सोमवार की सुबह अचानक सूर्य सफेद बादलों के घेरे में लिपटा नजर आया। इस अनूठी घटना को जिसने भी देखा, मोहित होकर रह गया। यह वायुमंडलीय विक्षोभ की घटना थी। इस घटना में कुछ लम्हों के लिए सूर्य बादलों के घेरे में लिपटे नजर आया। यह बेहद मनोहारी दृश्य था। जिसमें बादलों के घेरा हल्का गुलाबी रंग भी खुद में समेटे हुए था। जिस कारण सूर्य कुछ देर के लिए लोगों के आकर्षण का केंद्र बन गया और हर कोई इस घटना को निहारने को मजबूर हो गया। बताते चलें यह वायुमंडलीय विक्षोभ है। आसमान में एक सीमित ऊंचाई पर, जहां तापमान बहुत कम रह जाता है और सिरस नामक पतले बादल छाए रहते हैं। उन बादलों में पानी की बूंदे जम कर बर्फ के कण में परिवर्तित हो जाते हैं। तब बर्फ के रूप में जमे कणों से प्रकाश छितरा जाता है और सूर्य एक छल्ले में घिरा नजर आता है। धरती से देखने पर प्रतीत होता है कि सूर्य के चारों ओर रिंग में घिरा नजर आता है, लेकिन वह धरती से लगभग दस किमी की ऊंचाई पर ही बनता है, जबकि हकीकत में सूर्य धरती से लगभग 15 करोड़ किमी दूरी पर मौजूद होता है। इस तरह का छल्ला सूर्य में ही नही बल्कि चन्द्रमा के साथ भी बनता है। जिसे लूनर हेलो कहा जाता है।
Journalist Space science.
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