अब मुश्किल होने लगा है बृहस्पति ग्रह को देखना
हमारे सौर परिवार का सबसे विशाल ग्रह बृहस्पति को देखना पाना मुश्किल होते जा रहा है। इन दिनों वह पश्चिम में क्षितिज के करीब जा पहुंचा है और सूर्य की चकाचौंध रोशनी में डूबते जा रहा है। लगभग सूर्यास्त के दौरान ही अस्त होने लगा है। जिस कारण शाम के समय क्षणिक समय के लिए ही इसे देखा जा सकता है। दरसल पिछले कई महीने यह विशाल ग्रह आसमान की हर ऊंचाई पर नजर आया और खगोल प्रेमियों के आकर्षण का केंद्र बना रहा। अब यह कुछ समय के लिए नजर आ रहा है तो कुछ पल के नजारे के लिए खगोल प्रेमी इसे निहार रहे हैं और कैमरे में कैद कर रहे हैं।
पांच ग्रह अभीभी महक रहे हैं पश्चिम में
इन दिनों पश्चिम का आसमान ग्रहों की चमक से महक रहा है। भले ही बृहस्पति को देखना कुछ मुस्किल हो रहा हो, लेकिन बुध पश्चिम में आसमान चढ़ने लगा है और हर शाम ऊंचा होता जा रहा है। अप्रैल की शुरुआत में यूरेनस हमारे शुक्र के पास होगा लेकिन इसे पहचान पाना आसान नही होगा। शुक्र और यूरेनस, बृहस्पति और बुध और मंगल के ऊपर चंद्रमा मौजूद होगा।
क्या कहते हैं वैज्ञानिक
आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान एरीज के वरिष्ठ खगोल विज्ञानी डा शशिभूषण पांडेय ने बताते हैं कि अपने ऑर्बिट में घूमते ग्रह कभी कभी एक दूसरे के करीब आ जाते हैं। ये सामान्य खगोलीय घटना है। ग्रहों का आपस में एक दूसरे के करीब आना संयोग है और स्थिति अक्सर बनती है। अगले महीने में भी कुछ ग्रह एक दूसरे के आसपास रहने वाले हैं। डा पांडेय के अनुसार ग्रहों की गति की पुष्टि करने के लिए ग्रह विज्ञानी इस तरह की घटनाओं का अध्ययन करते हैं और पिछले आंकड़ों से मिलान करते हैं। जिससे काल गणना भी की जाती है
सूर्य में हो रहे हैं जबरदस्त विस्फोट
इन दिनों सूर्य जबरदस्त सक्रिय है और खतरनाक विस्फोट कर रहा है। आज भी एम क्लास के तीन विस्फोट सूर्य की सतह पर हुए हैं। यह विस्फोट एक के बाद एक हुए है। जिनमें काफी ऊर्जा छिटकी है। इससे भू चुम्बकीय तूफान की आशंका सौर वैज्ञानिकों ने जताई है। जिसका असर साइटलेट्स व हमारे हवाई सेवाओं पर भी पड़ सकता है।
श्रोत: एरीज।
फोटो: बबलू चंद्रा।
Journalist Space science.
Working with India’s leading news paper.
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