नई खोज: मंगल पर भी था जीवन : ताजा शोध

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जी हां मंगल पर भी कभी जीवन था: ताजा शोध

मंगल ही था, जिसमे पृथ्वी से पहले जीवन था। अंतराष्ट्रीय स्तर के हाल के शोध में यह खोज सामने आई है। हालाकि पूर्व में हुए शोधों में यह बात कई बार सामने आ चुकी है कि मंगल पर अकूत तरल था, सागर थे और नदिया बहा करती थी। हमारे सौर मंडल में लाल ग्रह ही पहला ग्रह था, जिसमें विकास की धारा जल के रूप में प्रफूलित हुई थी। इसके बाद ही पृथ्वी व शुक्र ग्रह अस्तित्व में आए और प्राकृतिक विकास हुआ। बहरहाल लाल ग्रह पर कभी जीवन होने पर शोध डेनमार्क में कोपेनहेगन विश्वविद्यालय और यूरोप के अन्य संस्थानों में सेंटर फॉर स्टार एंड प्लैनेट फॉर्मेशन (स्टारप्लान) के शोधकर्ताओं ने साइंस एडवांस में अपने सहकर्मी-समीक्षित निष्कर्षों को प्रकाशित किया है। इस अध्ययन में पेरिस विश्वविद्यालय में इंस्टीट्यूट डी फिजिक डु ग्लोब डी पेरिस (आईपीजीपी), ईटीएच ज्यूरिख में जियोकेमिस्ट्री और पेट्रोलॉजी संस्थान (जियोपेट्रो) और बर्न फिजिक्स संस्थान विश्वविद्यालय के शोधकर्ता भी शामिल रहे।

बर्फीले क्षुद्रग्रह लाए मंगल पर पानी के साथ कार्बनिक अणु 

क्या मंगल ग्रह हमारे सौरमंडल का पहला ग्रह हो सकता था जहां जीवन की उत्पत्ति हुई हो। इसी को लेकर यह शोध किया गया। इस शोध से पता चलता है कि यह संभव है। जिसमें दिखाया गया है कि मंगल कभी पानी की दुनिया थी। यह संभव है कि पृथ्वी से पहले भी इसमें महासागर हो सकते थे। नया अध्ययन थोड़ा और आगे जाता है, यह बताता है कि बर्फीले क्षुद्रग्रह के मंगल पर गिरने से इस ग्रह पर पानी आया। शोधकर्ता कहते हैं कि यदि ऐसा है, तो क्षुद्रग्रह युवा मंगल पर जीवन शुरू करने के लिए आवश्यक कार्बनिक अणु भी लाए होंगे। पृथ्वी की तरह ही क्षुद्रग्रह मंगल ग्रह पर पानी और कार्बनिक पदार्थ लाए होंगे। वैज्ञानिकों कहना है कि इन क्षुद्रग्रहों ने पूरे सौर मंडल में पानी और जैविक अणुओं का परिवहन किया। वास्तव में, ऐसे क्षुद्रग्रहों ने पृथ्वी पर जीवन के उद्भव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई होगी। इन क्षुद्रग्रहों से मंगल ग्रह पर भी पानी आया। साथ ही जीवन के लिए आवश्यक अमीनो एसिड जैसे कार्बनिक अणु भी लाए। यह अमीनो एसिड प्रोटीन के निर्माण करते हैं। तो संभवतः यहीं से मंगल पर जीवन की उत्पत्ति शुरू हुई होगी। क्षुद्रग्रह मंगल के विकास से 100 मिलियन वर्ष पहले गिरे होंगे। कार्बनिक अणु जीवन के लिए जैविक रूप से महत्वपूर्ण हैं।

मंगल पर था समंदर और झीलें

कभी मंगल ग्रह में आज की तुलना में कहीं अधिक पानी था। झील और नदिया थी, लेकिन मंगल की सतह पर कितना पानी मौजूद था और कितने समय तक यह अभी भी बहुत बहस का विषय है। नए शोध से पता चलता है कि क्षुद्रग्रहों ने कम से कम 980 फीट (300 मीटर) गहरे वैश्विक महासागर के लिए प्रारंभिक मंगल की सतह पर पर्याप्त पानी पहुंचाया। कुछ क्षेत्रों में महासागर 0.62 मील (एक किलोमीटर) तक गहरा रहा होगा।

तब जीवन के अनुकूल वातावरण रहा होगा

मंगल में जीवन की शुरुआत में अच्छा वातावरण रहा होगा। शायद पृथ्वी पर भी पहले बड़े पैमाने पर कार्बनिक अणु आए होंगे और यहीं से जीवन की शुरवात हुई होगी। लाल ग्रह, जो अब ठंडा और सूखा है, कभी नीला और गीला रहा होगा और तब जीवन भी होगा।

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श्रोत: कोपेनहेगन विश्वविद्यालय ScienceAlert .

फोटो: मंगल ग्रह पर समंदर और सामने चमकते सूर्य का प्रतीकात्मक फोटो। नासा / गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर ।

 


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