शनि ग्रह के चांद पर होगा मानव का अगला घर ?

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शनि ग्रह के चांद पर होगा मानव का अगला घर ?

इसान के लिए एक अदत रहने योग्य दूसरी धरती तलाश शनि ग्रह के चंद्रमा टाइटन पर जा टिकी हैं। टाइटन पर हुए ताजा शोध ने यह उम्मीद जगाई है। इस उपग्रह पर पृथ्वी के समान कई समानताएं शोध से सामने आई हैं। इस ग्रह को लेकर वैज्ञानिकों का कहना है कि इसके जलवाष्प के गर्म फब्बारे फूटते हैं। यह क्षेत्र शनि के चंद्रमा का एन्सेलाडस का हिस्सा है, जो इसके दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में है। वैज्ञानिकों का मानना ​​है कि ये जलवाष्प टाइटन की बर्फीली सतह के नीचे एक वैश्विक महासागर में उत्पन्न हुए हैं। नए मॉडल से यह रहस्य खुल पाया है। साथ ही यह पता भी चलता है कि एन्सेलाडस का महासागर मध्यम क्षारीय हो सकता है । यानी पृथ्वी के सागरों के पानी की तरह अधिक खारा नहीं हो सकता। जिस कारण वैज्ञानिकों का मानना है कि यह ग्रह रहने योग्य हो सकता है।

बर्फीला है शनि का यह अनोखा चांद 

शनि के इस ग्रह की विशेषता यह है कि यह बर्फ से ढका हुआ है और बाहरी बर्फ की परत के नीचे पानी का एक महासागर पूरे ग्रह के भीतर समाया हुआ है। इस रहस्य को उजागर करने में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के कासिनी अंतरिक्ष यान ने उजागर किया है। कासिनी इस चंद्रमा के जल-वाष्प के फब्बारे के ऊपर से उड़ान भरी और पानी के नमूना लेकर उसके कुछ हिस्से का विश्लेषण किया।

नासा के वाशिंगटन विश्वविद्यालय की खोज

विश्लेषण के परिणामों से पता चला है कि इस ग्रह का समुद्र किसी न किसी तरह के जीवन के लिए उपयुक्त हो सकता है, रोगाणुओं के जीवन होने की संभावना से इंकार नही किया जा सकता है। नासा ने वाशिंगटन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने इस नए अध्ययन की घोषणा कर बताया कि पता चलता है कि महासागर मामूली क्षारीय है (बहुत अम्लीय नहीं है) और पहले की सोच से कहीं अधिक रहने योग्य हो सकता है।

Note: शनि ग्रह के चांद टाइटन पर रविवार को तमाम

इस तरह लगाया पता

शोधकर्ताओं ने एन्सेलाडस के महासागर का एक नया मॉडल बनाया और अंदाजा लगाया कि पृथ्वी के महासागरों में कैसी स्थितियाँ हैं और वे कितनी समान या भिन्न हैं। कासिनी के लिए नमूनों की जांच पड़ताल की गई। तब समझ में आया कि यह महासागर हमारे ग्रह पर महासागरों की तरह ही खारा है। एन्सेलाडस के समुद्र तल पर हाइड्रोथर्मल छिद्रों के होने के भी प्रमाण भी मिलते हैं। पृथ्वी पर इस तरह के छिद्र विभिन्न प्रकार के जीवों के लिए गर्मी और पोषक तत्व प्रदान करते हैं।

बर्फ के नीचे छिपा है महासागर

एन्सेलाडस सागर की ऊपरी बर्फ की पपड़ी नीचे एक महासागर को बंद कर देता हैl जिस कारण दक्षिणी ध्रुव पर दरारें से शानदार पंख समान पानी के फब्बारे उगलता है। इस संरचना को कैसिनी अंतरिक्ष यान द्वारा मापा गया था, और यह समुद्र की गैस सामग्री, लवणता, पीएच और जीवन की क्षमता के लिए प्रमाण प्रदान करता है। इससे सिद्ध होता है की हमारे सोलर सिस्टम का यह उपग्रह रहने योग्य हो सकता है। विश्लेषण से पाया कि प्लम में जल वाष्प, बर्फ के क्रिस्टल, लवण, अमोनिया, मीथेन और विभिन्न कार्बनिक अणु होते हैं।

एन्सेलाडस ऑर्बिलैंडर  करेगा शनि के इस चांद पर जीवन की तलाश

अब बारी अगले मिशन की है, जो अगले दशक के अंत में लॉन्च किया जाएगा। प्रस्तावित इस मिशन का नाम एन्सेलाडस ऑर्बिलैंडर मिशन है, शनि के बर्फीले चंद्रमा पर जीवन की खोज करेगा।

Note: शनि ग्रह के चांद टाइटन पर रविवार को तमाम रोचक जानकारियों के साथ विशेष स्टोरी प्रस्तुत की जाएगी।

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स्रोत: प्लम्स का रासायनिक फ्रैक्शनेशन मॉडलिंग एक गैस-समृद्ध, मामूली क्षारीय एन्सेलाडस महासागर का संकेत देता है

फोटो: नासा/जेपीएल/अंतरिक्ष विज्ञान संस्थान के माध्यम से छवि।


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