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चंद्रयान 3 की प्रथम चरण की सफलता के साथ भारत- अमेरिका के बीच नासा का मून मिशन आर्टेमिस के साथ समझौता
शुक्रवार की दोपहर भारत के लिए गौरांवित करने वाले ऐतिहासिक पल थे। चंद्रयान 3 का शुरुवाती चरण सफल हो चुका था। लॉन्चिंग का समय दोपहर 2.35 बजे का था। मिशन से जुड़े वैज्ञानिकों समेत इंजीनियरों की धड़कने बढ़ी हुई थी और जैसे ही चंद्रयान को लेकर रॉकेट आसमान में उड़ता चला गया तो भारत ने इतिहास रच दिया। मगर असल परीक्षा तब होगी , जब चंद्रयान का लैंडर चंद्रमा की धरती पर लैंड करेगा। क्योंकि 2019 में चंद्रयान 2 की लैंडिग फेल हो चुकी थी। जिस कारण इसरो के वैज्ञानिक की धड़कने अभी तेज ही रहने वाली है। बहरहाल हम निश्चिंत हैं कि इस बार ऐसा कुछ खराब नही होगा, जो पिछली बार हुआ था। पिछली खामियों को इस बार पूरी तरह दुरुस्त किया गया है और भारत चांद पर नया आयाम पैदा कर, दुनिया को अपनी ताकत का एहसास कराएगा।
आर्टेमिस समझौता बढ़ी उपलब्धि है भारत के लिए
भारतीय चंद्रयान 3 मिशन के साथ ही भारत के लिए अच्छी खबर यह है कि नासा का अगला मून मानव मिशन आर्टेमिस के साथ भारत ने एक समझौता हाल में किया है। दुनिया की नजरों में आर्टेमिस अभी तक का सबसे बड़ा मून मिशन माना जा रहा है। यह मिशन चार इंसानों को चंद्रमा की धरती पर उतारेगा। आर्टेमिस का पहला चरण सफल हो चुका है और अब दूसरे चरण की तैयारी चल रही। मगर भारत का आर्टेमिस के साथ नाम भी जुड़ गया है, तो निश्चित ही भारत के लिए यह बढ़ा अवसर है। पिछले दिनों अमेरिका यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आर्टेमिस मिशन को लेकर समझौता किया। भारत के लिए यह बढ़ी उपलब्धि है। इस मिशन में भारत की भूमिका क्या रहेगी, इस बारे में जल्द पता चल जायेगा। उधर नासा ने आर्टेमिस एस्ट्रोवैन का डिजाइन तैयार कर लिया है, जो चंद्रमा पर जाने वाले दल के उपयोग में लाई जाएगी।
श्रोत व फोटो , एरीज व इसरो।
Journalist Space science.
Working with India’s leading news paper.
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