अद्भुत है जीवित प्रकाश का रंग

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यह जीवित प्रकाश आपको आपको आश्चर्य में डाल देगा

बायोलुमिनेसेंस लाइट एक अद्भुत दृश्य है। कुदरत के आश्चर्यचकित कर देने वाले इतने सारे रंग हैं। जिनकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते। उन्ही रंगों में एक दुर्लभ रंग है। यह बायोलुमिनसेंस की रोशनी है। हिंदी में इस रंग शीतल प्रकाश के नाम से जाना जाता है। इस बार मालदीव के सोनवा जानी द्वीप में इस रोशनी ने रात की खूबसूरती को हसीन बना दिया। सुंदरता की इस खूबसूरती को मसाला लगाने के लिए आसमान में मिल्की वे भी दृश्यमान हो गई और जिसने भी इस हसीन रात को देखा, बस दीवाना होकर रह गया। जिसने भी इस फिरोजी प्रकाश देखा, अपनी आँखों पर विश्वास नहीं कर सका। मालदीव का पूरा समुद्र तट फिरोजी प्रकाश में नहाया हुआ था। मानों सागर की गहराई से यह रंग डुबकी लगाकर प्रकट हो रहा था। ऐसा नहीं है कि यह फिरोजी रोशनी पहली बार नजर आई हो। हर साल नजर आती है और जनवरी की सर्द रातों में कुछ ही समय के लिए प्रकट होती है। मगर इस बार यह शीतल प्रकाश पूरे माह लुभाते रहा। दुनिया भर से लोग इस रोशनी को देखने आए। इस रोशनी को लेकर स्थानीय लोगों का कहना है कि जनवरी की शुरुआत में प्लैंकटन चोटियों की बायोल्यूमिनेसेंस यानी शीतल प्रकाश रोशन होता है। मगर इस साल यह गतिविधि एक माह से अधिक समय तक चली। यह रातें किसी महाकाव्य से कम नहीं थी। आप अपने पैरों पर टार्च की तरह अटके हुए प्लैंकटन के साथ समुद्र तट पर चल सकते थे। आप सागर में तैर सकते थे, और सबसे खास बात यह थी कि आपकी प्रत्येक हरकतें पानी में रोशन होती थीं।

 बायोलुमिनेसेंस है क्या

जब आप बायोल्यूमिनेसेंस शब्द सुनते हैं, तो क्या आप अंधेरे आकाश के नीचे समुद्र की लहरों की चमक के बारे में सोचते हैं, लेकिन, बायोलुमिनेसेंस में समूचा जीवन शामिल है जो – एक रासायनिक प्रतिक्रिया से प्रकाश का उत्सर्जन करता है। इस चित्र में समुद्री प्लवक का एक-कोशिका वाला रूप नजर आ रहा है। जिसे बायोलुमिनसेंट डाइनोफ्लैगलेट्स के रूप में जाना जाता है। यह आने वाले प्रकाश का स्रोत है। साथ ही गहरे समुद्र में भी बायोल्यूमिनेसेंट जीव हैं। समंदर से हटकर शुष्क भूमि पर कभी-कभी हवा में उड़ते हुए जीव-जंतुओं को देखते हैं। जिन्हे हम जुगनू कहते हैं। जगनुओं से तो आप अवश्य परिचित होंगे। अब मालदीव की बात करें तो यह हिंद महासागर में एक द्वीप है। यह राष्ट्र श्रीलंका और भारत के दक्षिण-पश्चिम में स्थित है।

शीतल रोशनी (बायोलुमिनेसेंस) उत्सर्जन की विस्तृत जानकारी

शीतल रोशनी एक रासायनिक प्रकाश है। यह डाइनोफ्लैगलेट्स रक्षा तंत्र के रूप में चमकदार नीली रोशनी का उत्सर्जन करने के लिए ल्यूसिफरिन नामक रसायन का उपयोग करते हैं। डाइनोफ्लैगलेट्स द्वारा उत्पन्न प्रकाश की चमक शिकारियों को भ्रमित और भ्रमित कर सकती है।लहरों की गति भी इस प्रकाश उत्सर्जन को गति प्रदान कर सकती है, जिसके परिणामस्वरूप मालदीव में चमकती हुई लहरों की चमक दिखाई देती है। यह जीवित प्राणी प्रकाश हैं। लूसिफ़ेरिन जीवों की कुंजी समान है , जो जीवित प्रकाश का उत्सर्जन करते हैं। ल्यूसिफरिन एक अणु है जो प्रकाश उत्पन्न करने के लिए एंजाइम ल्यूसिफरेज की उपस्थिति में प्रतिक्रिया करता है। दरअसल, शब्द लूसिफ़ेर से आते हैं, जो प्रकाश-वाहक के लिए केवल लैटिन है। इन दोनों के बीच रासायनिक प्रतिक्रिया एक आणविक भाग को विभाजित करती है। बदले में, एक उत्तेजित अवस्था पैदा करता है जो प्रकाश का उत्सर्जन करता है। मगर सही बात तो यही है कि इस प्रकाश का जीवन एहसाह आंखों से देखकर ही महसूस किया जा सकता है।

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श्रोत: अर्थ स्काई।

फोटो: अर्थ स्काई।


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