आश्चर्य: बाहरी सौरमंडल से भी घुस आते हैं धूमकेतु

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बाहरी सौरमंडल से भी घुस आते हैं धूमकेतु

ब्रह्माण्ड अनिश्चित है और रहस्यों से पटा हुआ है। अब जो नई जानकारी सामने आई है, वह कम चौंकाने वाली नही है। पता चला है कि दूसरे सौरमंडल के धूमकेतु भी हमारे सौर परिवार में आ सकते हैं। पर कैसे,,, नए शोध ने इसका खुलासा किया है। प्रश्न था कि क्या ओउमुआमुआ एक विशाल अंतरतारकीय धूमकेतु था? यह रहस्य अब खुलता नजर आ रहा है। ओउमुआमुआ एक अंतरतारकीय आगंतुक यानी दूसरे सौर मंडल से आया था, जब उसने सूर्य का चक्कर लगाया तो बड़ा अजीब नजर आया था। 2017 में, बाद में ‘ओउमुआमुआ’ नाम का पिंड हमारे सौर मंडल के पहली देखा गया था। यह पहला ऑब्जेक्ट था, जो दूसरे सौर मंडल से हमारे सौर मंडल के भीतर घुस आया था। तभी से इसे इंटरस्टेलर विज़िटर के रूप में जाना जाने लगा। यह आयताकार अंतरिक्ष चट्टान हमारे सौर मंडल के धूमकेतु या क्षुद्रग्रह से मेल नहीं खाती थी। इसके अजीबोगरीब व्यवहार के कई सिद्धांतों को जन्म दिया। ‘ओउमुआमुआ क्या हो सकता है, जिसमें यह विचार भी शामिल कि यह एक विदेशी अंतरिक्ष यान भी हो सकता है।

गत दिवस जनरल नेचर विज्ञान पत्रिका में प्रकाशित हुआ शोध

यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया-बर्कले और कॉर्नेल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने शोध किया और शोध को 22 मार्च 23 के विज्ञान जर्नल नेचर पत्रिका में प्रकाशित किया है। जिससे पता चलता है कि ‘ओउमुआमुआ का अजीब व्यवहार से पता चलता है कि यह वास्तव में धूमकेतु है, लेकिन हमारे सौर मंडल का न होकर दूसरे सौर मंडल का एक धूमकेतु है । हमारे सूर्य के पास से गुजरने पर इतना गर्म हो जाता है कि उसे हाइड्रोजन के उत्सर्जन से धक्का मिलता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इसकी असामान्य गति ही इसकी सतह से निकलने के कारण हो सकती है।

दूसरे सौर मण्डल से आया यह पहला धूमकेतु था

‘ओउमुआमुआ पहला ज्ञात इंटरस्टेलर विज़िटर था। इसके बाद बाहरी ग्रह से दूसरे धूमकेतु भी हमारे सौर मंडल में आए। 2019 में खगोलविदों ने 2I/बोरिसोव की खोज की । ये भी एक अन्य सौर मंडल का एक धूमकेतु था, जो हमारे सूर्य के पास से गुजरा था। बोरिसोव पारंपरिक धूमकेतु की तरह दिखते और काम करता था। इसमें एक कोमा बना हुआ था और पूंछ भी निकाली हुई थी। माना जाता है की 2014 में पृथ्वी से एक पिंड टकराया था। यह भी किसी अन्य सौर मंडल से आया आगंतुक था। इस पिंड का सही जानकारी पाने के लिए हार्वर्ड में एवी लोएब और उनका समूह द गैलीलियो प्रोजेक्ट – 2023 के तहत प्रशांत महासागर के नीचे इस उल्का की खोज करने की योजना बना रहे हैं।

वैज्ञानिकों को चुनौती दे गया था यह धूमकेतु

ओउमुआमुआ अपनी भौतिक विशेषताओं और गति के कारण वैज्ञानिकों को चुनौती दी। इसका आकार पैनकेक और सिगार के बीच कहीं नजर आता था। इसमें कोई कोमा या पूंछ नहीं थी और साथ ही यह पारंपरिक धूमकेतुओं से छोटा था। जिस तरह से ओउमुआमुआ’ सूरज से दूर चला गया था। जिस कारण मानक व्याख्याओं को खारिज कर गया था। कई सिद्धांतों ने इस त्वरण की व्याख्या करने का प्रयास किया । मगर नया शोध करने वाले वैज्ञानिक यूसी-बर्कले और कॉर्नेल के शोधकर्ताओं का दावा है कि उनका नवीनतम सिद्धांत दूसरों शोधों से कहीं अधिक स्पष्ट नजर आता है।

वैज्ञानिकों को खोज की नई दिशा दे गया ये धूमकेतु

यह धूमकेतु वास्तव में वैज्ञानिकों को खोज की नई दिशा देने वाला था और यही हुआ भी। हमे पता चल गया कि हम अपने सौर मंडल तक ही सीमित नहीं हैं। कोई बाहरी शक्ति भी हमारे सौर मंडल में घुसपेंठ कर सकती है।

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स्रोत: H2O बर्फ में रेडिओलिटिक रूप से उत्पादित H2 से 1I/’ओउमुआमुआ का त्वरण।

फोटो:NASA/ ESA , STScI के जोसेफ ओल्मस्टेड और फ्रैंक समर्स


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