आज नही तो कल होगा मंगल अपना

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आज नही तो कल होगा मंगल पर जीवन का अगला पड़ाव

मंगल की धरती पर नित नई खोज और सामने आ रहे सार्थक नतीजों से लग रहा है कि हो न हो मानव का अगला जीवन मंगल की धरती पर होगा। जीवन होने की संभावना के जो साक्ष्य मिले है, वह मंगल पर जीवन की संभावनाओं को बल देते हैं। वैज्ञानिकों की ताजा खोज में मंगल में ओपल मिला है। ओपल एक गड्ढे में स्थित है। ओपल होने का मतलब है कि पूर्व में कभी मंगल पर जीवन रहा होगा। इस ओपल को निचोड़ा जाए तो इसमें से काफी मात्रा में तरल पानी निकल सकता है, ऐसा खोज करने वाले वैज्ञानिकों का कहना है। हालाकि पूर्व में मंगल पर पानी के कई निशान मिले हैं, लेकिन इस बार की खोज उत्साह बढ़ाने के साथ मंगल पर जीवन की संभावनाओं को बढ़ावा देने वाली है और यह विश्वास भी दिलाती है कि लाल ग्रह की धरती ही मानव का अगला पड़ाव होगा।

 नासा के क्यूरियोसिटी ने ढूंढे थे सुराग 

पिछले कुछ दशकों में नासा के रोवर्स और ऑर्बिटर्स ने मंगल ग्रह पर प्राचीन तरल पानी के कई सबूत पाए हैं। मगर क्यूरियोसिटी रोवर ने ओपल का प्रमुख सुराग खोज निकाला। नासा का क्यूरियोसिटी मंगल की धरती के गड्ढों की खोज में बड़ी भूमिका निभाई है। जिसमें गेल नामक गड्डे मे यह गड्ढा मिला है। गड्डे में हल्के रंग की चट्टानें हैं, जिसमे यह पता चला है, कि इस ओपल में पानी से समृद्ध वातावरण में बनता है। दिलचस्प बात यह है कि वैज्ञानिकों का कहना है कि गेल क्रेटर की अन्य चट्टानों की तुलना में भूगर्भीय रूप से इसके चारों ओर जो प्रभामंडल और दरारें हैं, वे भूगर्भीय रूप से बहुत छोटी हैं। इससे पता चलता है कि इस क्षेत्र में चारों ओर बहुत अधिक मात्रा में इसकी सतह पर पानी था।

रहा हो सकता है सूक्ष्म जीवों का अस्तित्व

यूएसजीएस एस्ट्रोजियोलॉजी साइंस सेंटर में ट्रैविस गेब्रियल के अलावा पहले एरिज़ोना स्टेट यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों के नेतृत्व में यह नया किया गया। यह शोध 19 जेजीआर प्लानेट्स में शोध प्रकाशित किया गया। ओपल की खोज का मंगल ग्रह पर जीवन की क्षमता पर भी प्रभाव डालता है। इसका मतलब यह है कि इसकी सतह के नीचे सूक्ष्मजीवों के अस्तित्व हो सकता है।

मंगल की धरती और भी ओपल हो सकते हैं

गेल क्रेटर में प्राचीन झीलों के सूखने के काफी समय बाद अलग वातावरण बना होगा । खास बात यह है कि अंतरिक्ष यात्रियों के लिए ओपल भविष्य में काफी हद तक पानी का उपयोग कर सकता है। इसके उपयोग के लिए ओपल को निचोड़ना है और तापमान को बढ़ाना है। इस विधि से तरल जल मिल उपलब्ध हो जाएगा। वैज्ञानिकों का मानना है कि मंगल पर दूसरी जगहों पर भी ओपल हो सकते हैं।

एरीज के खगोल विज्ञानी डा शशिभूषण पांडेय कहते हैं

मानव के लिए किसी दूसरे ग्रह पर जीवन बसाना कतई असंभव नहीं है। जरा सोचिए पृथ्वी पर जीवन की उत्पत्ति के बाद किस तरह की कठिनाइयों का सामना मानव को करना पड़ा होगा, तब मानव के पास कोई सुविधा नहीं होगी। विषम परिस्थितियों के बीच खुद को स्थापित करने के लिए कितना संघर्ष करना पड़ा होगा। तब कि तुलना में वर्तमान हालात बेहद संपन्न हैं, लेकिन दूसरे ग्रह पर वो प्राकृतिक संसाधन नही हैं, जो तब उपलब्ध थे। अब मानव के पास असीम तकनीक हैं और सुविधाएं हैं। जिनके बल पर मंगल जैसी धरती पर जीवन बसाना नामुमकिन नहीं है। बेशक यह संघर्ष बहुत बड़ा होगा मगर असंभव तो कतई नहीं।

https://space23lyear.com

Source: EarthSky.

Photo: NASA/JPL-Caltech/ MSSS .

 


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