भयानक विस्फोटों से पटी सूरज की सतह

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इस वर्ष भयानक आग उगल रहा सूरज

15 करोड़ किमी दूर सूरज की तपिश का असर पृथ्वी पर इस वर्ष पर खूब देखने को मिला है। भीषण विस्फोटों का दौर फिलहाल थमने वाला नही है, जो अगले वर्ष अक्टूबर तक जारी रहने वाला है। विस्फोटों के बाद हजारों लाखों किमी तैरती लपटों ने इस बार सूर्य की सतह पर हाहाकार मचा रखा है। नासा, ईसा और  इसरो के गगनयान इस तबाही के गवाह हैं।
एक्स 14 की ज्वाला ने रचा इतिहास

इस बार सूर्य की सतह पर उठी एक्स 14 क्लास की ज्वाला ने इतिहास रच दिया। इस सोलर साइकिल की यह सबसे बढ़ी ज्वाला रिकार्ड की गई है, जो कूछ दिन पहले उठी थी। बढ़ी घटना यह रही कि इस ज्वाला का कोण 360 डिग्री रहा। जिसका सीधा मार्ग पृथ्वी की तरफ होता तो बढ़ी घटना हो सकती थी। इस ज्वाला से सौर तूफान का असर पृथ्वी के ध्रुवों पर देखने को मिला है।
पृथ्वी ही नही मंगल समेत कई अन्य ग्रहों पर देखा गया असर
360 डिग्री की विशाल ज्वाला से निकले उच्च ऊर्जावान कणों को सूर्य ने चारों ओर छिटकाया है। सूर्य के नजदीकी ग्रह बुध, शुक्र व मंगल की धरती तक सौर तूफानों ने कहर ढाया है। ऐसा सौर वैज्ञानिको का मानना है। अलबत्ता पृथ्वी पर मंगलवार 30 जुलाई को इसका असर ध्रुवों पर देखा गया।
यूरोप के सोलर ऑर्बिटर (सोलो)  ने विस्फोट  कैमरे में कैद किया
 गुरुवार की रात सूर्य की सतह पर भयानक विस्फोट हुआ था। जिसे यूरोप के सोलर ऑर्बिटर (सोलो)  ने  कैमरे में कैद किया। आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान एरीज के पूर्व  निदेशक व सौर वैज्ञानिक डा वहाब उद्दीन का कहना है कि यह विस्फोट भयानक रहा होगा।
नासा समेत दुनिया के वैज्ञानिकों को चकमा दे गया सूर्य
25वां सोलर साइकिल वैज्ञानिकों के पूर्वानुमानों को चकमा देने वाला रहा है। उम्मीद से परे यह सौर भयानक विस्फोटों से गुजर रहा है। सौरविदों का अनुमान था कि 24वें चक्र की तरह यह चक्र भी सामान्य रहेगा। मगर ऐसा नही हुआ और विस्फोटों की झड़ी लगा गया।
269 सौर कलंकों से पट चुकी सूरज की सतह
इस सौर चक्र में 269 सौर कलंक सूर्य की सतह पर पट चुके हैं। अभी भी कई सन स्पॉट समूह सूर्य की सतह पर छाए हुए हैं। इस सौर चक्र में अभी तक सैकड़ों विस्फोट हो चुके हैं।
इस सौर चक्र की अत्यधिक सक्रियता का समय  2025 तक रहने वाला है। मतलब अभी भीषण विस्फोटों को देखे जाने का समय बाकी है।
इसरो का आदित्य एल 1 भी निगाहें जमाए हुए है सूर्य पर
इसी वर्ष जनवरी में सूर्य के करीब पहुचा भारतीय अंतरिक्ष यान आदित्य एल 1 सूर्य पर नजर जमाए हुए है। इसरो के आदित्य ने सूर्य से निकलने वाली लपटों को कैमरे में उतारना शुरू कर दिया है। इसरो की साइट में तस्वीरों को देखा जा सकता है।
इस सौर चक्र की बढ़ी ज्वालाएं
इस सौर चक्र के मैक्सिमा में सूर्य ने
 20 मई 2024 X12 श्रेणी की भयानक आग उगली थी, जबकि 17 जुलाई 2023 X10 की ज्वाला उगली थी। ये दोनों ज्वालाएं  सूर्य के पिछले भाग से उठी थी। सूर्य के पृथ्वी की दिशा की तरफ अब तक की सबसे बड़ी ज्वाला 14 मई 2024 को X8.9 दर्ज की गई।
लेखक: बबलू चंद्रा।
श्रोत:  पूर्व निदेशक व सौर वैज्ञानिक डा वहाबउद्दीन, आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) नैनीताल।

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