार से फैल रहा है, उसी गति से नष्ट भी हो रहा है। नासा की हबल टेलिस्कोप ने आकाशगंगाओं का विशाल समूह को देखा है, जिसमें दो आकाशगंगाएं एक दूसरे को निगलने जा रही हैं। यह आकाशगंगा समूह
पृथ्वी से लगभग 8 अरब प्रकाश वर्ष दूर स्थित है।
इस आकाशगंगा का नाम इएमएसीएस जे 1353.7 +4329 है। केन्स वेनाटिसी तारामंडल में विशाल आकाशगंगाओं का समूह मौजूद है, जो ब्रह्मांड के सुदूर कोने में ब्रह्मांडीय राक्षस की तरह आगे बड़ रही हैं। हबल स्पेस टेलीस्कोप ने इसकी तस्वीरें ली हैं। खोजकर्ता यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के वैज्ञानिकों का कहना है कि आकाशगंगा का यह समूह बेहद खौफनाक है। जिसमें कम से कम दो अण्डाकार आकाशगंगा समूह एक साथ विलय की प्रक्रिया में हैं। जिसके चलते दोनों आकाशगंगाओं में मौजूद करोड़ों तारों के साथ ग्रह नक्षत्रों का भरा पूरा संसार नष्ट हो जाएगा। यह इतनी बड़ी घटना होगी कि जिसकी आम इंसान कल्पना भी नहीं कर सकता। जिस कारण इसे ब्रह्मांडीय राक्षस कहने में अतिश्योक्ति नहीं होगी। तस्वीरों में आकाशगंगाओं का समूह अंडाकार आकृतियों की घनी भीड़ के रूप में दिखाई देते हैं। प्रत्येक आकाशगंगा में एक चमकीले कोर के चारों ओर एक चमकदार नारंगी प्रभामंडल होता है। तमाम आकाशगंगाएँ बिखरी हुई हैं। साथ ही एक चमकीला तारा नजर आता है , जो चार अलग-अलग विवर्तन स्पाइक्स के साथ विस्फोट करता प्रतीत होता है। शोधकर्ताओं के अनुसार आकाशगंगाओं में गुरुत्वाकर्षण लेंसिंग नजर आता है। ऐसा तब होता है जब बड़े पैमाने पर विलय करने वाली आकाशगंगाएं विकृत हो जाती हैं और उनका प्रकाश बढ़ जाता है ।
मिल्की वे भी पड़ोसी आकाशगंगा से टकराकर खत्म हो जाएगी।
आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान एरीज के तारों के वरिष्वैठ वैज्ञानिक डा शशिभूषण पांडेय कहते हैं कि तारों समेत आकाशगंगाओं का अपना निश्चित अवधि का जीवन है, जिस तरह तारे नष्ट हो जाते हैं, उसी तरह आकाशगंगाएं भी एक दूसरे में विलय होकर समाप्त हो जाती हैं। हमारी पड़ोसी आकाशगंगा व मिल्की वे को लेकर माना जाता है कि भविष्य में यह दोनो आकाशगंगा एक दूसरे के साथ टकराकर आपस में विलय हो जाएंगी। मगर फिलहाल ऐसा कुछ नही होने वाला है। कई अरब साल बाद यह समय आयेगा।
श्रोत व फोटो : अर्थ स्काई ।
Journalist Space science.
Working with India’s leading news paper.
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