नासा का मून मिशन आर्टेमिस 1 अब 23 की लॉन्च करने की तैयारी

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नासा का मून मिशन आर्टेमिस 1 अब 23 की लॉन्च करने की तैयारी
भले ही अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का इंसान को चन्द्रमा पर लेकर जाने की शुरुआती योजना के विलंब हो रहा हो, लेकिन दुनिया की नज़र इस महत्त्वपूर्ण मिशन में जमी हुई है। तीन बार लॉन्चिंग स्थगित होने के बाद अब 23 सितंबर की निर्धारित की गई है। यदि 23 को भी व्यवधान आ गया तो फिर 27 सितंबर की तिथि भी सुरक्षित की हुई है। रॉकेट के इंजन में खराबी के कारण पिछली उड़ान रद्द करनी पड़ी थी। 
मून के जरिए मंगल तक
 
नासा का यह मिशन इंसान को चांद के पर मंगल तक पहुंचाना है। इसके लिए नासा की पहली योजना के अंतर्गत सर्वप्रथम चंद्रमा तक पहुंचना है। चंद्रमा तक पहुंचने के लिए भी उसे तीन चरणों में तीन उड़न भरनी है। जिसमे अंतिम तीसरा चरण मानव को मून पर उतरना है। इसमें दोराय नही कि यह बेहद चुनौतीपूर्ण योजना है और हर हाल में इस योजना को सफल बनाना है। लिहाजा नासा हर कदम फूक फूक कर रख रहा है। 
एसोसिएट एडमिनिस्ट्रेटर जिम फ्री ने दी है जानकारी
नासा के एक्सप्लोरेशन सिस्टम डेवलपमेंट के  एसोसिएट एडमिनिस्ट्रेटर जिम फ्री ने आगामी लॉन्चिंग की पिछले दिन जानकारी देते हुए बताया है  कि आर्टेमिस 1 मून मिशन लॉन्च  विशाल स्पेस लॉन्च सिस्टम (एसएलएस) रॉकेट की शुरुआत – 23 सितंबर या 27 सितंबर को कर सकता है। यह दोनों तिथियां  कई जरूरीआवश्यकताओं पर निर्भर करती हैं।  जिनमें नासा एसएलएस की उड़ान समाप्ति प्रणाली (एफटीएस) पर बैटरी की जांच करना और जरूरी समय बढ़ाने के लिए छूट हासिल करना शामिल है। साथ ही यदि लॉन्चिंग के दौरान इंजन बंद हो जाता है तो उसे नष्ट करने के लिए  डिज़ाइन किया गया है। उन्हे प्रत्येक वस्तु की जांच पड़ताल भली भांति करनी है। 
2025 में मानव को चांद पर उतारा जाएगा
आर्टेमिस 1 नासा का 2025 तक अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा पर वापस लाने के लिए आर्टेमिस कार्यक्रम का पहला मिशन है। यह एक बिना चालक वाली उड़ान है जो एसएलएस मेगारॉकेट और उसके ओरियन अंतरिक्ष यान का परीक्षण करेगी ताकि यह सत्यापित किया जा सके कि दोनों अंतरिक्ष यात्री उड़ान भरने के लिए तैयार हैं। पहला चालित आर्टेमिस मिशन, आर्टेमिस 2, साल 2024 में चंद्रमा के चारों ओर अंतरिक्ष यात्रियों को उड़ाएगा और उसके एक साल बाद आर्टेमिस 3 के चालक दल के लैंडिंग के साथ चंद्रमा की धरती पर उतरेगा। मगर यह सब आर्टेमिस 1 की सफल परीक्षण उड़ान पर निर्भर करता है। लिजाजा गंभीरता से प्रत्येक कार्य को अंजाम दिया जा रहा है। 
मंगल में घर बसाने की तैयारी 
चन्द्रमा व मंगल दो ऐसे ग्रह हैं, जहा मानव का धरती के बाद दूसरा बसेरा हो सकता है। इस संभावना के साथ दुनिया के खगोलविद पिछले 50 सालों से निरंतर प्रयासरत हैं और इस दिशा में दर्जनों मिशन अभी तक चलाए गए हैं। जिनमें काफी हद सफलताएं मिली हैं। सफलताओं ने वाज्ञानिकों के हौंसले बुलंद किए हैं, अब नासा से इस दिशा में ऊंची छलांग लगाने जा रहा है। यह खगोल विज्ञान की उन्नति की नई उड़ान होगी। चंद्रमा को लेकर नासा के नए मिशन का नाम आर्टेमिस 3 है। नासा ने दो साल के आर्टेमिस कार्यक्रम की पहली परीक्षण उड़ान के लिए 29 अगस्त का दिन निर्धारित किया था और दुनिया के तमाम स्पेस एजेंसियों की नज़र इस मिशन पर टिकी हुई है। मगर मिशन को टालना पड़ा।
 29 अगस्त को भी स्थगित करनी पड़ी थी लॉन्चिंग
नासा ने आर्टेमिस 1 को अपने तीसरे लॉन्च प्रयास के लिए तैयार करने की पूरी कोशिश की है। नासा ने सबसे पहले 29 अगस्त को मिशन को लॉन्च करने की कोशिश की थी, लेकिन खराब सेंसर के कारण इंजन कूलिंग की समस्या के कारण वह खड़ा ही रह गया। इंजन में लगातार  हो रहे तरल हाइड्रोजन रिसाव को रोककर दुरुस्त करना बेहद जरूरी है।
 मानव लैंडिंग होगी दो साल बाद के
 जिसके तहत 2025 में आर्मेटिस lll मिशन अंतरिक्ष यात्रियों के साथ चंद्र-परिक्रमा उड़ान व  मानव चालक दल  द्वारा चंद्र लैंडिंग करेगा। यह वास्तव में बड़ी महत्वाकांक्षी योजना है। चन्द्र लैंडिंग के लिए यूं तो पूरा चंद्रमा खाली पड़ा है, लेकिन उसी स्थान पर यान को उतारा जाएगा, जहा किसी तरह का कोई खतरा ना हो। भूमि समतल हो। वातावरण  अनुकूल हो और तकनीकी  दृष्टि से कोई खामी चंद्रभूमि में न हो। इन सब कारणों को ध्यान में रखते हुए फिलहाल संभावना जताई जा रही है कि तीसरी  लैंडिंग साइट चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के आसपास होगी। जिसमें इंसान उतरेगा। लास्ट मिशन 2025 में पूरा होगा। 
श्रोत: नासा के एसोसिएट एडमिनिस्ट्रेटर जिम फ्री ने दी है जानकारी

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