हमारी पास की निहारिका में अद्भुत जेट की खोज
वैज्ञानिकों ने अंग्रेजी के एस आकार लिए अद्भुत जेट का पता लगाया है। यह जेट तारों को जन्म देने वाली नर्सरी ओरियन नेबुला में बना हुआ है। वेरी लार्ज टेलीस्कोप की मदद से यह खोज हुई है। ब्रह्माण्ड के अजूबों में जेट का अपना अहम स्थान है। खोजा गया यह जेट ओरियन नेबुला में एक तारे से बाहर निकल रहा है। यह तारों को जन्म देने वाली नर्सरी पृथ्वी से 1,350 प्रकाश वर्ष दूर मौजूद है।
वेरी लार्ज टेलीस्कोप के मल्टी यूनिट स्पेक्ट्रोस्कोपिक एक्सप्लोरर उपकरण के जरिए हुई खोज
इस तारे का नाम 244-440 है। वेरी लार्ज टेलीस्कोप के मल्टी यूनिट स्पेक्ट्रोस्कोपिक एक्सप्लोरर उपकरण के जरिए अंग्रेजी शब्द एस आकार का जेट की उत्पत्ति हुई है। यह जेट घुमावदार है, जो युवा तारकीय नर्सरी में गैस का छिड़काव करती प्रतीत हो रही है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस जेट की घुमावदार प्रकृति से पता चलता है कि यह किसी तारे की परिक्रमा कर रहा हो सकता है।
खोजकर्ता वैज्ञानिकों के हवाले से
इस खोज पर वैज्ञानिकों का कहना है कि बहुत से युवा तारे अक्सर तारे की ओर गिरने वाली सामग्री के डिस्क से घिरे होते हैं। “इस सामग्री में से कुछ को डिस्क के लंबवत शक्तिशाली जेट्स में निष्कासित किया जा सकता है।” और एक दूसरे की परिक्रमा करते हैं। जिसके चलते जेट की स्थिति बदलती रहती है।
कई नाम हैं इस निहारिका के
ओरायन नीहारिका अथवा ओरायन नेबुला (Orion Nebula) मेसियर 42, एम42, या एनजीसी 1976 के नाम से भी जानी जाती है, हमारी आकाशगंगा में स्थित एक विसरित नीहारिका है। यह ओरायन नक्षत्रमण्डल में ओरायन के बेल्ट के दक्षिण में ओरायन के मध्य स्थित है। यह सबसे चमकीली नीहारिकाओं में से एक है और रात के आकाश में नग्न आंखों से भी दिखाई देती है।
तारों का निमार्ण करने वाली विशाल नर्सरी है यह निहारिका
यह नीहारिका हमारे सबसे नज़दीकी विशाल तारा निर्माण क्षेत्र भी है। एम42 नीहारिका के 24 प्रकाश वर्ष क्षेत्र में फैले होने का अनुमान है और इसका द्रव्यमान सूर्य से लगभग 2,000 गुना अधिक है। पुराने ग्रंथों में अक्सर इसे ओरायन नक्षत्र मण्डल की महान नेबुला अथवा महान ओरायन नेबुला भी कहा जाता रहा है।
इस निहारिका पर हुए है सबसे अधिक अध्ययन
हमारे काफी नजदीक होने के कारण ओरायन निहारिका वैज्ञानिकों के अध्ययन का केंद्र रही है। इस निहारिका के जरिए ब्रह्माण्ड के दूसरी निहारिकाओं को समझने में मदद मिली है। तारों की उत्पत्ति को समझने के लिए यह नेबूला वैज्ञानिकों के सार्वाधिक महत्वपूर्ण साबित हुई है।
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श्रोत व फोटो: ईएसओ / किरण एट अल
Journalist Space science.
Working with India’s leading news paper.
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