शनि ग्रह के छल्लों को लेकर आई नई खबर 

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शनि ग्रह के छल्लों को लेकर आई नई खबर 
 शनि का अनुपम सौंदर्य उसके रिंग्स (छल्ले ) ने रचा है। भले ही सौर मंडल में वीनस व मून के कसीदे पढ़े जाते हों, लेकिन हकीकत में शनि की सुंदरता इनसे कहीं अधिक है। मगर अब जो नई जानकारी मिली है, वह हैरान करती है।  नई जानकारी के मुताबिक शनि के रिंग्स की आयु 4 सौ मिलियन वर्ष है, जो अभी युवा हैं,  साथ ही शनि के मुकाबले यह बहुत छोटे हैं। नए शोध में इसका खुलासा किया गया है।
वैज्ञानिकों के बीच बहस का मुद्दा रहा है शनि के छल्ले
शनि के छल्लों को लेकर वैज्ञानिकों के बीच शुरू से ही बहस होते रही है। यह कहा जाता रहा है कि जब सूर्य का जन्म हुआ था, तभी से शनि के साथ उसके छल्लों का निर्माण शुरू हो चुका था। मगर नए शोध ने इस तथ्य को सिरे से नकार दिया है। यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोराडो बोल्डर में भौतिक विज्ञानी साशा केम्फ के नेतृत्व किया में  अध्ययन किया गया और पिछले सप्ताह साइंस एडवांस नए परिणाम  प्रकाशित किए गए हैं। इस शोध में नासा के कैसिनी अंतरिक्ष यान की बड़ी भूमिका रही है।
कैसीनी यान ने देखा है शनि का हर हिस्सा
कैसीनी यान द्वारा प्राप्त आंकड़ों के आधार पर नए नतीजे सामने आए। कैसिनि अंतरिक्ष यान लंबे अरसे से शनि व उसके उपग्रहों की खाक छान रहा है और अब नासा ने इसे रिटायर्ड भी कर दिया है। अपने कार्यकाल में यह यान शनि व उसके छल्लों समेत उपग्रहों की अनेक रहस्यमय खोज करने में सफल रहा है और जाते जाते शनि के छल्लों की सही आयु का पता भी लगा गया।
धूल की परतों से पता चली शनि के छल्लों की उम्र 
शोधकर्ताओं ने शनि के वलयों की आयु का निर्धारण करने के लिए सौर मंडल में हर जगह फैली धूल,  बर्फीले कण,  सूक्ष्म से लेकर बड़े शिलाखंड पर जमा धूल की एक परतों का अध्यन किया और शनि के छल्लों के पदार्थों को मिलान किया। तब जाकर शनि के छल्लों की आयु का सही पता लग पाया।
बिखरने भी लगे हैं शनि के छल्ले
शनि ग्रह के खूबसूरत छल्ले टूटकर बिखरने लगे हैं। जिस कारण यह गायब होने लगे हैं। इनके टूटने के कारणों का पता लगाया जा रहा है। साथ ही शनि के नए उपग्रहों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। हाल ही में इसके 82 नए उपग्रहों का पता चला है। जिसके चलते शनि के उपग्रहों की संख्या डेढ़ सौ से अधिक जा पहुंची है।
श्रोत व फोटो: नासा/जेपीएल-कालटेक/अंतरिक्ष विज्ञान संस्थान ।

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