अंतरिक्ष के खतरों से छलनी नही होगी धरती
हमारी धरती ने विनाशकारी अनेक घटनाओं की मार झेली है, लेकिन भविष्य में फिर कभी इन घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं होगी। इसके लिए नासा ने प्रमाण समेत धरती की सुरक्षा की राह प्रशस्त कर दी है। दो सप्ताह पहले नासा ने एक करोड़ किमी दूर अंतरिक्ष में विचरते एक क्षुद्रग्रह डिमोर्फोस को अपना निशाना बनाया था। यह भीषण टकराव था। जिसमे डिमोर्फोस को काफी क्षति पहुंची और परिणाम यह हुआ कि उसकी कक्षा में 32 मिनट का अंतर आ गया। नासा ने आज इसका खुलासा करते हुए कहा कि इस टक्कर का मकसद पृथ्वी को अंतरिक्ष के खतरों से बचाव के लिए ठोस उपाय खोजना था, जिसे उन्होंने पा लिया। भविष्य में हम इन खतरों से आसानी से निबटने में सक्षम हो चले हैं।
नासा ने पुष्टि की कि डार्ट मिशन प्रभाव ने अंतरिक्ष में क्षुद्रग्रह रफ्तार बदली
26 सितंबर को अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के DART अंतरिक्ष यान ने क्षुद्रग्रह डिमोर्फोस पर टक्कर मारी थी। इसका सीधा प्रसारण दिखाया और अभियान की सफलता को लोगों ने देखा। वह क्षण पृथ्वी में रहने वाले सभी प्राणियों के लिए खुशी के थे, मगर जिस उद्देश्य को लेकर टकराव किया गया था, उसका परिणाम आना बाकी था और आज नासा ने इसकी शत प्रतिशत सफलता की पुष्टि कर दी है। इससे खगोल जगत के वैज्ञानिकों में खुशी है और मानव जगत के लिए राहत। इस संदर्भ में आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान एरीज भारतीय वैज्ञानिक डा शशिभूषण पांडेय ने कहा है कि यह बड़ी कामयाबी है। जाहिर है हर किसी को खुश होना ही चाहिए खगोल विज्ञान निरंतर प्रगति की ओर अग्रसर है। हालाकि हम जानते थे कि धरती की ओर आने वाले किसी भी पिंड से बचने के लिए यह तरीका है, लेकिन इस पर कोई परीक्षण नही हुआ था। जिससे संसय तो बना हुआ था , अब दूर हो गया।
अब पता चलेगा मलवे का रूप रंग और व्यवहार
इस परीक्षण से एक और परिणाम सामने आया है। जिससे पता चलेगा कि आंखिर डिमोर्फोस की सतह से नष्ट हुए मलवा किस तरह का व्यवहार करता है। यानी आसमान में उड़ता मालवा कैसे आगे बढ़ता है या वह आगे कौनसा रूपधारण करेगा। जिसे बेहतर ढंग से समझने के लिए वैज्ञानिक इस सामग्री का अध्ययन कर रहे हैं। संभवतः भविष्य में कोई नई जानकारी सामने आ जाए।
दो हफ्ते लगे पुष्टि करने में
नासा के डबल क्षुद्रग्रह पुनर्निर्देशन परीक्षण (DART) जांच दल ने दो सप्ताह तक प्राप्त आंकड़ों का विश्लेषण किया। तब पता चला कि लक्ष्य के मुताबिक क्षुद्रग्रह डिमोर्फोस के साथ अंतरिक्ष यान के गति के प्रभाव ने क्षुद्रग्रह की कक्षा को सफलतापूर्वक बदल दिया है। यह मानवता का पहली बार जानबूझकर किसी खगोलीय वस्तु की गति को बदलने और क्षुद्रग्रह विक्षेपण प्रौद्योगिकी के पहले पूर्ण पैमाने पर प्रदर्शन का प्रतीक है।
धरती की रक्षा सबसे बड़ी जिम्मेदारी
