सूर्य – 20वीं सदी का रिकार्ड टूटने के कगार पर

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20वीं सदी का रिकार्ड टूटने के कगार पर

सूर्य इस सोलर चक्र में जबरदस्त सक्रिय है। सौर कलंक पिछले 21 सालों का रिकार्ड तोड़ चुके हैं। इस सीजन में सौर भाभुकाएं भी जबरदस्त आग उगल रही हैं। सूरज की सतह पर जबरदस्त विस्फोट हो रहे हैं। जिनका असर पृथ्वी के ध्रुवों पर आए दिन नजर आ रहा है। सौर सक्रियता का अभी यह हाल है, जबकि इसका पीक दौर आना अभी बाकी है, जो अगले डेढ़ साल बाद शुरू होगा। जिस कारण वैज्ञानिक अनुमान लगा रहे हैं कि यह सोलर साइकिल पिछले सदी के रिकार्ड तोड़ सकता है।

सूर्य की सतह पर सनस्पॉट सौर कलकों ने पिछले 21 साल का रिकार्ड तोड़ दिया है। 2002 के बाद इस बार जून माह में अत्यधिक सौर कलंक देखने को मिले हैं, जो अपेक्षा से कहीं अधिक उभर रहे हैं। सौर कलंकों का बढ़ी संख्या में उभरने से सौर वैज्ञानिक हैरानी जता रहे हैं।

रॉयल ऑब्जर्वेटरी ऑफ बेल्जियम सोलर इन्फ्लुएंस डेटा एनालिसिस सेंटर ने रिपोर्ट जारी की है। यह संस्था सूर्य में होने वाली गतिविधि का रिकार्ड रखती है। नई रिपोर्ट में कहा गया है कि जून माह में औसत सनस्पॉट संख्या 163 रही। बहरहाल इस सोलर चक्र में सूर्य जबरदस्त सक्रिय है।
यह सोलर साइकिल अपेक्षा के मुताबिक कहीं अधिक सक्रिय हो चला है, जबकि सौर वैज्ञानिकों का अनुमान था कि यह सोलर साइकिल पिछले 24वें सौर चक्र की तरह सामान्य अथवा शिथिल रहेगा। एक सोलर साइकिल का समय लगभग 11 का होता है। यह 25वा सौर चक्र चल रहा है, जिसका चरमकाल 2025 तक रहने की संभावना है। इस सोलर साइकिल के मैक्सिमम यानी चरमता की अवधि दिसंबर 2019 से शुरू हो गई थी । इसके सार्वाधिक सक्रियता 2025 में नजर आयेगी।
वैज्ञानिकों का पूर्वानुमान ​​​​था कि यह सौर चक्र 24 के समान एक कमजोर रहेगा। सौर वैज्ञानिकों का अनुमान है कि जिस तरह से यह सौर चक्र सक्रिय नजर आ रहा है, वह 20वीं सदी के रिकार्ड तोड़ सकता है।

दुनिया को आदित्य एल 1 की लॉन्चिंग का इंतजार

सूर्य पर पहला भारतीय सौर मिशन आदित्य एल 1 संभवतः इसी माह लॉन्च किया जाएगा। इस मिशन की लॉन्चिंग का दुनिया के सौर वैज्ञानिकों को इंतजार है।
इसरो ने लॉच की तैयारियां लगभग पूर्ण करली हैं। मिशन के सह अध्यक्ष व एरीज के निदेशक प्रो दीपांकर बनर्जी ने बताया कि आदित्य एल 1 सूर्य की प्रत्येक गतिविधि पर नजर रख सकेगा। इस मिशन को लेकर एरीज इन दिनों विभिन्न शिक्षण संस्थानों में अनेक कार्यक्रम संचालित कर रहा है। एल 1 कक्षा में स्थापित होने के बाद डेटा मिलना शुरू हो जाएगा। डेटा विश्लेषण के कार्य में एरीज की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। इस कार्य को अंजाम देने के लिए एरीज पिछले तीन वर्षों से कार्य कर रहा है। जिसके तहत प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। डेटा सेंटर बनाया जा चुका है।
श्रोत व फोटो : स्पेस वेदर


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