संचार क्रांति में स्पेस x की एक और ऊंची उड़ान

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 संचार क्रांति में स्पेस x की एक और ऊंची उड़ान
अंतरीक्ष में स्पेस X की एक और ऊंची उड़ान अब आसमान में नजर आने लगी है। यह ब्लूवॉकर – 3 (BlueWalker -3 ) की उड़ान है। जिसे 10 सितंबर को कैनेडी स्पेस स्टेशन से लॉन्च किया गया था और अब वह अपनी ऑर्बिट में पहुंचकर  आसमान में दिखाई देना शुरू हो गया है। इसका  मकसद से ब्राडबैंड कनेक्सन देना है। इसके लिए आपको फोन पर एक ऐप डाउनलोड करना होगा। यह सैटेलाइट आधुनिक संचार युग में क्रांति लाने जा रहा है। BlueWalker -3
 एक खास चमक के साथ असमान में चमक बिखेरेगा, जो असमान के चमकते सभी तारों में सबसे अधिक चमकीला होगा। इस सैटेलाइट का आकार 693 वर्ग किमी है। जिस कारण रातों को असमान में चमकता यह सैटेलाइट खास आकर्षण बनने जा रहा है। बहरहाल इसने दिखना शुरू कर दिया है तो इसकी चर्चा भी होनी भी शुरू हो गई है।

ऑर्बिट से सीधे मोबाइल फोन तक ब्रॉडबैंड कनेक्शन प्रदान करेगा Bluewalker-3 
स्पेस x के लॉन्च स्टारलिंक ग्रुप 4-2 के साथ फ़्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च पैड LC-39A से 11 सितंबर की रात हुई थी। फाल्कन-9 रॉकेट 60 टेबल-आकार के स्टारलिंक उपग्रहों को पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजा गया था।  AST SpaceMobile का Bluewalker-3 उपग्रह है। मिशन कंपनी के लार्जर ब्लूबर्ड उपग्रह समूह के लिए एक परीक्षण कार्यक्रम है, जो अंततः वैश्विक कवरेज के लिए 110 उपग्रहों को पृथ्वी  की नीचे की कक्षा में स्थापित करेगा। इसका उद्देश्य ऑर्बिट से सीधे मोबाइल फोन तक ब्रॉडबैंड कनेक्शन प्रदान करना है।
 2024 तक  बड़ा लक्ष्य निर्धारित 
एएसटी स्पेस मोबाइल संचार को  2024 का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।  ब्लूबर्ड उपग्रह समूह के जरिए स्थापित किया जाएगा। अपनी कक्षा में रहकर परीक्षण किया जाएगा। कंपनी के  अनुसार अपने फोन पर एक ऐप डाउन लोड कर इस संचार माध्यम से आसानी से जुड़ जाएंगे।  BlueWalker-3 उपग्रह में एक परावर्तक 64-मीटर वर्ग का एंटीना के साथ, जिसका एक तरफ का हिस्सा 24 फीट का है। जिस कारण नग्न आंखो से देखा जा सकेगा।
 ब्लूवॉकर -3 को  शाम को 20 से 40 डिग्री उत्तर में और भोर के समय 0 से 30 डिग्री दक्षिण अक्षांश में दिखाई देगा। गत दिवस इसकी तस्वीरें ली गई हैं। 
40  से अधिक देशों से जुड़ चुका है स्पेस x
यह संचार का युग है, विकास का द्योतक है। संचार के क्षेत्र में कोई भी पिछड़ना नहीं चाहता है जिसके चलते इस दिशा के व्यक्ति विशेष हो या निजी अथवा सरकारी संस्थाएं हो या फिर देश, हर कोई बेहतर संचार नेटवर्क जोड़ना व पाना चाहता है। मगर स्पेस x कदम दर कदम आगे बड़ रहा है, जो वर्तमान के स्टारलिंक सैटलाइट के जरिए 40 से अधिक देशों को खुद से जोड़ चुका है और दूसरे देशों को भी खुद से जोड़ने में लगा हुआ है। खास बात यह है कि स्पेस x निजी संस्था है, नासा जैसी नामी संस्थाओं से प्रतिलिपर्धा के लिए तैयार है और मंगल जैसे ग्रह पर दुनिया की तमाम स्पेस एजेंसियों से मानव मिशन भेजने का दावा भी करता है। बहरहाल दूसरे ग्रहों पर विजयता बनने की होड़ निजी हो या सरकारी, जीत आंखीर मानव की है।
https://space23lyear.com/
सोर्स: स्पेसवेदर डॉट कॉम
फोटो : पौल माले

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