नासा के प्रशासक बिल नेल्सन ने मीडिया को बताया कि हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम अपने ग्रह की रक्षा करें। आखिरकार हमारे पास केवल पास रक्षा का यही तरीका था और मिशन से पता चलता है कि ब्रह्मांड से आने वाले खतरों से बचने के लिए प्रयास कर रहे हैं और नासा ने साबित कर दिया है कि हम ग्रह के रक्षक के रूप में बेहद गंभीर हैं। पृथ्वी की रक्षा और पूरी मानवता के लिए एक महत्वपूर्ण अभियान था। इस अभियान का श्रेय नासा की इस असाधारण टीम को जाता है।
जानिए कितना अंतर आया इस जोड़े पिंड की परिक्रमा पर
डार्ट की टक्कर से पहले डिमोर्फोस को अपने बड़े मूल क्षुद्रग्रह डिडिमोस की परिक्रमा करने में 11 घंटे 55 मिनट का समय लगता था। 26 सितंबर को डार्ट के टकराव के बाद से खगोलविद पृथ्वी पर दूरबीनों से लगातार इस पर नजर रखे हुए थे और पता कर रहे थे कि इनके परिक्रमा के समय में कितना बदलाव आया है। गहन जांच के बाद वैज्ञानिकों के दल ने पुष्टि की है कि अंतरिक्ष यान के प्रभाव ने डिडिमोस के चारों ओर डिमोर्फोस की कक्षा की गति में 32 मिनट का अंतर आया है। 11. 55 घंटे की कक्षा की गति कम होकर 11. 23 घंटे रह गई है। इस आंकलन के प्लस या माइनस 2 मिनट की अनिश्चितता का मार्जिन है।
भविष्य के मिशन तैयार करने में होगी आसानी
वाशिंगटन में नासा मुख्यालय में नासा के ग्रह विज्ञान विभाग के निदेशक लोरी ग्लेज़ ने कहा कि यह परिणाम अपने लक्षित क्षुद्रग्रह के साथ डार्ट के प्रभाव के पूर्ण प्रभाव को समझने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। अब वैज्ञानिक प्राप्त डेटा का बेहतर आकलन कर भविष्य में डार्ट जैसे मिशन का उपयोग को अमल में ला सकते है और पृथ्वी को क्षुद्रग्रह के साथ टकराव से बचा सकते हैं।
असमान की गहराई में झांकने की हमारी ताकत
जांच दल अभी भी दुनिया भर में जमीन आधारित वेधशालाओं के साथ-साथ कैलिफोर्निया में नासा जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी के गोल्डस्टोन ग्रहीय रडार और वेस्ट वर्जीनिया में नेशनल साइंस फाउंडेशन के ग्रीन बैंक वेधशाला में रडार सुविधाओं के साथ डेटा प्राप्त कर रहे है और अपने अध्ययन कार्य आगे बड़ा रहे हैं। टेलीस्कोपिक सुविधाओं में शामिल हैं। साथ ही गोल्डस्टोन, ग्रीन बैंक वेधशाला, चिली में लास कैम्पानास वेधशाला में स्वॉप टेलीस्कोप, चिली में ला सिला वेधशाला में डेनिश टेलीस्कोप, और लास कंब्रेस वेधशाला वैश्विक चिली और दक्षिण अफ्रीका में टेलीस्कोप नेटवर्क सुविधाओं से आगे के अध्ययन जारी रखे जाएंगे।
इस रफ्तार से हुई थी टक्कर
यह टक्कर 22530-किलोमीटर प्रति घंटे की गति से हुई थी। अब वैज्ञानिक टक्कर की गति दक्षता को मापने की ओर बढ़ रहा है। कई टन वाले चट्टानी क्षुद्रग्रह के मलबे की जांच कर रहे हैं। वैज्ञानिक इस पिंड के भौतिक गुणों, सतह की मजबूती व कमजोरी समेत अन्य विशेषताओं का पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं।
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श्रेय: NASA/ESA/STScI/हबल
Journalist Space science.
Working with India’s leading news paper.
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