आसमान चढ़ने लगा वैश्विक पारा, तोड़े सारे पुराने रिकॉर्ड 

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आसमान चढ़ने लगा वैश्विक पारा, तोड़े सारे पुराने रिकॉर्ड 

चढ़ते पारे को नजर अंदाज करना ख़ुद को धोखा देना है। तापमान बढ़ने से जलवायु में तेजी से परिवर्तन आ रहा है। वर्तमान में चढ़ते पारे पर नजर डालें, तो वह पिछले सारे रिकार्ड ध्वस्त करने में तुला हैं। ताजा रिपोर्ट के मुमुताबिक पृथ्वी पर 4 जुलाई का दिन अभी तक का सबसे गर्म दिन रहा। जिसने 2022 का सार्वाधिक पारे का रिकार्ड तोड़ डाला। यूनिवर्सिटी ऑफ मेन के क्लाइमेट चेंज इंस्टीट्यूट के अनुसार मंगलवार को वैश्विक औसत तापमान 17.18 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया।
तापमान की यह दर अब तक के किसी भी वर्ष व दिन दर्ज किया गया सबसे अधिक तापमान था। इससे पहले 3 जुलाई को तापमान 17.01 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था, जबकि इससे पहले 24 जुलाई, 2022 को 16.92 डिग्री सेल्सियस ताप रिकार्ड किया गया था, जो चार जुलाई से पहले का सार्वाधिक रिकार्ड ताप था। मेन विश्वविद्यालय का पर्यावरण पूर्वानुमान राष्ट्रीय केंद्र तापमान विभाग ने यह रिपोर्ट जारी की है। यह विभाग तापमान समेत बर्फ के कोर का सर्वे करती है। तापमान की जानकारी जुटाने का कार्य 1979 से कर रही है, जो सटीक मॉडलिंग प्रणाली का उपयोग कर दुनिया के तापमान पर नजर रखती है। इस केंद्र में अपनाई जाने वाली तकनीक हजारों वर्ष पुराने वैश्विक औसत तापमान का पता लगाने में सक्षम हैं। जलवायु वैज्ञानिक पाउलोसेप्पी ने बयान जारी कर बताया कि चार जुलाई को दुनिया में 57 मिलियन लोग खतरनाक गर्मी की चपेट में रहे थे। विशेषज्ञों के अनुसार ग्रीन गैसों में वृद्धि मानवजनित है। यह जलवायु परिवर्तन का सबसे बढ़ा कारण है, जो वैश्विक तापमान को कई वर्षों से बढ़ाता आ रहा है।

अब अल नीनो कहर ढाने को तैयार

संयुक्त राष्ट्र के विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने चेतावनी दी कि अल नीनो सक्रिय हो चला है। जिस कारण तापमान में अधिक वृद्धि होगी। दुनिया के अरबों लोग इससे प्रभावित होंगे। अल नीनो समुद्र के सतह के तापमान को गर्म करता है और समुद्र के साथ जमीन पर अत्यधिक गर्मी पैदा करता है। इधर राष्ट्रीय महासागर सेवा का कहना है कि अल नीनो समुंद्र के गर्म पानी को अमेरिका के पश्चिमी तट की ओर धकेलता है, जिससे उत्तरी अमेरिका और कनाडा के क्षेत्र सामान्य से अधिक शुष्क और गर्म हो जाते हैं। डब्ल्यूएमओ की भविष्यवाणी के अनुसार अल नीनो के कारण अगले 9 से 12 महीनों में वैश्विक तापमान बढ़ने की उम्मीद है।

आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान एरीज के वायुमंडलीय वैज्ञानिक नरेंद्र सिंह कहते हैं कि बढ़ते पारे को नजर अंदाज करना बढ़ी भूल होगी। इस पर अंकुश पाने के लिए ग्रीन गैसों के उत्सर्जन में कमी लानी होगी। वातानुकूलित यंत्रों का उपयोग में कमी लानी होगी, वाहनों का उपयोग कामसेकम करना होगा और हरियाली बढ़ानी होगी। तभी हम तापमान के साथ जलवायु को नियंत्रित कर सकेंगे, वरना बेकाबू होते हालात पर नियंत्रण करना मुस्किल हो जाएगा।

श्रोत: अर्थ स्काई।

फोटो: विकिपीडिया।


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