मंगल ग्रह के बेल्वा क्रेटर की नई तस्वीर नया दृष्टिकोण देती हैं

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मंगल ग्रह के बेल्वा क्रेटर की नई तस्वीर नया दृष्टिकोण देती हैं

लाल ग्रह मंगल और पृथ्वी की धरती के बीच कोई ज्यादा अंतर नजर नही आता। नासा के पर्सीवरेंस रोवर ने बेल्वा क्रेटर की , जो तस्वीरें भेजी हैं , वह पृथ्वी का ही कोई हिस्सा नजर आता है। बहरहाल ये तस्वीर मंगल ग्रह के कई रहस्य उजागर कर सकते हैं। साथ ही भविष्य में मंगल ग्रह पर मानव बस्ती बसाने की उम्मीद को मजबूती देते हैं।

वैज्ञानिको का मानना है कि नई तस्वीर नया दृष्टिकोण प्रदान करती हैं।

मंगल के एक महत्वपूर्ण क्षेत्र की कुछ तस्वीरे सामने आई हैं। नासा ने इन तस्वीरों को साझा किया है। नासा के पर्सीवरेंस मार्स रोवर से जुड़े उपकरण मास्टकैम-जेड ने हाल ही में मंगल पर बेल्वा नामक क्रेटर की गहराई वाली साथ 152 तस्वीरें ली हैं। ये तस्वीर देखने में न केवल आकर्षक हैं, बल्कि रोवर की विज्ञान टीम को जेज़ेरो के इंटीरियर में कुछ गहरी अंतर्दृष्टि भी प्रदान करती हैं। इस तस्वीर का हर हिस्सा पृथ्वी का ही कोई भाग जैसा नजर आता है। यह क्रेटर भव्य दृश्य और ऊर्ध्वाधर कटाव दिखाते हैं । वैज्ञानिक कहते हैं कि यह खोज मंगल के चट्टानों व गड्ढों की उत्पत्ति का सुराग दे सकता है। जिस कारण इस खोज को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। दक्षिणी कैलिफोर्निया में नासा की जेट प्रोपल्शन प्रयोगशाला के उप परियोजना वैज्ञानिक केटी स्टैक मॉर्गन कहते हैं कि यह गड्डा कई युग पहले उल्कापिंड के गिरने से बना हो सकता है, जो लगभग 0.9 किलोमीटर चौड़ा है। इसके समीपवर्ती चट्टान की बनावट का खुलासा भी इन तस्वीरीं से हो सकता है। साथ ही इसके तलछटी को उजागर करता है।

मंगल ग्रह की सामान्य जानकारी

मंगल ग्रह सूरज से 14.2 करोड़ मील की दूरी पर है। मंगल का व्यास 4,220 मील है, जबकि वजन में मंगल धरती के दसवें हिस्से के बराबर है। लाल ग्रह सूरज का एक चक्कर 687 दिनों में लगाता है। इसका एक दिन 24 घंटे 37 मिनट का है। मंगल पर खूब ठंड पड़ती है व धूल भरी आँधी उठती हैं। बवंडर भी काफी उठते हैं। जीवन के लिए मंगल की भौगोलिक स्थिति अच्छी मानी जाती है। गर्मियों में अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस और जाड़े में शून्य से नीचे 140 डिग्री सेल्सियस तक चला जाता है। पृथ्वी के समान पतझड़, ग्रीष्म, शरद और शीत जलवायु है। गुरुत्वाकर्षण शक्ति पृथ्वी के आधी से भी कम है। मंगल के फ़ोबोस व डेमियोस दो उपग्रह हैं।
श्रोत व फोटो : नासा।


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