ग्लोबल वार्मिंग के जहर को रोकने में वन्य जीव करेंगे मदद

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ग्लोबल वार्मिंग के जहर को रोकने में वन्य जीव करेंगे मदद

पृथ्वी खतरनाक रूप से तेज़ गति से गर्म हो रही है। पर्यावरण के प्रति इंसानी गतिविधिया इसे नर्क बनाने में तुली हुई है। कार्बन डाइऑक्साइड में बेतहाशा वृद्धि न जाने कहां जाकर थमेगी, कोई नही जानता। ग्लोबल वार्मिंग ने समंदरों का पानी गर्म कर दिया है। दुनियाभर के ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं। भारतीय महानगर गैस के चैंबर बनते जा रहे हैं। यह जानकर हैरानी होगी कि दुनिया के 50 प्रदूषित नगरों में भारत के 29 महानगर शामिल हैं। तेजी से खतरनाक स्थिति में पर्यावरण को संतुलित करने के लिए अब वन्य जीवों का भी योगदान लिया जाएगा। 27 मार्च को शोध में यह नई जानकारी सामने आई है। यह किस तरह से संभव है, जानते हैं।

27 मार्च को प्रकाशित हुए शोध

शोधकर्ता कहते हैं कि जंगली जानवर कार्बन को स्टोर करने में मदद करते हैं। वे हर साल पृथ्वी के वायुमंडल से अरबों टन कार्बन डाइऑक्साइड को हटाते हैं। जिससे पृथ्वी को गर्म होने से रोकने में मदद मिलती हैं। वन्य जीवों को साथ लेकर यदि इस दिशा में सही तरीके से काम किया जाय तो ग्लोबल वार्मिंग को कम करते हैं। 27 मार्च, 2023 को येल विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने एक नए अध्ययन की घोषणा की, जिसमें दिखाया गया है कि कार्बन भंडारण के माध्यम से ग्लोबल वार्मिंग को रोकने में मदद करने के लिए जंगली जानवरों की सुरक्षा और उनके प्राकृतिक वातावरण को बहाल करना कितना प्रभावी हो सकता है।

6.41 अरब टन कार्बन डाइऑक्साइड का रोक सकते हैं जानवर

अध्ययन से पता चला है कि जंगली जानवरों की रक्षा या उन्हें इस्तमाल करने से सामूहिक रूप से हर साल 6.41 अरब टन कार्बन डाइऑक्साइड का रोका जा सकता है। पर्यावरण को लेकर पेरिस समझौते के तहत यह शोध किया गया। 2015 में 196 देशों के बीच यह अंतरराष्ट्रीय संधि थी। समझौते का उद्देश्य ग्लोबल वार्मिंग को 1.5 डिग्री सेल्सियस की सीमा से नीचे रखने के लिए वातावरण से पर्याप्त कार्बन को हटाना यानी संतुलित रखना था। येल के ओसवाल्ड जे के शमित्ज़ के नेतृत्व में यह शोध हुआ। जिसमें आठ देशों के 14 वैज्ञानिक शामिल हुए थे। शोध के लिए नौ वन्यजीव प्रजातियों को शामिल किया। जिनमें समुद्री मछली, व्हेल, शार्क, ग्रे भेड़िये, वन्यजीव, समुद्री ऊदबिलाव, कस्तूरी बैल, अफ्रीकी वन हाथी और अमेरिकी बाइसन को शामिल शामिल किया गया था।

कार्बन को ट्रैप कर स्टोर कर सकते है जानवर

 

वन्य जीवों की प्राकृतिक गतिविधियां कार्बन को ट्रैप करने और उसे स्टोर करने में मदद करते हैं। जानवरों की बड़ी आबादी अधिक कार्बन को पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करने से रोक सकती है। इस तरह जंगली जानवर ग्लोबल वार्मिंग को रोकने में मदद करते है।

विभिन्न वातावरण में रहने वाले वन्य जीवों में किया शोध

वैज्ञानिकों की टीम ने विभिन्न वातावरणों में जानवरों का अध्ययन किया। जिसम शुष्क भूमि के वातावरण से लेकर ताजे पानी से लेकर समुद्री पारिस्थितिक तंत्र को अध्ययन के लिए लिया गया । इन सभी पारिस्थितिक तंत्रों में जानवर विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से पृथ्वी के वायुमंडल से कार्बन को हटाते हैं, जिसमें फोर्जिंग, पोषक तत्व या जैविक कार्बन जमाव (जिसके द्वारा वातावरण से गैसों और कणों को भूमि और समुद्र की सतहों तक पहुँचाया जाता है), साथ ही साथ मिट्टी की गड़बड़ी और बीज फैलाव शामिल हैं। . शोध से पता चला कि विशिष्ट पारिस्थितिक तंत्र में जंगली जानवरों की उपस्थिति या अनुपस्थिति ने मूल रूप से कार्बन अपटेक और भंडारण को बदल दिया । ये भी जान लीजिए कि वन्यजीव की प्रजातियां, पर्यावरण के साथ अपनी बातचीत के दौरान, जैव विविधता और जलवायु के बीच की कड़ी हैं।

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श्रोत: अर्थ स्काई।

 

फोटो : हार्वे सपिर


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