फिर से लौटा सौर कलंक AR 3088

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फिर लौट आया सौर कलंक AR 3088
सूर्य में पिछले दिनों बना सन स्पॉट (सौर कलंक) फिर से पृथ्वी की सामने की दिशा में लौट आया है। संभवतः इस बार वह पहले की तुलना में बड़े आकार के साथ लौट रहा है। नासा समेत भारतीय वेदशाला एरीज इस सौर कलंक पर नजर बनाए हुए हैं। फिलहाल सूर्य इन दिनों एक्सन में नजर आ रहा है। इसकी सतह में सात सन स्पॉट ग्रुप बने हुए हैं, जबकि आठवां ग्रुप अभी ठीक से सामने की ओर नही आ पाया है। इस आठवें सन स्पॉट की पहचान के लिए AR 3102 नंबर दिया जा रहा है, जबकि इससे पहले इसे AR 3088 नम्बर दिया गया था।
एरीज के सौर वैज्ञानिक डा वहाबउद्दीन कहते हैं : हम सतर्क हैं सूर्य की सतह पर होने वाली हर गतिविधि से
आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) के पूर्व निदेशक व वरिष्ठ सौर विज्ञानी डा वाहबउद्दीन सूर्य को लेकर बेबाक टिप्पणी व्यक्त करते हुए कहते हैं कि सूर्य की सतह पर होने वाली गतिविधि के प्रति बेहद सतर्क रहते हैं और हर एक एक्टिविटी के परिणामों का पूर्व में ही अंदाजा लगाने का प्रयास करते हैं। डा वहाब उद्दीन  के लिए यह कहने के में अतिश्योक्ति नहीं होगी कि वह अपनी टॉवर सोलर टेलिस्कोप  दूरबीन से नजर आने वाली सूर्य के सतह पर होने वाली घटना का बखूबी पूर्वानुमान लगा लेते हैं। यही वजह है कि विश्व स्तर पर उनकी खास पहचान है। 28 अक्टूबर 2003 में, वह पूरे विश्व में एकमात्र वैज्ञानिक थे, जिहोने एक एतिहासिक सोलर फ्लेयर यानी सूर्य से उठी ज्वाला को अपने कैमरे में कैद किया था। इस फ्लेयर से उठे सौर तूफान से कई सैटलाइट को नुकसान पहुंचा था।  ये इतिहास की ऐतिहासिक बातें हैं। अब सूर्य के पूर्व दिशा से लौट कर आ रहे सन स्पॉट को लेकर कहते हैं कि यह अभी ठीक से दिखाना भी शुरू नहीं हुआ है और इसमें  निकल रही लपटे नजर आनी शुरू हो गई है। बहरहाल इस सन स्पॉट के बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता। मगर इतना जरूर है कि दुनियाभर के सौर वाज्ञानिकों की नजरें इस पर बनी हुई हैं। वाह कहते हैं कि अब देखना है की दुबारा वापस आ रहा यह सौर कलंक क्या गुल खिलाता है।
लौट कर आ रहे इस सन स्पॉट को दुबारा नंबर क्यों 
यह सोचना स्वाभाविक है कि जिसे पहले एक बार लेबल दिया जा चुका है तो फिर  नया लेबल क्यों दिया जा रहा है। सूर्य के पूर्वी हिस्से से आने वाले  सनस्पॉट क्षेत्र को हमेशा नया नंबर दिया जाता है। हो सकता है यह पहले से बड़े आकार के साथ लौटे। लिहाजा  इसकेफिर लौट आया सौर कलंक AR 3088 आकार या चुंबकीय जटिलता को अभी नहीं समझा जा सकता है।
30 अगस्त को सूर्य के पिछली दिशा में समा गया था
30 अगस्त 22 को सन स्पॉट AR3088 सूर्य के दक्षिण-पश्चिम हिस्से  पर हमारी दृष्टि से ओझल हो गया। यानी जिसे पृथ्वी से नहीं देखा जा सकता था। मगर सूर्य के पीछे हिस्से में जाने से पहले  एम- श्रेणी की कई फ्लेयर रिलीज कर चुका था। भू चुम्बकीय तूफानों को जन्म दे चुका था।
अभी AR 3098 है सबसे बड़ा सन स्पॉट 
फिलहाल सन स्पॉट  AR3098 वर्तमान में सूर्य पर सबसे बड़ा और सबसे सक्रिय क्षेत्र है। सोमवार को  एम1.78 क्लास की ज्वाला को जन्म दे चुका है। इस फ्लेयर ने प्रशांत महासागर के ऊपर एक रेडियो ब्लैकआउट का निर्माण  किया।
अगले 24 घंटे का सूर्य का पूर्वानुमान
अगले 24 घंटे में सूर्य की सतह पर सात सन स्पॉट बने हुए हैं। जिनसे सी क्लास की फ्लेयर्स के लिए 95% मौका, एम फ्लेयर्स के लिए 25%  और एक्स फ्लेयर्स के लिए 1% का पूर्वानुमान जताया है।  14 व 15 सितंबर तक स्थितियां बदल सकती हैं।
श्रोत: डा वहाबउद्दीन (एरीज भारत)
व स्पेसवेदर.कॉम
फोटो: एसडीओ

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