ब्रह्माण्ड में हुआ अब तक का सबसे बढ़ा विस्फोट
क्षणभर के विस्फोटों से हम सब वाकिब हैं, लेकिन कोई विस्फोट लगातार तीन साल तक जारी रह सकता है। यह अविश्वनीय लगता जरूर है, लेकिन हकीकत में यह निरंतर हो रहा है और अभी भी जारी है। इस विस्फोट को अत्यंत दुर्लभ माना जा रहा है, जो अभी तक का सबसे बढ़ा विस्फोट है। यूरोप के साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने इस विस्फोट को देखा है। इस विस्फोट को एटी 2021एलडब्लूएक्स नाम दिया गया है।
सामान्य सूपरनोवा से दस गुना बड़ा है
अंतरिक्ष के तारों में विस्फोट होते रहते हैं। सूपरनोवा सबसे बड़ा विस्फोट माना जाता है, जो तारे के अंतिम समय में होता है। मगर यह विस्फोट सामान्य सूपरनोवा से दस गुना बड़ा है। इतना बढ़ा विस्फोट वैज्ञानिकों की कल्पना से परे था। जिस कारण यह बढ़ी घटना हैरत में डालने वाली देखी गई है। इतने बढ़े विस्फोट का कारण ब्लैक होल के साथ गैस के एक बड़े बादल का शामिल होना माना जा रहा है।
आठ अरब प्रकाश-वर्ष दूर वुल्पेकुला द फॉक्स तारामंडल में हुआ यह विस्फोट
रॉयल एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी ने इस खोज का खुलासा किया है। विस्फोट स्थल पृथ्वी से 8 अरब प्रकाश-वर्ष दूर वुल्पेकुला द फॉक्स तारामंडल की दिशा में है। इस खोज में वैज्ञानिकों को दुनिया की कई अनुसंधान केंद्रों व बड़ी दूरबीनों का सहारा लेना पढ़ा। जिनमें कैलिफ़ोर्निया के ज़्विकी ट्रांसिएंट फैसिलिटी , हवाई स्थित क्षुद्रग्रह स्थलीय-प्रभाव अंतिम चेतावनी प्रणाली (एटीएलएएस), नील गेहरल्स स्विफ्ट ऑब्जर्वेटरी , चिली में न्यू टेक्नोलॉजी टेलीस्कोपएंड ला पाल्मा, स्पेन में ग्रैन टेलीस्कोपियो कैनारियस के जरिए इस भयानक विस्फोट का पता चल पाया है।
सौरमंडल से 100 गुना बढ़ा है यह विस्फोट
शोधकर्ता वैज्ञानिक वाइसमैन ने कहा कि यह भौतिक विस्फोट हमारे सौरमंडल से करीब 100 गुना बड़ा है और हमारे सूर्य से लगभग 2 खरब गुना अधिक चमकीला है। विस्फोट अभी भी जारी है। इससे ब्रह्माण्ड में होने वाले बड़े विस्फोटों को समझने में मदद मिलेगी। इस घटना का डेटा एकत्र कर विस्फोट के तापमान और सतह पर हो रही गतिविधि को समझा जाएगा। उनका कहना है कि अगले कुछ वर्षों में वेरा रुबिन वेधशाला के लिगेसी सर्वे ऑफ़ स्पेस एंड टाइम जैसी नई सुविधाओं के साथ हम इस तरह की और बढ़ी घटनाओं की खोज करने के साथ उनके बारे में अधिक जानने की उम्मीद कर रहे हैं। वास्तव में यह घटना अत्यंत दुर्लभ हैं। इससे आकाशगंगाओं के केंद्र में बदलाव आने की जानकारी जुटाई जा सकेगी।
अत्यंत दुर्लभ है यह विस्फोट
तारों के वैज्ञानिक डा शशिभूषण पांडेय कहते हैं कि वास्तव में यह बेहद दुर्लभ विस्फोट है। तारों की दुनिया बेहद निराली और कभी कभी अचंभित करने वाली नजर आती हैं। यह अच्छी बात है कि ब्रह्माण्ड में आए दिन अध्ययन होते रहते हैं और पिछले कुछ अरसे से नित नई जानकारी में तेजी आई है। अब विश्वास होने लगा है कि हम बहुत जल्द ब्रह्माण्ड के बारे में बहुत जानने व समझने में कामयाब हो जाएंगे।
श्रोत व फोटो रॉयल एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी।
Journalist Space science.
Working with India’s leading news paper.
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