अनुभवों के साझा प्रयासों से सुलझेगा एलियंस का रहस्य

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अनुभवों के साझा प्रयासों से सुलझेगा एलियंस का रहस्य
 एलियन, परग्रही, दूसरे ग्रह के प्राणी, उड़न तश्तरी व अन आइडेंटिफाई ऑब्जेक्ट (यूएफओ) एक ऐसी अबूझ पहेली है, जो सदियों बाद भी रहस्य बनी हुई है। इस अनसुलझी गुत्थी को समझने को लेजर अमेरिकी सरकार एलियन के रहस्यों को आमजन के साथ साझा करने के लिये वेबसाइट लॉन्च करने जा रही है। वेबसाइट में सभी अपने अनुभव साझा कर सकेंगे।
 दुनिया मे एलियन देखे जाने की खबरें आम हैं और भारत में उड़न तश्तरियों चर्चाएं अक्सर होते रही हैं। लोगों को कहते सुना जाता है कि उन्होंने  रात को आसमान में इस तरह की वस्तु अनोखी तेज रोशनी के साथ उड़ते हुए देखी। अज्ञात तस्वीरें अखबारों व टीवी चैनलों देखी जाती रही  हैं। मगर इसका वैज्ञानिक सच आज तक सामने नही आया है। बड़ी बात यह है कि नासा जैसी बड़ी अन्तरिक्ष एजेंसी इस दिशा में दशकों से जांच पड़ताल कर रही है और यूएफओ की खोज के लिए अमेरिका में सेटी नामक संस्था दशकों से काम कर रही है। एलियंस को लेकर अलग से सेनाएं भी बनी हुई है। मगर वास्तविकता आज पता नही लग पाई। अब यूएस इस दिशा में वेबसाइड के जरिये आमजन के साथ उनके अनुभव साझा कर एलियंस की गुत्थी को सुलझाने का नया प्रयास करने जा रही है। वेबसाइट में सभी यूएफओ की फोटो और वीडियो सहित जानकारी  साझा कर सकेंगे। यह वेबसाइट पारदर्शी होगी।  वेबसाइट में  सामग्री , रिपोर्टिंग, रुझान और अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न अनुभाग के साथ-साथ आधिकारिक रिपोर्ट, प्रतिलेख, प्रेस विज्ञप्ति और अन्य संसाधनों के लिंक शामिल होंगे, जो जनता के लिए उपयोगी हो सकते हैं। साइट में एलियंस को लेकर लागू कानूनी व अन्य महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त की जा सकती है।  विमान, गुब्बारा और उपग्रह ट्रैकिंग की विस्तृत जानकारी वेबसाइट में मिल सकेगी। नई वेबसाइट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू. एएआरओ.मिल नाम से बनाई जा रही है। अमेरिकी रक्षा विभाग एएआरओ यूएफओ से संबंधित सभी जानकारी सार्वजनिक करेगी  और नियमित रूप से अपनी नवीनतम गतिविधियों और निष्कर्षों के साथ वेबसाइट को अपडेट करेगा।
सत्य छिपाने के आरोपों के घेरे में अमेरिका 
 एलियंस पकड़े जाने व उनके सत्य को छिपाने को लेकर अमेरिका आरोपों के घेरे में रहा है। जिनसे मुक्ति पाने के लिए अमेरिका सरकार ने यह वेबसाइट बनाने जा रही है। फिलहाल यह
 वेबसाइट  निर्माणाधीन है।
फोटो: नासा।
लेखक: बबलू चंद्रा।
श्रोत: स्पेस.
कॉम

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