DART की टक्कर की हबल और वेब द्वारा ली गई इमेज, नासा मंगल को करेगा टक्कर का खुलासा

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नासा मंगलवार को मीडिया से होगा रूबरू, DART मिशन के रहस्य उजागर करने को वैज्ञानिक होगे शामिल
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के डबल क्षुद्रग्रह पुनर्निर्देशन परीक्षण (डीएआरटी) यानी पहली बार किसी क्षुद्रग्रह पर अंतरिक्ष यान की टक्कर के परिणाम को जानने के लिए पूरी दुनिया आतुर है। इस टक्कर में क्षुद्रग्रह को कितना नुकसान पहुंचा होगा, कितना मालवा आसमान में उड़ा होगा, किस तरह से क्षुद्रग्रह की कक्षा में बदलाव आया होगा और इसके क्या फायदे भविष्य में होंगे। इत्यादि जानकारी को हर कोई जानना चाहता है। नासा ने इस परीक्षण की सफलता के बारे में 26 सितंबर 2022 को ही दुनिया को अवगत करा दिया था और आगे की विस्तृत जानकारी 11 अक्टूबर को बताने जा रहा है। जिसमें DART मिशन से जुड़े बड़े अधिकारी वैज्ञानिक व मीडिया भाग लेगी। अलबत्ता इस बीच धरती की दूरबीनों से इस टक्कर की तस्वीरों से वैज्ञानिकों का आंकलन है कि इस टकराव में क्षुद्रग्रह से निकला मालवा व धूल हजारों किलोमीटर दूर तक फैल गई होगी। 
 क्षुद्रग्रह  डिमोर्फोस की टक्कर से  चौंकाने वाले रहस्य होंगे उजागर
 आम लोग इस टक्कर से उड़े मलवे को जानने के लिए बेहद उत्सुक होंगे और हो भी क्यों न, क्योंकि टकराव का वह पल बेहद रोमांच से भरा होगा। जिसमें से निकली धूल आसमान में न जाने कितनी दूर दूर तक फैली होगी और इतना ही नहीं, बल्कि कितने दिनों तक उड़ती रही होगी और यह भी संभव है कि आज तक उड़ ही रही हो। इसके अलावा असमान में छितराए मलवे के वापस इस पिंड में गिरने से उसे कितनी और क्षति पहुंची होगी। इसके अलावा एक बड़ा खुलासा यह भी होगा किस तरह का बदलाव आया होगा और भविष्य में किस तरह का बदलाव आयेगा। 
बहरहाल यह खरनाक सस्पेंस आज तक बना हुआ है और संभवतः मंगलवार को नासा इसका कुछ हद तक खुलासा कर पाए।
अगर किसी ऐसे ही पिंड की टक्कर पृथ्वी पर हुई तो कितना असर होगा, इसकी सटीक पुष्टि हो सकेगी
जैसा कि वैज्ञानिक मानते हैं कि यदि अंतरिक्ष से कोई बड़ा पिंड धरती से टकराएगा तो वह जापान के हिरोशिमा पर हुए परमाणु बम से हजारों गुना अधिक असर करने वाला होगा। इसीलिए इन पर नासा समेत दुनियां की अनेक बड़ी स्पेस एजेंसियां इन पर नजर रखती है। इसमें दोराय नही कि  अभी तक दर्जनों पिंड धरती पर टकरा चुके हैं और उनके निशान आज भी मौजूद हैं और उन निशानों को हम देख सकते हैं, लेकिन टकराने की भयावहता का अंदाजा नहीं लगा सकते। कहा तो यही भी जाता है कि पृथ्वी से डायनासोर जैसे विशालकाय जीवों का विनाश भी इन्ही के कारण हुआ है और हाल ही के एक शोध से यह भी पता चला है कि वह टक्कर समुंद्र पर हुई और खरनाक सुनामी ने धरती के वातावरण की तस्वीर ही बदलकर रख दी। बहरहाल ये अतीत की बातें हैं और वर्तमान में हम इन हादसों के बारे में सिवा अंदाजा लगाने के कुछ और नहीं कर सकते। मगर इतना तय है कि 26 सितंबर को DART की टक्कर के बाद हमारे सामने बहुत कुछ स्पष्ट हो जाएगा।
