वीनस पर जीवन के संकेत की महत्वपूर्ण खोज

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शुक्र ग्रह पर जीवन के संकेत की खोज
शुक्र (वीनस)ग्रह पर जीवन है या नहीं, अगर है भी तो किस रूप में है और हम जैसे बुद्धमाम इंसानों का जीवन इस ग्रह पर संभव है भी या नहीं। यह ऐसे सवाल हैं जिनका कोई सीधा जवाब हमारे पास नहीं है। अगर सही जवाब है भी तो वह यह है कि लोहा पिघला देने वाले इस ग्रह पर जीवन का जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। इसके बावजूद वहां सूक्ष्म जीवन की मौजूदगी से इंकार नहीं किया जा सकता है। इस संभावना को लेकर वैज्ञानिकों ने शोध किया है। यह शोध शुक्र में मौजूद गैसों को लेकर किया गया है।
यू.एस. और यू.के. के वैज्ञानिकों का सामूहिक शोध
नया शोध पेपर शुक्र की विभिन्न विसंगतियों पर चर्चा करता है । जिसमें  चीजें जो अलग, असामान्य, अजीब हैं। जिन्हें आसानी से वर्गीकृत नहीं कर सकते हैं । इस शोध में शुक्र के बादलों में जीवित वस्तुओं के कुछ भेद तो समझ में आते हैं। यू.एस. और यू.के. के वैज्ञानिकों ने सामूहिक रूप से यह शोध किया है । जिसमें शुक्र के बादलों में संभावित जीवन की निरंतर विकास से संबंधित है।  फॉस्फीन शुक्र के बादलों में विभिन्न विशिष्ट विशेषताओं में से एक है । जो वायुजनित सूक्ष्मजीव,  जैसे कि विदेशी बैक्टीरिया या कवक की मौजूदगी की जानकारी देते हैं। इस शोध में वैज्ञानिक  शुक्र के वातावरण, खगोल विज्ञान, जीव विज्ञान और भूविज्ञान में पिछली खोजों के बारे में पिछली धारणाओं के संदर्भ में अनेक विसंगतियों को भी सामने रखते हैं।
शुक्र पर है सूक्ष्म जीवन
एक दिन पहले  29 नवंबर 2022 शुक्र पर जीवन को शुक्र में मौजूद गैसों के आधार पर सूक्ष्म जीवन होने के संभावना जताई है। शुक्र के वातावरण में अमोनिया और फॉस्फीन की अस्थायी पहचान दी है, जिसमे दोनो विसंगतियों की जानकारी मिलती है। जिसमे एक और शुक्र के निर्जीव तो दूसरी ओर सजीव होने के साक्ष्य मिलते हैं। बहरहाल एयरोस्पेस (एमडीपीआई) ने इस शोध को अपनी विज्ञान पत्रिका के विशेष अंक में  शुक्र पर जीवन के संकेतों की खोज शीर्षक से प्रकाशन के लिए स्वीकार कर लिया
2020 में हुई थी शुक्र के वातावरण में फॉस्फीन की खोज 
जीवन को लेकर फौसफीन एक महतवपूर्ण गैस है। शुक्र ग्रह पर इसकी खोज दो साल पहले हुई थी। तब शुक्र पर इसकी मौजूदगी को लेकर अलग उत्साह वाज्ञानिकों में रहा। इस खोज से शोध के नए द्वार खोल दिए थे। मगर तभी से इस गैस को लेकर बहस भी छिड़ गई, जो आजतक जारी है। अगर हम शुक्र के वातावरण की पृथ्वी से तुलना करें तो आंखीर पृथ्वी हवा में फॉस्फीन जीवन प्रक्रियाओं से जुड़ा हुआ है। इसलिए वैज्ञानिक मानते हैं कि शुक्र पर जीवन की प्रक्रियाओं की संभावना को बल मिलता है।
शुक्र का वातावरण
शुक्र के वातावरण में बादलों में सल्फर और पानी की कमी, सतह के पास SO2 [सल्फर] और बादलों में H2O का अजीब व्यवहार, O2 [ऑक्सीजन], H2S [हाइड्रोजन सल्फाइड] के अलावा  CH4 [मीथेन] बादल, बादलों के ऊपर O2 [ऑक्सीजन] , बादलों के नीचे OCS [कार्बोनिल सल्फाइड] की कमी, सल्फर बादलों के नीचे फॉस्फोरस बादलों के नीचे,  सतह पर खनिज विज्ञान, खनिज संरचना व निचले वायुमंडल के साथ संतुलन को लेकर अध्ययन किया।
 कभी शुक्र भी था पृथ्वी समान हरा भरा ?
पृथ्वी से बेहद चमकदार सुंदर नजर आने वाले शुक्र पर पानी के सागर थे और संभवतः पृथ्वी के समान हरियाली भी रही हो। वैज्ञानिकों का कहना है कि तमाम  विसंगति के बीच शुक्र में सूक्ष्म जीवन है तो इससे यह जानकारी भी मिल पाएगी कि ग्रहों पर जीवन कैसे विकसित होता है। शुक्र की स्थिति नर्क समान है और इन परिस्थितियों में जीवन होना बहुत बड़ी बात है। इससे ब्रह्माण्ड में  जीवन की उत्पत्ति का पता भी चल पाएगा।
   स्रोत: SOFIA प्रेक्षणों से शुक्र के वायुमंडल में फॉस्फीन की प्राप्ति  एस्ट्रोबायोलॉजी के माध्यम से
फोटो: जापान के अकात्सुकी अंतरिक्ष यान द्वारा 23 दिसंबर 2016 को ली गई शुक्र की तस्वीर।

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