बुध दर्शन का सुनहरा मौका अगले कुछ ही दिन

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बुध दर्शन का बढ़ा मौका अगले कुछ ही दिन

बुध ग्रह हमारे सौर परिवार का पहले नंबर का ग्रह है, वहीं सूर्य का सबसे नजदीक रहने वाला ग्रह है। यह सूर्य की चकाचौंध कर देनेवाली रोशनी के साए में रहता है। साल में कुछ ही दिन होते हैं, जब इसे देख पाना कुछ मुमकिन हो पाता है और वो दिन इन दिनों हमारे पास हैं। इसलिए बुध ग्रह पर शोध करने वाले वैज्ञानिकों को इन्ही दिनों का इंतजार रहता है, तो शौकिया वैज्ञानिक भी इन चंद दिनों को गवाना नही चाहते। इस फेहरिस्त में दुनिया के चारों दिशाओं में फैले एस्ट्रो फोटोग्राफर भी पीछे नहीं रहना चाहते हैं । लिहाजा वो भी कैमरे, दूरबीन, लैंस व तमाम उपकरणों के साथ तैयार हैं।

सूर्यास्त के दौरान ही देखा जा सकेगा

सूर्यास्त का दृश्य आपको रिझाएगा। मगर इससे परे बुध ग्रह क्षितिज के पास दिखाई दे रहा होगा। 21 दिसंबर को वह सूर्य से सबसे अधिक दूर होगा। यानी सूर्य की चकाचक रोशनी से थोड़ा दूर होगा। जिस कारण इसे पहचान सकते हैं। यह दूरी सूर्य से करीब 20 डिग्री दूर होगा है। इसे क्षितिज के पास ही देखें। ये सूरज की रोशनी के पूरी तरह नहाया हुआ नजर आयेगा। इसकी चमक की बात करें तो वह -0.6 मैग्नीट्यूट होगी है। इसे दूरबीन से पहचान पाना आसान होगा। जैसे ही आसमान में अंधेरा छाने लगे, सूर्यास्त की दिशा में बुध को देखें। दूरबीन से बुध ग्रह की खोज करने का प्रयास करें। यह आपको आश्चर्यचकित कर सकता है।

सूर्यास्त में नजर आने वाला चमकीला बिंदु बुध ग्रह होगा

अंतरतम ग्रह के रूप में बुध हमारे आकाश में सूर्य से बंधा हुआ ग्रह है। नतीजतन यह सूर्यास्त के बाद कभी भी क्षितिज से बहुत ऊपर नहीं जाता है। इसलिए, जैसे ही सूरज आपके क्षितिज के नीचे गायब हो जाता है, तब सूर्य के अस्त होने से पहले प्रकाश का चमकता हुआ बिंदु नजर आयेगा, जो बुध ग्रह होगा। इस महीने के अंत तक बुध व सूर्य के बीच कुछ हद यानी कुछ ही डिग्री की दूरी बनी रहेगी और दिसंबर के अंत में इसे देख पाना बेहद मुस्कील हो जाएगा। क्योंकि तब वह फिर से पूर्णतः सूरज की तेज रोशनी के आगोश में छिप जाएगा।

साल का सबसे छोटा दिन आज दिसम्बर गुरूवार को

उत्तरी गोलार्ध में साल का सबसे छोटा दिन 21 दिसंबर को होगा। दिन रात छोटे बड़े होने का कारण पृथ्वी की अपनी धूरी व झुकाव है। पृथ्वी सीधी परिक्रमा नहीं करती है। वाह अपनी धुरी पर 23 1/2 डिग्री झुकी हुई है। वर्ष के दौरान, यह झुकाव पृथ्वी के उत्तरी और दक्षिणी गोलार्ध के स्थानों को सूर्य का प्रकाश सीधे पड़ने पर गर्मी को सीधे प्राप्त करने का कारण बनता है। साथ ही इसी दिन वहां साल का सबसे लंबा दिन होगा।

इन दिनों हम सूर्य के सर्वाधिक करीब हैं, फिर भी ठंड से जूझते हैं

खास बात यह है कि इन दिनों हम सूरज के सबसे करीब हैं। इसके बावजूद हम कड़ाके की ठंड का सामना कर रहे है। इसके पीछे वजह यह है कि सूर्य इन दिनों दक्षिणायन है यानी दक्षिणी गोलार्ध में है। इसकी किरने उत्तरी गोलार्ध में तिरछी पड़ती हैं। जिस कारण गरमाहट बहुत कम होती है और उत्तरी गोलार्ध में तीखी ठंड पड़ती है। इसके विपरित दक्षिणी गोलार्ध में गर्मी पड़ रही होगी। क्योंकि वहां सूर्य की किरणे सीधी पड़ रही होंगी।

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श्रोत: अर्थस्काई

छवि: रॉबर्ट सिमोन (सिग्मा स्पेस कॉर्पोरेशन)/नासा के माध्यम से।

 


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