फिर जीवित हुआ वीनस तो जीवन भी होगा शुक्र की धरती पर

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फिर जीवित हुआ वीनस तो जीवन भी होगा इसकी धरती पर

वीनस (शुक्र ग्रह) न केवल पृथ्वी जैसा है, बल्कि सौरमंडल में हमारा सबसे चहेता व प्यारा ग्रह है। मगर वर्तमान में वीनस की हकीकत यह है कि वह किसी नरक से कम नहीं है। मगर हाल का शोध बताता है कि यह ग्रह फिर से जीवित हो सकता है। यानी अगर यह ग्रह पुनः जीवित हुआ तो इस ग्रह पर मानव जीवन की संभावना बन सकती है। बहरहर नएअध्ययन से पता चलता है कि शुक्र का ‘स्क्विशी’ उसके बाहरी आवरण ग्रह को पुनर्जीवित कर सकता है। यह खोज हमारे लिए कमसेकम बहुत अच्छी खबर है। आइए जानते हैं क्या कहते हैं खोजकर्ता वैज्ञानिक।

भूगर्भीय हलचल से कम होती है गर्मी

शोध में अभिलेखीय नासा के डेटा से पता चलता है कि शुक्र कोरोना नामक क्षेत्रों में भूगर्भीय गतिविधि से गर्मी खो रहा है, संभवतः पृथ्वी पर शुरुआती टेक्टोनिक गतिविधि की तरह। पृथ्वी और शुक्र लगभग समान आकार और चट्टान रसायन के चट्टानी ग्रह हैं, इसलिए उन्हें अंतरिक्ष में अपनी आंतरिक गर्मी लगभग उसी दर से खोनी चाहिए जैसा कि पृथ्वी की गर्मी गायब हुई थी। मगर यहां शुक्र का ताप प्रवाह तंत्र एक रहस्य रहा है। नासा के मैगेलन मिशन के तीन दशक पुराने डेटा का उपयोग कर शुक्र के ठंडा होने के तरीके पर एक नई दृष्टि प्रदान की है। जिसके तहत शुक्र की सबसे ऊपरी परत के पतले क्षेत्र से यह पता चलता है।

कभी पृथ्वी भी बहुत गर्म हुआ करती थी

पृथ्वी में एक गर्म कोर है जो आसपास के मेंटल को गर्म करता है, जो उस गर्मी को पृथ्वी की कठोर बाहरी चट्टानी परत, या लिथोस्फीयर तक ले जाता है। गर्मी तब अंतरिक्ष में खो जाती है, मेंटल के ऊपरी क्षेत्र को ठंडा कर देती है। यह मेंटल खिसकने वाली प्लेटों के पैचवर्क को गति में रखते हुए सतह पर विवर्तनिक प्रक्रियाओं को संचालित करता है। शुक्र के पास टेक्टोनिक प्लेटें नहीं हैं, इसलिए ग्रह अपनी गर्मी कैसे खोता है और इसकी सतह को क्या प्रक्रियाएँ आकार देती हैं, यह ग्रह विज्ञान में लंबे समय से चलने वाले बड़े प्रश्न हैं।

वैज्ञानिकों का ध्यान आकर्षित करने वाली है यह खोज

दक्षिणी कैलिफोर्निया में नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी के वैज्ञानिकों ने यह खोज की है। यह खोज वास्तव में खगोलविदों का ध्यान वीनस की ओर आकर्षित करने वाली है। निकट भविष्य में शुक्र पर अध्ययन तेज होने की संभावना बड़ गई हैं। अगर शोध सही दिशा में हुए तो संभव है कि इस ग्रह को ठंडा करने के उपाय मिल जाएं और मंगल की तरह इस ग्रह पर भी मानव बस्ती बसाने की योजनाएं बनने लगे। वर्तमान में इस ग्रह के तापमान चार डिग्री सेल्सियस से अधिक है। जहां कमसेकम वर्तमान में जीवन की कल्पना बेमानी है।

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श्रोत: नासा।

फोटो: नासा।


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