इस तरह नजर आया पैनंबरल उपछाया वाला चन्द्रग्रहण

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ये है पैनंबरल उप छाया वाला चंद्रग्रहण

शुक्रवार को चंद्रमा की चमक फीकी पड़ गई। यह उपछाया (पैनंबरल ) चंद्रग्रहण था। जिस कारण चंद्रमा का रंग थोड़ा फीका नजर आया। इस ग्रहण के दौरान चन्द्रमा पर ग्रहण तो लगा तो सही , लेकिन काली गढ़ी छाया नजर नहीं आई । जिस कारण ग्रहण को पहचान पाना आसान नही था। इस साल का यह पहला चंद्र ग्रहण था, जो उपछाया के धुंधले रंग में रंगा नजर आया। । इस ग्रहण की अवधि 4.17 घंटे की थी। भारतीय समय के अनुसार भारत में यह चंद्र ग्रहण पांच मई को रात 8:44 बजे शुरू हुआ और आधी रात 1:01 बजे चांद ग्रहण की छाया से मुक्त हो गया। ग्रहण के चलते चन्द्रमा की रोशनी में मामूली कमी आई। उपछाया वाले ग्रहण की पहचान मुश्किल होती है। यह सामान्य ग्रहण जैसा नजर नहीं आता है। इसके विपरित पूर्णछाया वाले ग्रहण में चन्द्रमा पर काली छाया साफ नजर आती है। एशिया, यूरोप, अफ्रीका, हिंद महासागर, प्रशांत और अटलांटिक में लगेगा यह ग्रहण नजर आया। इस ग्रहण की कुल अवधि 4.17 घंटे रही। उपछाया वाले चंद्रग्रहण में ग्रहण के दौरान चंद्रमा की रोशनी में सिर्फ दस फीसद की कमी आती है। जिस कारण ग्रहण की पहचान नहीं हो पाती है, जबकि पूर्णछाया वाले ग्रहण में चन्द्रमा पर काली छाया साफ नजर आती है।

दो प्रकार का होता होता है चन्द्रग्रहण

चन्द्र ग्रहण दो प्रकार के होते हैं। एक अंबरा और दूसरा पैनंबरा। अंबरा में चंद्रमा पर ग्रहण की काली छाया साफ नजर आती है। मगर पैनंबरा में पृथ्वी की छाया चन्द्रमा पर पड़ती तो है, लेकिन दिखाई नही देती। दरसल चंद्रमा की सतह पर दूसरी ओर से पड़ रहे प्रकाश के कारण पृथ्वी की छाया बेहद कम हो जाती है। इसलिए चंद्रमा की रोशनी ग्रहण के दौरान थोड़ा सा कम हो जाती है।
श्रोत: एरीज।
फोटो: बबलू चंद्रा द्वारा शुक्रवार की रात नैनीताल से लिया गया पैनंबरल चन्द्रग्रहण की तस्वीर।


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