रहस्यमय खोज: डार्क एनर्जी का स्रोत है ब्लैक होल

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रहस्यमय डार्क एनर्जी का स्रोत है ब्लैक होल

बहुत से लोग जानते भी नहीं होंगे कि जिस दुनिया में हम रहते हैं उसमें डार्क एनर्जी का कितना बड़ा योगदान है। मगर यह भी सच्चाई है कि डार्क एनर्जी का रहस्य आज भी गर्त में छिपा हुआ है। अब जो रहस्य सामने आया है , उससे पता चलता है कि इस रहस्य का एक श्रोत ब्लैक होल हैं। यह खोज हाल में हुई है और आज इसका खुलासा वैज्ञानिकों ने किया है। आरएएल स्पेस एंड द ओपन यूनिवर्सिटी के क्रिस पियर्सन, द ओपन यूनिवर्सिटी और डेव क्लेमेंट्स, इंपीरियल कॉलेज लंदन के वैज्ञानिक डार्क एनर्जी के स्रोत के रूप में ब्लैक होल के बारे में नई खोज की व्याख्या की है।

डार्क एनर्जी है क्या

डार्क एनर्जी एक गुप्त ऊर्जा है, जो ब्रह्मांड में फैली हुई है। ब्रह्माण्ड के विकास में अपना अहम योगदान देती है। खगोल विज्ञान और खगोलीय यांत्रिकी में गुप्त ऊर्जा का यह काल्पनिक रूप है जो सम्पूर्ण अंतरिक्ष में व्याप्त होता है। इसमें ब्रह्माण्ड के विस्तार की दर को बढ़ाने की प्रवृत्ति होती है। इस गुप्त ऊर्जा को ब्रह्मांड के कुल ऊर्जा-द्रव्यमान का 74 फीसद माना जाता है। डार्क एनर्जी की खोज में नौ देशों के 17 खगोलविदों ने अध्ययन किया। जिन्होंने नौ अरब वर्षों के ब्रह्मांडीय इतिहास के डेटा एकत्र कर इस खोज को अंजाम तक पहुंचाया। डार्क एनर्जी के अस्तित्व का अनुमान सितारों और आकाशगंगाओं से लगाया गया है।

27 प्रतिशत है डार्क मैटर 

हमारे आस-पास की परिचित दुनिया को बनाने मे डार्क एनर्जी का महत्वपूर्ण योगदान है। ब्रह्मांड में जो कुछ भी नजर आता है, वह सिर्फ पांच फीसद है। डार्क मैटर का 27 फीसद डार्क मैटर है। बाकी लगभग डार्क एनर्जी मानी जाती है। उर्जा के इस विशाल श्रोत से समझा जा सकता है कि यह कितनी शक्तिशाली होगी और ब्रह्माण्ड में इसका महत्व कितना अहम हो सकता है। दो दिन पहले द एस्ट्रोफिजिकल जर्नल लेटर्स ने 15 फरवरी 2023 को नए सबूतों का विवरण देते हुए पेपर प्रकाशित किया।

13.7 अरब साल पुराना है हमारा ब्रह्मांड 

ब्रह्मांड लगभग 13.7 अरब साल पहले अस्तित्व में आया। बिग बैंग के बाद ही ब्रह्माण्ड की शुरुआत हुई । बिग बैंग विस्फोट की ऊर्जा ने ब्रह्मांड का तेजी से विस्तार किया। जिससे सभी आकाशगंगाएँ एक दूसरे से दूर होती चली गईं। हालांकि, हम उम्मीद करते हैं कि ब्रह्मांड में सभी चीजों पर गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव के कारण यह विस्तार धीरे-धीरे धीमा हो जाएगा।

1960 में पहली बार वाज्ञानिकों ने डार्क मैटर पर चर्चा की थी

खोजकर्ताओं ने ब्रह्मांडीय इतिहास के नौ अरब वर्षों के डेटा के माध्यम से खोज कर ब्रह्मांड संबंधी युग्मन के पहले साक्ष्य को प्राप्त किया। इसका अर्थ है कि समय के साथ ब्लैक होल का विकास स्वयं ब्रह्मांड के विस्तार से जुड़ा हुआ है।

