यूरेनस के 4 चंद्रमा पर महासागर 

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4 छल्लों व 27 उपग्रहों से घिरे यूरेनस के 4 चंद्रमा पर महासागर 

वैज्ञानिक पानी वाले ग्रह की तलाश में ब्रह्माण्ड की खाक छानने में लगे हुए हैं और यहाँ अपने ही सौर मंडल के ग्रहों में अकूत पानी के सागर छिपे हुए हैं। एक नए शोध में कुछ ऐसी ही खबर सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि यूरेनस ग्रह के उपग्रहों पर पानी के सागर समाए हुए हैं। अगर वहां पानी है तो इस ग्रह पर बहुत कुछ हासिल किया जा सकता है।

हबल स्पेस टेलीस्कोप से लिया डेटा

वैज्ञानिकों ने इस ग्रह की जानकारी जुटाने के लिए 1998 में हबल स्पेस टेलीस्कोप द्वारा लिए गए डेटा का उपयोग किया। यह ग्रह रंग-वर्धित दृश्य में अपने ही खूबसूरत चार छल्लों से घिरा हुआ है। इस ग्रह के अभी तक 27 चंद्रमाओं का पता चल पाया है। जिनमें चार चंद्रमा अपने में विशाल सागर समेटे हुए हैं। हालाकि सागर होने की संभावना जताई है। इसकी पुष्टि होनी अभी बाकी है। मगर इतना तय है कि इस ग्रह पर पानी तो होगा ही, वह चाहे तरल जल के रूप में हो या फिर बर्फ के रूप के।

कंप्यूटर मॉडलिंग से हुई खोज

नए कंप्यूटर मॉडलिंग के जरिए यह अध्ययन किया गया। जिसमें नासा के वायेजर अंतरिक्ष यान के डेटा का सहारा भी लिया गया। इसके बाद ही वैज्ञानिकों को यह निष्कर्ष निकालने में मरद मिली और यूरेनस के चार सबसे बड़े चंद्रमाओं में उनके कोर और बर्फीली परतों के बीच एक महासागर की परत मौजूद होने का पता चला। हालाकि उन्होंने पांच चंद्रमाओं का अध्ययन किया। यह सभी यूरेनस के सबसे बढ़े उपग्रह हैं। इन उपग्रहों के नाम एरियल, उम्ब्रील, टाइटेनिया, ओबेरॉन और मिरांडा है।

एरियल, उम्ब्रील, टाइटेनिया और ओबेरॉन है इन चंद्रमाओं का नाम

एरियल, उम्ब्रील, टाइटेनिया और ओबेरॉन के आंतरिक हिस्से में महासागर छिपे हुए हैं। इनका पानी पृथ्वी के समुद्रों की नमकीन भी हो सकता है। जिसका पानी चमकदार भी हो सकता है। ये महासागर सूखी चट्टान की परतों के ऊपर स्थित हैं।

महासागर दर्जनों मील गहरे हो सकते हैं

कुल मिलाकर, कम से कम 27 चंद्रमा यूरेनस का चक्कर लगाते हैं। चार सबसे बड़े एरियल से लेकर 720 मील (1,160 किलोमीटर) के पार, टाइटेनिया तक, जो 980 मील (1,580 किलोमीटर) के पार है। वैज्ञानिकों ने लंबे समय से सोचा है कि टाइटनिया, इसके आकार को देखते हुए, रेडियोधर्मी क्षय के कारण आंतरिक गर्मी को बनाए रखने की सबसे अधिक संभावना होगी। आंतरिक महासागर को ठंड से बचाने के लिए आवश्यक गर्मी को बनाए रखने के लिए अन्य चंद्रमाओं को पहले व्यापक रूप से बहुत छोटा माना जाता था, विशेष रूप से क्योंकि यूरेनस के गुरुत्वाकर्षण खिंचाव द्वारा बनाई गई गर्मी केवल गर्मी का एक मामूली स्रोत है।

जर्नल ऑफ जियोफिजिकल रिसर्च में प्रकाशित हुई खोज

दक्षिणी कैलिफोर्निया में नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी के प्रमुख लेखक जूली कैस्टिलो-रोजेज ने कहा कि राष्ट्रीय अकादमियों के 2023 प्लैनेटरी साइंस एंड एस्ट्रोबायोलॉजी डेकाडल सर्वे ने यूरेनस की खोज को प्राथमिकता दी। इस तरह के एक मिशन की तैयारी में, ग्रह वैज्ञानिक रहस्यमय यूरेनस प्रणाली के बारे में अपने ज्ञान को बढ़ाने के लिए आइस जायंट पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। जर्नल ऑफ जियोफिजिकल रिसर्च में प्रकाशित, नया काम यह बता सकता है कि भविष्य का मिशन चंद्रमाओं की जांच कैसे कर सकता है, लेकिन पेपर में ऐसे निहितार्थ भी हैं जो यूरेनस से आगे जाते हैं।

https://space23lyear.com

श्रोत: NASA/JPL-कालटेक

फोटो: हबल।


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