धरती के सबसे करीबी ब्लैक होल की खोज 

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 पृथ्वी के सबसे नजदीकी ब्लैक होल को खोजा 
पृथ्वी से 16 सौ प्रकाश वर्ष  ब्लैक होल की खोज की गई है। माना जा रहा है कि यह ब्लैक होल हमारी धरती के सबसे करीब का ब्लैक होल है। हवाई द्वीप में जेमिनी नॉर्थ टेलीस्कोप ने इसकी खोज की है। यह ब्रह्मांड में  निष्क्रिय तारकीय-द्रव्यमान वाला ब्लैक होल है। पहली बार हमारे नजदीकी ब्लैक होल की इस खोज को बेहद महत्त्वपूर्ण माना रहा है, जो बायनरी सिस्टम को समझने में मदद कर सकता है।NSF की NOIRLab  इंटरनेशनल जेमिनी ऑब्जर्वेटरी का इस खोज में अहम योगदान रहा है।रॉयल एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी की मासिक पत्रिका में शोध प्रकाशित हो चुका है।
सूर्य के द्रब्यमान से कई गुना अधिक है यह ब्लैक होल
ब्लैक होल ब्रह्मांड की असीम शक्तियां में है। माना जाता है कि ब्रह्माण्ड की सभी आकाशगंगाओं के केंद्र में ब्लैक होल मौजूद है। हमारी आकाशगंगा के मध्य भी सक्रिय ब्लैक होल मौजूद है। पृथ्वी के नजदीक खोजे गए ब्लैक होल को लेकर शोधकर्ताओं का कहना है कि  तारकीय द्रव्यमान वाले इस ब्लैक होल का द्रव्यमान से हमारे सूर्य के द्रव्यमान से लगभग पांच से 100 गुना अधिक है ।
वैज्ञानिकों ने Aia BH1 रखा इस ब्लैक होल का नाम 
InternationalGemini Observatory की  दूरबीन जेमिनी नॉर्थ टेलीस्कोप की मदद से यह खोज हो सकी। शोधकर्ताओं ने इसका नाम Gaia BH1 रखा है। यह निष्क्रिय ब्लैक होल सूर्य की तुलना में लगभग 10 गुना अधिक विशाल है , जो  नक्षत्र ओफ़िचस में हमसे लगभग 1600 प्रकाश-वर्ष दूर स्थित है। इस ब्लैक होल का नजदीकी तारा उतनी ही दूरी पर है, जितनी दूरी पर हमारी पृथ्वी सूर्य से दूर है। ब्लैक होल का भ्रमण करते इस तारे के जरिए ही यह खोज संभव हो सकी।
इस तरह के लाखों ब्लैक होल हो सकते हैं हमारी आकाशगंगा में
शोध करने वाले वैज्ञानिकों का कहना है कि हमारी मिल्की वे में लाखों तारकीय-द्रव्यमान वाले ब्लैक होल होने की संभावना से इंकार नही किया जा सकता  है, जिनमें से अभी तक कुछ की ही खोज हो सकी है। वैज्ञानिकों के अनुसार ब्लैक होल का समीपवर्ती तारा बेहद गर्म तो हो जाता है और साथ में शक्तिशाली एक्स-रे और जेट उत्पन्न करता है।
जीवित अवस्था में सूर्य से 20 गुना बड़ा तारा रहा होगा यह ब्लैक होल
Gaia BH1 ब्लैक होल जब सक्रिय तारा होगा तो तब वह हमारे सूर्य से कम से कम 20 गुना बड़ा रहा होगा। इसका जीवन  कुछ मिलियन वर्ष का रहा होगा, जबकि इसका साथी तारा हमारे सूर्य की तरह हाइड्रोजन के साथ जलने वाला होगा, जो आज भी जीवित है और ब्लैक होल की परिक्रमा कर रहा है। इस ब्लैक होल की खोज करने के लिए शोधकर्ताओं के पास सीमित समय था। यदि वह इस अध्ययन को निश्चित समय पर नहीं कर पाते तो उन्हे एक वर्ष का इंतजार करना पड़ता। ये खोज इसलिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है कि इससे बाइनरी सिस्टम में ब्लैक होल कैसे बनते और विकसित होते हैं, इस बारे में अधिक समझ पैदा होगी। हालाकि  हमारी समझ में अभी भी काफी अंतर है। साथ ही निष्क्रिय ब्लैक होल की संख्या का भी हमे पता नही है।
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स्रोत: एसोसिएशन ऑफ यूनिवर्सिटीज फॉर रिसर्च इन एस्ट्रोनॉमी (AURA)
Photo: Phys.org प्रतीकात्मक तस्वीर।

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