मिल्की वे के बाहर 208 नए लायरा तारों की खोज

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प्रभामंडल में 208 नए लायरा सितारों की खोज 

हमारी आकाशगंगा मिल्की वे अरबों तारों का एक द्वीप है। उनमें से अधिकांश तारे आकाशगंगा की चपटी डिस्क में रहते हैं। लेकिन कुछ तारे डिस्क से दूर मिल्की वे के प्रभामंडल में स्थित हैं। खास बात यह है कि यह विशाल प्रभामंडल आकाशगंगा की डिस्क को घेरे हुए है। वैज्ञानिकों ने इसी महीने मिल्की वे के प्रभामंडल में 208 नए चर सितारों की खोज की है। इन तारों को आरआर लाइरा सितारे कहा जाता है, जो हमसे एक लाख प्रकाश-वर्ष दूर स्थित हैं यानी पड़ोसी आकाशगंगा एंड्रोमेडा व हमारी आकाशगंगा के लगभग बीच मौजूद हैं।

एंड्रोमेडा व हमारी आकाशगंगा के बीच हैं ये तारे

यूसी सांता क्रूज़ के शोध छात्र युटिंग फेंग ने इन लायरा तारों की खोज की है। इसी महीने सिएटल में अमेरिकन एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी की बैठक में इस नई खोज का खुलासा किया। नए पाए गए तारे हमारी आकाशगंगा के तारकीय प्रभामंडल के सबसे बाहरी भाग में स्थित हैं। यह प्रभामंडल बहुत बड़ा है। विशेष रूप से पिछले अध्ययनों से संकेत मिलता है कि यह गांगेय केंद्र 1 मिलियन प्रकाश वर्ष विशाल क्षेत्र में फैला हुआ है। इसके विपरीत 208 आरआर लाइरा सितारों की दूरी लगभग 20 से 320 किलोपारसेक है। अविश्वसनीय रूप से पड़ोसी एंड्रोमेडा आकाशगंगा व हमारी आकाशगंगा के बीच में हैं। यह खोज आकाशगंगा के हेलो के आकार के सैद्धांतिक अनुमानों की पुष्टि करते हैं। जिस कारण यह खोज महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

दिल की धड़कन जैसे हैं ये तारे

ये तारे धीरे धीरे अपनी चमक बढ़ाते हैं और धीरे धीरे उनकी चमक मंद पड़ जाती है। जिस कारण ये तारे आकाशगंगा के दिल की धड़कन की तरह नज़र आते हैं, जो अपनी चमक जल्दी से ऊपर ले जाते हैं और धीरे-धीरे नीचे लाते है। चमकने और मंद पढ़ने का यह चक्र समान रूप से बना रहता है। ये सितारे मिल्की वे के आकार और द्रव्यमान के बारे में बहुमूल्य जानकारी प्रदान करते हैं।

आकाशगंगाओं की सीमा की परिभाषा को संशोधित कर सकती है यह खोज

यह खोज हमारी आकाशगंगा की बाहरी सीमाओं को पुनर्परिभाषित सकती है। हमारी आकाशगंगा और एंड्रोमेडा दोनों ही इतनी बड़ी हैं कि दोनों आकाशगंगाओं के बीच मुश्किल से ही कोई जगह बची है। जान लीजिए अध्ययन के लिए प्रभामंडल सबसे कठिन हिस्सा है क्योंकि हमारी बाहरी सीमाएँ बहुत दूर हैं। प्रभामंडल में डार्क मैटर का प्रभुत्व है, जो वास्तव में आकाशगंगा के अधिकांश द्रव्यमान को समाहित करता है

शिकारी नक्षत्र ओरियन को जानिए

ग्रहों नक्षत्रों की दुनिया में इन दिनों ओरियन कालपुरुष नक्षत्र छाया हुआ है। इसे शिकारी के नाम से भी पहचाना जाता है। राशियों में इस नक्षत्र का क्या प्रभाव पड़ता है, ये तो ज्योतिष ही बता सकते हैं, लेकिन सुन्दरता के लिहाज से इन दिनों आसमान में अनोखे अंदाज में नजर आ रहा है। यह तारामंडल दुनिया भर में दिखाई देने वाला नक्षत्र है। जिसे बहुत से लोग जानते और पहचानते हैं। प्राचीन खगोल शास्त्री इसे पुस्तकों में अक्सर एक पुरुष या शिकारी के रूप में दर्शाते थे। इसका पता लगाना बहुत आसान है। शाम को दक्षिणी आकाश में नजर आ रहा है। उत्तरी गोलार्ध में सर्दियों की शाम और दक्षिणी गोलार्ध में गर्मियों की रातों का साथी है। इस नक्षत्र में तीन समान रूप से चमकीले सितारे नजर आते हैं। यह तीनों एक लाइन में पंक्तिबद्ध दिखाई देते हैं। जिस कारण इनको पहचान बेहद आसान है। इस बेल्ट सितारों के दोनों तरफ दो और भी चमकीले सितारे हैं । जिनमें एक लाल और दूसरा नीला नजर आता है। जिस कारण ओरियन की सुंदरता अधिक बढ़ जाती है। ओरियन को दक्षिण-पूर्व में दिशा में सूर्यास्त के बाद से दिखना शुरू हो जाता है।

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स्रोत: कनाडा-फ्रांस-हवाई टेलीस्कोप लिगेसी सर्वे (CFHTLS) डीप फील्ड्स डेटाबेस में मिल्की वे हेलो आरआर लाइरे स्टार्स और डिस्टेंट क्वासर की खोज।

फोटो: HubbleSite.


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