क्रोध में सूर्यदेव, भारत में ब्लैकआउट का असर ?

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       सूर्य उगल रहा इन दिनों जबर्दस्त आग
सूर्य इन दिनों भयानक विस्फोटों के साथ आग उगल रहा है। विस्फोटों की ऐसी झड़ी शायद ही पहले कभी देखी हो। सूर्य पर नजर रखने वाले सौर वैज्ञानिक आश्चर्य में हैं। बुधवार को जबरदस्त हुआ है। जिसके असर ने हमारे वायुमंडल में भी असर डाल दिया और कई पृथ्वी के हिस्सों में ब्लैक आउट हुआ है। सूर्य ने हुए विस्फोट से एक्स-क्लास की सौर ज्वाला निकली है।
क्या भारत में भी हुआ ब्लैक आउट ?
बताया जा रहा है कि अजीब-चुंबकीय सनस्पॉट एआर3784  एक्स1-क्लास सौर ज्वाला उत्पन्न की। इस विस्फोट से निकली ज्वाला की दिशा सीधे पृथ्वी की ओर थी। ज्वाला से  विकिरण ने पृथ्वी के वायुमंडल के शीर्ष को आयनित कर दिया, जिससे भारत और मध्य पूर्व में गहरा शॉर्टवेव रेडियो ब्लैकआउट हो गया। यह भी संभव है  कि विस्फोट ने पृथ्वी के प्रभामंडल मामूली सीएमई यानी भू चुम्बकीय सौर तूफान धकेल दिया हो। मगर यह अभी अपुष्ट खबर है और इसकी पुष्टि नही हुई है। अलबत्ता पुष्टिके लिए SOHO कोरोनोग्राफ से डेटा का इंतजार किया जा रहा है।
सूर्य की सतह पर बना एक अजीब चुंबकीयकृत सनस्पॉट  AR3784 है, जो हेल के नियम को तोड़ता नजर आ रहा है। हेल का नियम सौ साल पुराना है।  नियम के अनुसार उसे सूर्य के उत्तरी गोलार्ध में सौर धब्बों के अनुसार ध्रुवीकृत होना चाहिए था। मगर वह विपरीत दिशा  ध्रुवीकृत हुआ है।
नासा के सोलर डायनेमिक्स वेधशाला ने इस विस्फोट को देखा और कैमरे में कैद किया है। इस सोलर साइकिल में जबरदस्त विस्फोट हो रहे हैं। सौर तूफान निरंतर पृथ्वी के चुम्बकीय ध्रुवीय क्षेत्रों से टकरा रहे हैं।
आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान एरीज के पूर्व सौर वैज्ञानिक डा वहाबउद्दीन के अनुसार  सौर तूफानो ने जिन्होंने पृथ्वी के दोनों ध्रुवों पर टकराकर औरोरा के खूब रंग बरसाए हैं। उच्च ऊर्जावान कणों से निकलने वाली रंगबिरंगी रोशनी ध्रुवीय क्षेत्र में जमकर बरस रही है।
 तेज सौर तूफानों से  टेक्सास, मिसिसिपी, एरिज़ोना, कोलोराडो व कैलिफ़ोर्निया समेत  तीन दर्जन से अधिक अमेरिकी राज्यों में औरोरा के अद्भुत रंग देखने को मिले हैं। पृथ्वी के दोनों ध्रुवों पर औरोरा के रंगों की बरसात हो रही है। दुनिया के कम अक्षांशों वाले क्षेत्रों में गंभीर भू-चुंबकीय तूफान का असर देखने को मिल रहा है।
भारत के लेह लद्दाख भी औरोरा के रंगों से रंगने लगा है। भारी सौर तूफानो के दौरान यह क्षेत्र भी निश्चित ही रातों को रोशनी से नहाया हुआ नजर आएगा। ध्रुवीय क्षेत्रों में अद्भुत रंगीन गतिविधियां अगले वर्ष तक जारी रहने की संभावना रहेगी। अलबत्ता पिछले दिन आए भूचुम्बकीय तूफान अब कमजोर होने लगे हैं। सोमवार को कुछ देर के लिए गंभीर सौर तूफान आया था। जिसकी तीब्रता जी4 श्रेणी की थी। यह तूफान 10 मई के ऐतिहासिक सुपरतूफान के बराबर था ।
 फोटो: नासा के SDO द्वारा ली गई तस्वीर।
श्रोत : डा वहाबउद्दीन, सौर वैज्ञानिक।

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