फिर से भड़कने लगा सूर्य

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सूर्य पर इन दिनों उठ रही जबरदस्त ज्वालाएं
सूर्य इन दिनों बेहद सक्रिय है। पिछले 24 घंटों के दौरान करीब डेढ़ दर्जन विस्फोट सूर्य के सतह पर हो चुके हैं। जिनमें एक दर्जन सी क्लास के विस्फोट हुए हैं, जबकि एम क्लास के चार विस्फोट हुए हैं। नासा के अनुसार अगले कुछ  दिन सूर्य पर विस्फोटों का सिलसिला जारी रहने की संभावना है। सूर्य पर चार स्थानों में  अभी भी आग उगलने चार सन स्पॉट ग्रुप बने हुए हैं, जो कभी भी विस्फोट कर सकते हैं।
छः अगस्त को भी हुआ था जबरदस्त विस्फोट
सूर्य के उत्तरी गोलार्ध में छः अगस्त को भी एक फिलामेंट में विस्फोट हुआ था। इस विस्फोट से  बड़ी मात्रा में हाई चार्ज पार्टिकल्स उत्सर्जित हुए थे। नासा की (सोलर डायनामिक ओब्जारवेट्री) एस डी ओ ने इस घटना को दिखाया था। वह एक्स क्लास की ज्वाला यानी विस्फोट था। नैनीताल स्थित आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज)  के सीनियर सोलर वैज्ञानिक डा वहाबउद्दीन  ने इस घटना की जानकारी दी थी। 
बेहद सक्रिय है इन दिनों सूर्य 
 डा वहाबुद्दीन का कहना है कि इन दिनों सूर्य  बेहद सक्रिय है। पिछले करीब एक साल के दौरान एक्स क्लास  की बड़ी ज्वालाएं सूर्य की सतह से  निकल चुकी हैं। जिनमें से कई भूचुंबकीय सौर तूफान धरती के चुम्बकीय क्षेत्र तक पहुंचे थे। जिनसे नॉर्दन लाइट (औरोरा) के दर्शनीय दृश्य ध्रुवीय क्षेत्र में देखने को मिले। 17 अगस्त से सूर्य से  ज्वालाओं का उभरना शुरू हुआ था, जो बहरहाल अभी तक जारी हैं। 
निकली ज्वालाओं से खतरे जैसी कोई बात नही
भले ही सूर्य से उठने वाले भू चुम्बकीय सौर तूफानों से खतरे की संभावना से  इनकार नहीं किया जा सकता, जो  हमारे सैटेलाइट व हवाई सेवाएं पर प्रभावित कर सकती है। लेकिन इन सौर तूफानों का अत्यधिक शक्तिशाली होना चाहिए। पिछले 24 घंटो के निकले सौर तूफान इतने बड़े नहीं हैं, जो नुकसान पहुंचाए। फिर भी दुनियाभर के सौर वैज्ञानिक इन पर नजर रखते हैं। 
सूर्य की सतह पर बने हैं 4 सन स्पॉट
सूर्य की सतह पर 4 सन स्पॉट बने हुए हैं। इनसे कभी भी बड़े विस्फोट हो सकते हैं। जिनसे विशाल ज्वालाएं उठ सकती हैं। इन सन स्पॉट को 3082, 3083, 3084 व 3085 नंबर यानि नाम दिए गए हैं। यह सभी बड़े ग्रुपों में शामिल हैं। यानी एक सन स्पॉट में गुच्छे के रूप कई ग्रुप बने हुए है। 
भारत का आदित्य रखेगा सूर्य पर नजर
चंद्रयान, मार्स ऑर्बिटर व एस्ट्रोसेट जैसे बड़े मिशन कामयाब करने के बाद इसरो की तैयारी आदित्य मिशन को लॉन्च करने की है। पिछले करीब एक दशक से आदित्य मिशन की तैयारी चल रही हैं और अब इसको अमली जामा पहनाने को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
 साल के अंत तक भेजा जा सकेगा आदित्य को
आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान एरीज के निदेशक प्रो दीपांकर बनर्जी आदित्य मिशन से जुड़े हुए हैं। उन्होंने बताया कि कोविड के कारण इस मिशन को पूरा किए जाने में देरी हुई है। अलबत्ता इस वर्ष के अंत तक इसे प्रक्षेपित कर दिया जाएगा।  इन दिनों अंतिम चरण की तैयारी चल रही है।
रंग बिरंगी रोशनी से निखर उठेगा आसमान
सूर्य से उठे भू चुम्बकीय सौर तूफानों का असर पृथ्वी के ध्रुवीय क्षेत्र में रंग बिरंगी रोशनी के रूप में देखने को मिलेगा। नॉर्दन लाइट यानी औरोरा की रंग बिरंगी रोशनी को लेकर विज्ञानिको का मानना है कि नॉर्वे, स्वीडन व अलास्का में अगले कुछ दिन रौनक रहेगी। 

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