अपने ही ग्रह का जीवन तबाह कर देता है तारा

Share It!

अपने ही ग्रह का जीवन तबाह कर देता है तारा

मानव कितना भाग्यशाली है कि उसे पृथ्वी जैसा जीवन देने वाला ग्रह मिला। समूचे ब्रह्मांड में एक
हम ही हैं, जो सानोशौकत के साथ जीवन जीते हैं। इतना होने के बावजूद इंसान ही इसे ग्लोबल वार्मिंग जैसी नर्क आग में जलाने में तुला हुआ है। इसकी तुलना हम अपने सौरमंडल के अन्य ग्रहों से करें तो कोई भी पृथ्वी जैसा नही है। अब बाहरी एक्सोप्लैनेट की बात करें तो उनका जीवन कितना खतरनाक होता है, नए शोध से पता चलता है।

एक्सोप्लैनेट यानी हमारे सौरमंडल के बाहर के ग्रहों का जीवन सुरक्षित नही होता है। ग्रह का अपना ही तारा उसे आग में झुलसाकर खत्म कर देता है। तारों से झुलसते ग्रहों पर हुए शोध से यह चौंकाने खुलासा सामने आया है । जर्मनी वैज्ञानिकों ने तीव्र सौर ज्वालाओं के प्रभाव को लेकर 21 तारों पर यह शोध किया गया।
एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी मासिक विज्ञान पत्रिका में यह खोज प्रकाशित हुई है। हमारी आकाशगंगा के अधिकांश तारे शांत तारे माने जाते हैं। खगोलशास्त्री ठंडे तारों को एफ, जी, के या एम के रूप में वर्गीकृत करते हैं। हमारा अपना तारा सूर्य जी श्रेणी में है। हालाँकि हमारा सूर्य भीषण गर्मी से भरा हुआ है, इसके बावजूद वह ठंडा तारा माना जाता है। अब सबसे अच्छे प्रकार के तारे एम तारे यानी ​​लाल बौने तारे होते है। ये हमारी आकाशगंगा में सबसे अधिक संख्या में मौजूद हैं। लाल बौने तारे बेहद सक्रिय होते हैं। ये भीषण सौर हवाएँ उत्सर्जित करते हैं। इनका तीव्र विकिरण किसी भी नजदीकी एक्सोप्लैनेट के लिए खतरनाक हो सकता है। जिसे जानने के लिए जर्मनी में लाइबनिज इंस्टीट्यूट फॉर एस्ट्रोफिजिक्स पॉट्सडैम (एआईपी) के वैज्ञानिकों ने इस घटना को लेकर अध्ययन किया। तब पता चला कि मजबूत चुंबकीय क्षेत्र वाले तारे अधिक शक्तिशाली खतरनाक सौर हवाएं पैदा करते हैं, जो किसी भी नजदीकी ग्रह के वायुमंडल को छीन सकती हैं । इसकी तुलना अपने सूर्य से करें तो हमारा तारों की श्रेणी में ठंडा माना जाता है। इसके बावजूद इससे आने वाले सौर तूफान से पृथ्वी को हमेशा खतरा बना रहता है। जिससे बचाव के लिए सौर वैज्ञानिको की नजर 24 घंटे सूर्य पर रहती है। यह शोध ठंडे तारों के नमूने में तारकीय हवाओं का पहला व्यवस्थित लक्षण वर्णन है। शोधकर्ताओं ने सबसे परिष्कृत मौजूदा मॉडलों में से एक के साथ संख्यात्मक सिमुलेशन का उपयोग किया। सिमुलेशन में 21 अच्छी तरह से देखे गए सितारों के बड़े पैमाने पर चुंबकीय क्षेत्र वितरण को शामिल किया गया। जिसमें तारों का गुरुत्वाकर्षण, चुंबकीय क्षेत्र की शक्ति, घूर्णन अवधि समेत सितारों की विभिन्न विशेषताओं का अध्ययन किया गया। यह शोध 21 तारों पर किया गया।

अभी भी तारो की दुनिया के बारे मे कम ही जानते हैं

आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान एरीज के पूर्व निदेशक व सौर वैज्ञानिक डॉ वहाबउद्दीन कहते हैं कि तारों की दुनिया विलक्षण है। इनकी शक्ति की कल्पना भी नही की जा सकती। असल मे हम तारों की दुनिया के बारे में बहुत कम जानते है। ब्लैक होल जैसी ब्रह्मांड की महाशक्ति को कौन नही जानता, जो तारों से बनता है। लिहाजा सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि किसी भी ग्रह को वह कैसे लील सकता है और नया शोध इसी पर प्रकाश डालता है।

स्रोत व फोटो: ठंडे मुख्य अनुक्रम सितारों की पवन गुणों की संख्यात्मक मात्रा का ठहराव/लाइबनिज इंस्टीट्यूट फॉर एस्ट्रोफिजिक्स पॉट्सडैम के माध्यम से।


Share It!