अनेक सवालों के घेरे में हैं चंद्रमा

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अनेक सवालों के घेरे में हैं चंद्रमा

चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरकर इतिहास रचने जा रहा भारतीय चंद्र मिशन चन्द्रयान 3 अंतरीक्ष के आगे का सफर तय करेगा। मगर चंद्रमा आज भी अनेक रहस्य खुद में समेटे हुए है। जिन्हे समझे बिना चांद से आगे का सफर पूरा नही हो सकता। वर्तमान में सभी स्पेस एजेंसियां चंद्रमा से मंगल पर पहुचने की तैयारी कर रहे हैं। अमेरिकी अंतरीक्ष एजेंसी नासा मून मिशन आर्टेमिस के जरिये के जरिये मंगल पर पहुचने की तैयारी कर रहा है। जिस कारण चन्द्रयान 3 पर सबकी नजर है और चन्द्रयान 3 चंद्रमा के जल, थल व नभ के रहस्य खोजने के लिए चंद्रमा की धरती से चंद घंटे दूर है।

आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान एरीज के वरिष्ठ खगोल विज्ञानी डा शशिभूषण पांडे कहते हैं कि चंद्रमा पर जल की मौजूदगी बड़ा रहस्य है। तरल जल के बिना चंद्रमा पर जीवन की कल्पना नही की जा सकती। साथ ही चांद की धरती को अंतरिक्ष स्टेशन बनाने का सपना भी साकार नही हो सकता। दरअसल दुनिया की स्पेस एजेंसियां मानती हैं कि मानव का मंगल ग्रह का सफर चाँद की धरती के इस्तमाल के बिना संभव नही है। आकर्षण शक्ति यानी ग्रेविटी की सटीक जानकारी जरूरी है। हालाकि यह सही है कि चंद्रमा का गुरुत्वाकर्षण पृथ्वी की तुलना में बहुत कम है। चंद्रमा की धरती पर उठने वाले भूकंप की विस्तृत जानकारी अभी भी अधूरी है। कहा जाता है कि चंद्रमा की भूगर्भीय स्थिति पृथ्वी के मुकाबले बहुत ज्यादा संवेदनशील है। चाँद की धरती पर आए दिन भूकंप आते रहते हैं, जो संभवतः पृथ्वी की तुलना में अधिक तीव्रता वाले होते हैं। उपरोक्त तीन बड़े सवालों के अलावा चाँद के वातावरण की सटीक जानकारी जुटानी होगी, जो मानव जीवन के लिए अत्यंत जरूरी है। जिसमें ऑक्सीजन के साथ अन्य गैस हैं। जिनकी सही जानकारी प्राप्त करने के बाद ही मानव जीवन आवश्यकताओं की पूर्ति की जा सकेगी। इनके अलावा कई अन्य जानकारियां जुटानी खगोलविदों के सामने बढ़ी चुनोतियाँ हैं। जिसमें चाँद की धरती पर खनिज पदार्थों का पता लगान व चंद्रमा की उत्पत्ति का रहस्य उजागर करना होगा। साथ ही चाँद की धरती की निर्माण के बारे में जानना होगा। चंद्रमा की धरती पर गिरने वाले आकाशीय पिंडों की जानकारी व उनसे सुरक्षा के उपाय ढूंढने होंगे। दरअसल चाँद की धरती पर बेशुमार गड्ढे हैं, जो धूमकेतू व क्षुद्रग्रहों से बने हैं।  इन सब सवालों के हल जाने बिना चंद्रमा से आगे का सफर आसान नही होगा। चंद्रमा को लेकर चार दशक पहले अनेक अभियान चलाए गए थे। जिनमें रूस का लूना व नासा के अपोलो मून मिशन की भूमिका अहम रही थी। मगर मून मिशन में पुनः तेजी आयी है तो संभव है कि जल्द ही चंद्रमा के रहस्यों की परतें खुलती जाएंगी।
श्रोत व फोटो: इसरो


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