ये बला भी आज टल जाएगी,, 110 फिट का पिंड आज गुजर जाएगा

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शनिवार को धरती का एक और बड़ा दुश्मन यानी  क्षुद्रग्रह हमारे करीब आ रहा है। इसका आकार 110 फिट का है। नासा ने इसके पृथ्वी के करीब आने की चेतावनी जारी की है। शूद्र ग्रहों पर नजर रखने वाले इस पर हर नजर लगाए हुए हैं।

 

2022 OT1 है इस पिंड का नाम
इस शूद्र ग्रह को नाम 2022 OT1 है। पिछले महीने ही इसे खोजा गया था। इस दुश्मन पर तभी से नजर रखी जा रही है। यह बहुत तेजी से धरती के नजदीक बड़ रहा है। इसका आकार वास्तव में बहुत बड़ा है। अगर यह शूद्र ग्रह धरती से टकराता है तो इससे धरती के काफी बड़े हिस्से के भारी तबाही मच सकती। मगर फिलहाल ऐसा कुछ भी नही होने वाला है।

 

20808 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से बड़ रहा आगे

इस क्षुद्रग्रह तेज गति बेहद तेज है, जो 20808 किमी प्रति गुआजते की रफ्तार से आगे बड़ रहा है। 2022 OT 1 नामक यह पिंड सख्त चट्टानी है। धारती से पास पहुंचने और इसके आगे बढ़ने तक इस पर नजरें बनी रहेंगी। इसके बाद भी यह वैज्ञानिकों की नजर से ओझल नहीं हो सकेगा।

धरती पर कई बार तबाही मचा चुके हैं क्षुद्रग्रह

इतिहास गवाह है कि इन छोटे पिंडों से धरती मार खाती रही है। पृथ्वी के कई हिस्सों में इनके टकराने के निशान आज भी मौजूद हैं। माना जाता है कि पूर्व में डायनासौर जैसे विशालकाय जीवों के अस्तित्व को धरती से मिटाने में इन्ही की भूमिका रही है। जिस कारण इन्हें पृथ्वी के दुश्मन के रूप में माना जाता है।

बहुत छोटे पिंड बच निकलते हैं नजरों से

इसके दोराय नही कि बड़े आकार के शूद्र ग्रहों को पृथ्वी के करीब आने से बहुत पहले ढूंढ लिया जाता है, बहुत छोटे आकार के शूद्र ग्रह विज्ञानियों की आंखों में धूल झोंककर आगे बड़ जाते हैं। मगर नजरों से बच निकलने वाले ऐसे पिंडों से नुकसान नहीं पहुंचता।

47 लाख किमी की दूरी से गुजरेगा यह शूद्र ग्रह

नासा का कहना है कि भले ही यह नियर अर्थ ऑब्जेक्ट है । नियर अर्थ ऑब्जेक्ट को खतरनाक श्रेणी मे माना जाता है। जिनके भविष्य में धरती से टकराने की आशंका बनी रहती है। आज धरती करीब पहुंच रहे 2022 OT1 पृथ्वी से 27 लाख किमी की दूरी से अपने पथ पर आगे बड़ जाएगा। यह धरती से बहुत दूर की दूरी है। जिस कारण इससे पृथ्वी को कोई खतरा नहीं है।

10 मीटर से छोटे आकार के शूद्र ग्रह जलकर खाक हो जाते हैं।

बहुत छोटे आकार के ये पिंड भले ही वैज्ञानिकों की नजरों से बच निकलते हैं, लेकिन ये धरती की सतह तक नहीं पहुंच पाते। क्योंकि धरती के करीब पहुंचने पर यह हमारे वातावरण में पहुंचते ही जल उठते हैं और नष्ट हो जाते हैं। जिस कारण वैज्ञानिक इन छोटे आकार के पिंडों की परवाह नही करते।

धरती के इन दुश्मनों से निबटने को सक्षम हैं हम

ऐसा नहीं है कि कोई शूद्र ग्रह धरती की ओर अपने कदम बड़ा दे तो वह हम से टकरा जाएगा। सही बात तो यह है कि हमारे पास इतनी तकनीक विकसित हो चुकी है कि इनसे हम आसानी से बच सकते हैं। इनके धरती करीब आने पहले ही आसमान के चिथड़े उड़ा सकते हैं। इसके अलावा ग्रेविटी की तकनीक से उसका मार्ग बदला जा सकता है। जिसके चलते वह धरती के करीब से सुरक्षित आगे बड़ जाएगा।

 


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