कल लॉन्च किया जा सकता है यूरोपियन स्पेस एजेंसी का JUICE मिशन

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कल लॉन्च किया जा सकता है यूरोपियन स्पेस एजेंसी का JUICE मिशन

प्रक्षेपण स्थल पर बिजली गिरने के कारण ज्यूस मिशन को लॉन्च किए जाने में 24 घंटे की देरी हुई है। अब 14 अप्रैल, 2023 को 14:14 CEST (7:14 a.m. CDT, 12:14 UTC) बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। JUICE वह मिशन है जिसे यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) अपने स्पेसपोर्ट से बृहस्पति और उसके चंद्रमाओं पर लॉन्च करने जा रहा है। यह मिशन बृहस्पति के सबसे बड़े चंद्रमा गेनीमेड के चारों ओर कक्षा में जाने से पहले गैलीलियन चंद्रमा गेनीमेडे, कैलिस्टो और यूरोपा के 35 फ्लाईबीज़ पर निगाह डालेगा।

आठ साल बाद पहुंचेगा बृहस्पति पर

JUICE 2031 में बृहस्पति पर पहुंचेगा। यह जिन चंद्रमाओं का निरीक्षण करेगा उनमें से एक शायद सांसारिक वैज्ञानिकों के लिए जोवियन चंद्रमाओं में सबसे आकर्षक है यूरोपा। ऐसा माना जाता है कि इस चंद्रमा की बर्फ की पपड़ी (पानी की बर्फ से बनी) के नीचे तरल पानी का एक महासागर है। JUICE को यूरोपा पर उस तरह के रसायन को देखने के लिए डिज़ाइन किया गया है जो पृथ्वी पर जीवन के लिए आवश्यक है। उदाहरण के लिए, जैविक अणु, या कार्बन युक्त अणु जो पृथ्वी पर जीवन के लिए महत्वपूर्ण हैं।

तीन साल तक खाक छानेगा गैनीमेड उपग्रह की

बृहस्पति और उसके तीन बड़े, बर्फीले चंद्रमाओं की एक श्रृंखला के बाद, JUICE अंततः सबसे बड़े चंद्रमा गैनीमेड के चारों ओर एक कक्षा में स्थापित हो जाएगा। JUICE लगभग तीन वर्षों के लिए गैनीमीड की कक्षा में 125 मील (200 किमी) नीचे जाएगा। यह चंद्रमा की सतह पर प्रभाव के साथ अपने मिशन को पूरा करेगा।
बर्फीली परतों के भौतिक गुणों का अध्ययन करना इसका काम होगा। गेनीमेड के आंतरिक चुंबकीय क्षेत्र का अध्ययन और जोवियन मैग्नेटोस्फीयर की जानकारी प्रदान करेगा।
वैज्ञानिकों का कहना है कि गैमनीड की गीली व ठंडी दुनिया की बेहतर समझ से हमें अन्य सूर्यों के आसपास की संभावित दूर की दुनिया को समझने में भी मदद मिलेगी।

नासा का लुसी अंतरिक्ष यान भी तैयार

खगोल विज्ञान निरंतर अंतरीक्ष के अथाह सागर को पार करने के जुगत में निरंतर प्रयासरत है । इस वर्ष अंतरीक्ष यान को क्षुद्रग्रह पर भेजने जा रहा है। इस परियोजना से करोड़ो किमी दूर लक्ष्य की पूर्ति के साथ अंतरीक्ष यात्रा के समय समयांतराल में खुद की पुष्टि हो सकेगी।
अंतरीक्ष के सफर में सबसे बड़ी चुनौती सुदूर ब्रह्माण्ड के पिंडों में पहुंचने के लिए समय सीमा को कम करना है। वर्तमान में हजारों लाखों प्रकाशवर्ष दूर ग्रह नक्षत्रों की तमाम जानकारी जुटा पाने में सक्षम हैं, लेकिन समय से उन तक पहुंच पाना टेड़ी खीर बनी हुई है। जिसे दूर करने के खगोल वैज्ञानिक निरंतर प्रयासरत हैं और लूसी मिशन यात्रा से समय अन्तराल का पता चल जाएगा। लुसी अंतरिक्षयान की टीम का लक्ष्य क्षुद्रग्रह 152830, 1999 वीडी 57 में पहुंचना है। लुसी अंतरिक्ष यान मुख्य मंगल व बृहस्पति ग्रह के मुख्य क्षुद्रग्रह बेल्ट में पहुंचेगा।
इस वर्ष एक नवंबर में यह मिशन लॉन्च किया जाएगा। योजना के तहत दो वर्ष की यात्रा कर 2025 में क्षुद्रग्रह तक पहुंच जाएगा। यह क्षुद्रग्रह 1999 वीडी 57 का आकार 700 मीटर का है।
यह मिशन अंतरिक्ष यान की आविष्कारशील ट्रैकिंग प्रणाली के लिए एक अच्छी परीक्षा होगी।

क्या कहते हैं भारतीय खगोलविद डा पांडेय

आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) के वरिष्ठ खगोल वैज्ञानिक डा शशिभूषण पांडेय का कहना है कि अंतरिक्ष की यात्रा के समय में कमी लाना सबसे बड़ी चुनौती है। जिसे लेकर निरंतर प्रयास जारी हैं। अभी तक मिली सफलता के अनुसार नौ महीने का सफर चार महीने में पूरी किए जाने की संभावना है। इसकी पुष्टि इसी वर्ष हो जाएगी। क्षुद्रग्रह हमसे बहुत दूर हैं। अंतरीक्ष यानों के जरिए हम ग्रहों तक पहुंचते रहे हैं, लेकिन इन तक पहुंचने में बरसों लग जाते हैं और इसी समय को हमे छोटा बनाना है। नासा का लुसी मिशन महत्वपूर्ण साबित होगा। जिससे अंतरीक्ष की यात्रा, लक्ष्य व क्षुद्र ग्रहों के अनेक रहस्य पता चलेंगे।

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श्रोत: अर्थ स्काई।
फोटो: ई एस ए।


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