ब्लैक होल में निर्वात ऊर्जा हो सकती है । डार्क एनर्जी की पहचान नई नहीं है। वास्तव में, वैज्ञानिकों ने 1960 के दशक में सैद्धांतिक रूप से इसकी चर्चा की थी। यह नवीनतम कार्य इस ऊर्जा को मानते हैं। इसलिए ब्लैक होल का द्रव्यमान समय के साथ बढ़ता जाएगा क्योंकि ब्रह्माण्ड संबंधी युग्मन के परिणामस्वरूप ब्रह्मांड का विस्तार होता है।

खोजकर्ता वैज्ञानिकों ने डार्क एनर्जी की गणना की

वैज्ञानिकों की टीम ने गणना की कि ब्रह्मांड में कितनी डार्क एनर्जी इस प्रक्रिया के लिए जिम्मेदार हो सकती है। उन्होंने पाया कि ब्लैक होल संभावित रूप से आज ब्रह्मांड में मापी जाने वाली डार्क एनर्जी की कुल मात्रा की व्याख्या कर सकते हैं। आधुनिक ब्रह्मांड विज्ञान में सबसे मौलिक समस्याओं में से एक को हल कर सकता है।

लौकिक रहस्य है ब्लैक होल 

ब्लैक होल लौकिक रहस्य के साथ हो सकता है। ब्लैक होल आमतौर पर तब पैदा होते हैं जब बड़े सितारे विस्फोट करते हैं और अपने जीवन के अंत में मर जाते हैं। इन हिंसक विस्फोटों में गुरुत्वाकर्षण और दबाव बड़ी मात्रा में सामग्री को एक छोटी सी जगह में संकुचित कर देता है। ब्लैक होल का गुरुत्वाकर्षण इतना मजबूत होता है कि प्रकाश भी इससे बच नहीं सकता। सब कुछ अंदर खींच लिया जाता है। ब्लैक होल के केंद्र में एक विलक्षणता है। ब्लैक होल पदार्थ को अनंत घनत्व के एक बिंदु में कुचलकर रख देता है। उसके बावजूद समस्या यह है कि विलक्षणता एक गणितीय निर्माण है जिसका अस्तित्व नहीं होना चाहिए। आकाशगंगाओं के केंद्रों में बसे ब्लैक होल उन ब्लैक होल की तुलना में बहुत अधिक भारी होते हैं, जब तारे हिंसक रूप से मरते हैं। सुपरमैसिव ब्लैक होल हमारे सूर्य के द्रव्यमान का लाखों से अरबों गुना वजन कर सकते हैं।

भविष्य में बड़े होते चले जाएंगे ब्लैक होल 

सभी ब्लैक होल पदार्थ जमा करके अपने करीब आने वाले तारों को निगल जाता है। या फिर दूसरे ब्लैक होल के साथ उनका विलय हो जाता है। जिस कारण उनके आकार में वृद्धि हो जाती हैं। इसलिए वैज्ञानिक मानते हैं कि जैसे-जैसे ब्रह्मांड पुराना होता जाएगा तो ब्लैक होल बड़े होते जाएंगे। ब्लैक होल से डार्क एनर्जी का श्रोत की खोज करने वैज्ञानिकों की टीम ने आकाशगंगाओं के केंद्रों में सुपरमैसिव ब्लैक होल को देखा और पाया कि ये ब्लैक होल अरबों वर्षों में द्रव्यमान प्राप्त करते हैं। ब्रह्मांड का विस्तार गुरुत्वाकर्षण के कारण धीमा नहीं है, बल्कि इसकी गति तेज हो रही है। यह बेहद अप्रत्याशित था।

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श्रोत: आरएएल स्पेस एंड द ओपन यूनिवर्सिटी के क्रिस पियर्सन, द ओपन यूनिवर्सिटी और डेव क्लेमेंट्स, इंपीरियल कॉलेज लंदन ।

फोटो: नासा।


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