धूमकेतु 12पी/पोंस-ब्रूक्स के पृथ्वी के नजदीक पहुँचने को लेकर जश्न की तैयारियां शुरू

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धूमकेतु 12पी/पोंस-ब्रूक्स के पृथ्वी के नजदीक पहुँचने को लेकर जश्न की तैयारियां शुरू

धूमकेतु 12पी/पोंस-ब्रूक्स के पृथ्वी के नजदीक पहुचने को लेकर जश्न की तैयारियां अभी से शुरू होने लगी है। धरती के नजदीक पहुचने पर इसे नग्न आंखों से देखा जा सकेगा। यह 71.3 साल बाद पृथ्वी के करीब पहुँच रहा है। यह कही धूमकेतु है, जो हर साल ड्रेकोनीड्स उल्कावृष्टि की बरसात करता है। दरअसल धूमकेतु हमारे सौर मंडल के सर्वाधिक आकर्षण का केंद्र रहे हैं। लंबी पूंछ बनाते हुए सूर्य के करीब पहुचते हैं। यही पूंछ आकर्षण का केंद्र बनती है।
इस धूमकेतु को जीन लुइस पोंस ने 12 जुलाई 1812 को खोजा था। इसके बाद विलियम्स रॉबर्ट ने 1883 में दूसरी बार इसे देखा। इस बार करीब आने को लेकर वैज्ञानिकों के साथ खगोल प्रेमियों में जबरदस्त उत्साह है। यह 21 अप्रैल, 2024 को पेरीहेलियन की ओर बढेगा। तब इसकी चमक लगभग 4-4.5 पहुँच जाएगी। इसकी पहचान इसलिए आसान होगी, क्योंकि वह बृहस्पति ग्रह के नीचे से पश्चिम की दिशा से होकर गुजरेगा।

यह 2 जून 2024 को पृथ्वी के सबसे करीब पहुच जाएगा। तब इसकी धरती से दूरी 1.6 ए.यू. रह जाएगी और चमक 6 परिमाण होगी । तब इसे नग्न आंखों से देखा जा सकेगा। ब्रिटिश एस्ट्रोनॉमिकल एसोसिएशन (बीएए) के क्षुद्रग्रह और दूरस्थ ग्रह अनुभाग के निदेशक रिचर्ड माइल्स के अनुसार 12पी/पोंस-ब्रूक्स उन लगभग 10 धूमकेतुओं में से एक है, जिन्होंने पिछली दो शताब्दियों के दौरान पांच परिमाण या उससे अधिक चमक बिखेरी है। उन्होंने 20 जुलाई की रात को इसे देखा। फिलहाल वह धुंधला नजर आ रहा है और वह सौरमंडल की भीतरी कक्षा में हमारे करीब आगे बढ़ रहा है।

सूर्य का चक्कर लगाकर वापस लौट जाएगा

आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान एरीज के वरिष्ठ खगोल वैज्ञानिक डा शशिभूषण पांडेय के अनुसार भले ही धूमकेतु 12पी/पोंस-ब्रूक्स के पृथ्वी के नजदीक आने पर एक वर्ष का समय शेष हो, लेकिन 71 वर्ष के लंबे अंतराल बाद पहुचने पर उत्साह होना स्वभाविक है। अब खासकर अमेच्योर वैज्ञानिक इसकी ढूंढ खोज शुरू कर देंगे। उम्मीद है कि कैमरे की अत्यधुनिक सुविधाओं की उपलब्धता के चलते इसके आगे की अध्ययन की राह आसान होगी।
श्रोत: अर्थ स्काई।
फोटो: नासा।


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