ब्रह्माण्ड की महाशक्ति है डार्क एनर्जी 

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ब्रह्माण्ड की महाशक्ति है डार्क एनर्जी 

डार्क एनर्जी समूचे अंतरिक्ष में समय के माध्यम से समान रूप से फैली हुई है। दरअसल  डार्क एनर्जी ब्रह्माण्ड की वह महाशक्ति है, जिसे लेकर आज भी अंधेरा छट नहीं पाया है। यही वह महाशक्ति है, जो ब्रह्माण्ड को फैला रहा है। हालही में इस पर हुए शोध में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य सामने आए हैं। यह शोध बताता है कि डार्क एनर्जी रहस्यमयी वह शक्ति है, जो ब्रह्मांड का त्वरित विस्तार कर रही है। यह समूचे अंतरिक्ष में समय के माध्यम से समान रूप से फैली हुई है।

1920 में पहली बार अस्तित्व का पता चला था

डार्क एनर्जी के अध्ययन के अतीत में 1920 के दशक में अमेरिकी खगोलशास्त्री एडविन हबल ने दूर की आकाशगंगाओं का अवलोकन किया था। जिससे पता चला कि आकाशगंगाएं हमसे दूर जा रही हैं। साथ ही आकाशगंगा जितनी दूर है, उतनी ही तेज़ी से दूर जा रही है। यह वह सत्य था, जिससे वैज्ञानिकों को पता चला कि ब्रह्मांड का विस्तार हो रहा है। यह काफी चौंकाने वाली खोज थी। इस खोज ने उस समय विचार को पलट दिया , जो मानते थे कि ब्रह्मांड स्थिर स्थिति में स्थित है।

1998 में पता चला कि ब्रह्माण्ड का तेजी से फैलाव हो रहा है

इसके बाद 1998 की नई खोज और भी चौंकने वाली थी कि जब पता चला कि ब्रह्माण्ड का न केवल विस्तार हो रहा है, बल्कि बहुत तेज हो रहा है। तब ब्रह्माण्ड के विस्तार को समझने के लिए डार्क एनर्जी का अस्तित्व समझ में आया। यह शक्ति ब्रह्मांडीय विस्तार को गति देने के लिए एक प्रकार का ‘एंटी-ग्रेविटी’ प्रदान करती है।

ब्रह्माण्ड में 76 फीसद हिस्सा डार्क एनर्जी का है

नए शोध में डार्क एनर्जी को काफी हद तक स्पष्ट तरीके से समझा गया है कि इसका ब्रह्मांड में लगभग 76 फीसद हिस्सा ऊर्जा और पदार्थ शामिल हैं। मगर आज भी वैज्ञानिक इस बारे में अंधेरे में हैं कि यह वास्तव में क्या है, या इसने ब्रह्मांड पर कार्य करना क्यों शुरू किया। बिग बैंग समाप्त होने के परिणामस्वरूप ब्रह्मांड के प्रारंभिक तीव्र विस्तार के बाद के ब्रह्मांड का तेजी से विस्तार बढ़ता जा रहा है।

रॉयल एस्ट्रोनॉमिकल में प्रकाशित हुआ शोध

यह शोध शोध रॉयल एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी के मासिक नोटिस में प्रकाशित हुआ है। जर्मनी में लुडविग-मैक्सिमिलियन्स यूनिवर्सिटी के खगोल वैज्ञानिकों ने यह शोध किया है। इस शक्ति को लेकर वैज्ञानिकों का कहना है कि डार्क एनर्जी को ठीक से समझ लेने के बाद जाना जा सकता है कि आकाशगंगा समूह कैसे और कहां बन सकते हैं।

इसके रूप रंग का रहस्य आज भी बरकरार

ये तय है कि डार्क एनर्जी का अस्तित्व है। मगर इसकी असल सूरत अभी तक सामने नहीं आई है। यह ग्रेविटी की तरह अदृश्य शक्ति है। वैज्ञानिक कहते हैं कि यह इतनी बढ़ी शक्ति है, जो ब्रह्माण्ड का निरंतर विकास कर रही है। आकाशगंगाओं को जन्म दे रही हैं, उनका विकास कर रही है। बहरहाल खगोलविद् इसके बारे में जानकारी जुटाने में अध्ययनरत हैं।

श्रोत व फोटो : अर्थ स्काई


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