अपने प्राणों की आहुति देने जा रहा ये एलियन

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एलियन धूमकेतु सूर्य से टकराकर देगा प्राणों की आहुति

ये एलियन हो सकता है, जो निरंतर सूर्य की ओर आगे बड़ रहा है। अलबत्ता दिखने में वह धूमकेतु है।, जो सूरज से टकराकर अपने प्राणों की आहुति देने जा रहा है। इस धूमकेतु का नाम 96P/ मचहोल्ज़है । वह बुध की कक्षा के भीतर पहुंच चुका है। सूर्य से मुठभेड़ होने के बाद उसकी जीवनलीला समाप्त हो जाएगी। सोलर एंड हेलिओस्फेरिक ऑब्जर्वेटरी (SOHO) इसकी निगरानी कर रहा है। सोहो ने सूर्य के करीब जाने की तस्वीर व वीडियो अपने कैमरे में कैद की हैं।

साधारण नही असाधारण है ये धूमकेतु 

नासा के अनुसार यह कोई साधारण धूमकेतु नहीं है। सूर्य की ओर गिरने वाले अधिकांश धूमकेतु तेजी से वाष्पित होकर समाप्त हो जाते हैं। SOHO ने ऐसे हज़ारों सनग्रेज़र पिंडों को खत्म होते देखा है। मगर धूमकेतु 96P इन सबसे अलग हटकर है। इसका आकार 6 किलोमीटर के व्यास का है। बड़े आकार का होने के कारण यह सूरज के काफी करीब पहुंचने के बाद भी जीवित रहेगा। 31 जनवरी यानि आज सूर्य से निकटतम दूरी केवल 0.12 AU खगोलीय इकाई रह गई थी।

क्या एलियन है यह धूमकेतु

कुछ शोधकर्ताओं का मानना ​​है कि 96P एक एलियन हो सकता है। रासायनिक रूप से, यह सौर मंडल के अन्य धूमकेतुओं के विपरीत है, इसमें सामान्य मात्रा में कार्बन और सायनोजेन की कमी है। इसकी कक्षा अजीब तरह से झुकी हुई है , जो इसे सूर्य के बहुत करीब ले जा रही है। यह पहले दो कक्षाओ में नजर आया। यह अप्रत्याशित टुकड़ों में भी दिखाई दिया।

वैज्ञानिकों ने कहा, न जाने हम क्या देख रहे हैं

वाशिंगटन डीसी के नेवल रिसर्च लैब के कार्ल बट्टम्स ने कहा कि धूमकेतु 96 पी की संरचना और व्यवहार बिलकुल अलग है। जिस कारण इसे असामान्य धूमकेतु कहा जा सकता है। उन्होन आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि हम नहीं जानते कि हम वास्तव में क्या देख रहे हैं। कहा कि हम विज्ञान वापसी को अधिकतम करने के लिए SOHO के साथ एक विशेष अवलोकन कार्यक्रम चला रहे हैं। जिसके चलते उन्हें उम्मीद है कि कुछ सुंदर तस्वीरों के साथ कुछ महत्त्वपूर्ण खोज कर सकते हैं।

असाधारण वैज्ञानिक के नाम पर रखा गया है इसका नाम

इज धूमकेतु का नाम डॉन मचहोल्ज़ के नाम पर रखा गया है। वैज्ञानिक बट्टम्स कहते हैं कि इस धूमकेतु का नाम डॉन मचहोल्ज़ के नाम पर रखा गया है, जो एक असाधारण ‘शौकिया’ खगोलशास्त्री थे। साथ ही एक अत्यंत महान व्यक्ति भी थे। उनका पिछले साल आकस्मिक निधन हो गया था। धूमकेतुओं की खोज में उनके योगदान को कभी भुलाया नही जा सकता है।

उत्तरी ध्रुव का पारा गिरा, नासा ने किया अगाह

उत्तरी ध्रुव के आसपास समताप मंडल इन दिनों जबरदस्त ठंड की चपेट में है। उत्तरी ध्रुव के समेरोवर्ती क्षेत्र में अचानक अत्यधिक ठंडा हो गया है। नासा ने उपग्रह के जरिए तापमान का पता लगाया है, -85 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। दुर्लभ ध्रुवीय समतापमंडलीय (पीएससी) बादलों की दहलीज है। पिछले कुछ दिनों से इस क्षेत्र में रंगीन बदल अपने सर्किल से बाहर फैलकर दक्षिण में स्कॉटलैंड तक फैल गए हैं। नासा ने उच्च-अक्षांश के आकाश पर नजर रखने वाले वैज्ञानिकों को इन बादलों को लेकर सतर्क रहने की हिदायत दी है।

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श्रोत, स्पेसवेदर।

वीडियो, सोहो।


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