दुनिया की अनेक दूरबीनो की नजर टक्कर पर
इधर दुनिया की कई दूरबीनें डार्ट की टक्कर का जायजा लेने के लिए तैनात हैं और इस टकराव के बाद पल पल की जानकारी जुटा रहे हैं। जिनमें चिली में 4.1-मीटर दक्षिणी खगोल भौतिकी अनुसंधान (एसओएआर) टेलीस्कोप से  क्षुद्रग्रह की सतह से उड़ी धूल और मलबे के विशाल ढेर की तस्वीरों को लिया है। नई तस्वीरों में धूल के निशान नजर आते हैं। इसी तरह अन्य दूरबीनों से मिले नतीजों का आना बाकी है। इधर
लोवेल वेधशाला के वैज्ञानिक टैडी कारेटा ने कहा कि यह अद्भुत है कि हम टक्कर के बाद के दिनों में संरचना और उसकी सीमाओं की स्पष्ट तस्वीरें लेने में सक्षम हैं।
11 अक्टूबर को नासा करेगा प्रेस कॉन्फ्रेंस, देगा विस्तृत जानकारी
नासा 11 अक्टूबर को मीडिया ब्रीफिंग करने जा रहा है। जिसमें डबल क्षुद्रग्रह पुनर्निर्देशन परीक्षण (DART) मिशन और इसके लक्षित क्षुद्रग्रह, Dimorphos के साथ इसके जानबूझकर टकराव के बारे में चर्चा होगी। इस चर्चा में डार्ट से जुड़े समस्त वैज्ञानिक होंगे और मीडिया होगी। इस मौके पर नासा के अधिकारी प्रशासक बिल नेल्सन, इटली अंतरिक्ष एजेंसी के अध्यक्ष जियोर्जियो सैकोकिया, डार्ट अद्यतन पैनल के वाशिंगटन में नासा मुख्यालय में ग्रह विज्ञान विभाग के निदेशक लोरी ग्लेज़, टॉम स्टेटलर, नासा मुख्यालय में डार्ट कार्यक्रम वैज्ञानिक
लॉरेल, मैरीलैंड में जॉन्स हॉपकिन्स एप्लाइड फिजिक्स लेबोरेटरी (एपीएल) में नैन्सी चाबोट के अलावा मीडिया होगी। 
26 सितंबर को कराई गई थी टक्कर
 26 सितंबर को DART ने दुनिया के पहले ग्रहीय रक्षा प्रौद्योगिकी प्रदर्शन के तहत अंतरिक्ष क्षुद्रग्रह से टकराया था। इस मिशन में दो क्षुद्रग्रह शामिल थे, जिनमें एक डिमोर्फोस तो दूसरा डिडीमोस को लक्ष्य बनाया गया था। खास बात यह है कि डिमोर्फोस डिडीमोस का चांद है, जो हमारे चांद की तरह परिक्रमा करता है। डिडिमोस का व्यास लगभग 2,500 फीट (780 मीटर) है; डिमोर्फोस की लंबाई लगभग 525 फीट (160 मीटर) है। इस मिशन में डार्ट के अंतरिक्ष यान को डिफोर्मोस तक पहुंचने के लिए अंतरिक्ष में 10 महीने की उड़ान तय करनी पड़ी थी और नासा के डबल क्षुद्रग्रह पुनर्निर्देशन परीक्षण (डीएआरटी) मिशन दुनिया का पहला व ऐतिहासिक ग्रह रक्षा बन गया।
इस मिशन में 570 किलो के  बॉक्स के आकार के अंतरिक्ष यान बनाया गया था। जिसे अपनी दस माह की यात्रा तय करनी पड़ी थी। यह यात्रा 56000 मील यानी 90,000 किलोमीटर की थी। 22,530 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से यह टक्कर हुई थी। इससे स्वयं अंदाजा लगा सकते हैं कि यह टक्कर कितनी भीषण रही होगी
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फोटो: हबल व वेब
श्रोत: NASA/जॉन्स हॉपकिन्स APL

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