दो मुँह वाले तारे ने किया आष्चर्यचकित

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दो मुँह वाले तारे ने वैज्ञानिकों को किया आष्चर्यचकित

पृथ्वी से एक हजार प्रकाश वर्ष दूर मिले सफेद बौने तारा ने वैज्ञानिकों को हैरान कर दिया है। यह दो मूंह वाला तारा है। आज से पहले कभी इस तरह का तारा नही देखा गया था। यह तारा आश्चर्यजनक तरीके से हर 15 मिनट में अपने कक्ष में चक्कर पूरा कर लेता है।

कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के पोस्टडॉक्टरल स्कॉलर के वैज्ञानिकों ने यह खोज की है। इस खोज को लेकर खगोल भौतिकीविद् इलारिया कैयाज़ो का कहना है कि यह पूरी तरह से आकस्मिक खोज है। इस खोज में जो देखा वह स्तब्ध कर देने वाला था। इसका अध्ययन करने के बाद पता चला कि इस तारे की गोलाकार सतह के दोनों किनारों पर दो अलग-अलग तत्व थे, जो बीच में से कटे हुए थे। जिसके एक तरफ हाइड्रोजन था तो दूसरी तरफ हीलियम नजर आया।सैद्धान्तिकरूप में हाइड्रोजन व हीलियम का दो बराबर हिस्सों में विभाजन संभव नही हो सकता, लेकिन इसके विपरीत वास्तव में उन्हें यह नजर आ रहा था और वैज्ञानिकों के लिए यही सबसे बढ़ी वजह हैरान करने वाली थी। इसे देखने के बाद दो-मुंह वाले इस तारे का उपनाम
रोमन देवता के नाम पर “जानूस” रख दिया गया।इसका वैज्ञानिक नाम जेडटीएफ जे
203349.8+322901.1है। वैज्ञानिकों ने स्पेक्ट्रोमीटर से लेकर सैन डिएगो व कैलिफोर्निया ज़्विकी ट्रांजिएंट फैसिलिटी प्रयोगशालाओं में बारी बारी से अध्ययन किए। वैज्ञानिक कैयाज़ो का कहना है कि वह तेजी से घूमने वाले और अत्यधिक चुंबकीय सफेद बौनों की तलाश कर रहे थे। मगर जब उन्होंने इस दो मुँह वाले बौने तारे को देखा तो वह समझ गए कि यह कुछ अलग है और तारे का ही कोई नया रूप है।

ब्रह्मांड में और भी हो सकते हैं इस तरह के तारे

वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि ब्रह्मांड में जानूस जैसे दो मुह वाले बौने तारे और भी हो सकते हैं । इसके लिए उन्हें अध्ययन का दायरा बढ़ाना होगा। यह वास्तव में महत्वपूर्ण खोज है। इसके लिए दुनिया के वैज्ञानिकों को मिलजुल शोध करने होंगे। इससे निश्चित ही संभव है कि कुछ और नए रहस्य उजागर हो सकेंगे।

श्रोत व फ़ोटो: अर्थ स्काई।


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