चांद से होकर मंगल की धरती पर उतरेगा इंसान
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ( नासा) लालग्रह मंगल पर मानव बस्ती बसाने को लेकर धरती पर ही मंगल की काल्पनिक बस्ती का माडल तैयार किया है। इस बस्ती क्षेत्र को मार्सवॉक यानी सिम्युलेटेड स्पेसवॉक के रूप में उपयोग किया जाएगा। चांद से होकर मंगल की धरती पर पहला इंसान उतरेगा।
मंगल पर घर बनाने को नासा बेहद गंभीर
मंगल को रहने योग्य बनाने के लिए नासा बेहद गंभीर है। जिसके लिए नासा पिछले कई वर्षों से कई अभियान चला चुका है और अगले मिशन आर्टेमिस के जरिए मानव को पहली बार मंगल में पहुंचाना चाहता है। यह मार्ग वाया चंद्रमा के जरिए होकर जाएगा। इस मिशन को लेकर नासा ने लाल ग्रह के परिदृश्य के साथ लाल रेत का सैंडबॉक्स यानी माडल बनाया है, 12 सौ वर्ग फिट का है। यह हुबहू मंगल से मेल खाता है। यह प्रशिक्षण शिविर जून में शुरू किया जाएगा।
कई तरह से दिया जा रहा प्रशिक्षण
इस प्रशिक्षण अभियान में विभिन्न प्रकार की गतिविधियों को अंजाम दिया जा सकेगा। जिसमें सिम्युलेटेड स्पेसवॉक, रोबोटिक संचालन, आवास रखरखाव, व्यक्तिगत स्वच्छता, व्यायाम और फसल वृद्धि शामिल हैं। साथ ही मंगल में संसाधनों की सीमा, अलगाव और उपकरण विफलता जैसे पर्यावरणीय तनावों का भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। शनिवार को नासा ने इस प्रशिक्षण परियोजना की घोषणा की।
इसी गर्मी से शुरू हो जाएगा प्रशिक्षण
इस गर्मी में चार लोग जमीनी आवास में एक साल का मंगल मिशन शुरू करेंगे, जिससे नासा को मानवता के लाभ के लिए मंगल ग्रह के मानव अन्वेषण के लिए तैयार करने में मदद मिलेगी। एनालॉग मिशन के दौरान इस क्षेत्र का उपयोग सिम्युलेटेड स्पेसवॉक या “मार्सवॉक” करने के लिए किया जाएगा।
क्या कहते डा शशिभूषण पांडेय
आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान एरीज के वरिष्ठ खगोल वैज्ञानिक डा शशिभूषण पांडेय कहते हैं कि मंगल की दुनिया को पृथ्वी की तरह बनाने के लिए नासा की कवायद की सराहना करनी होगी। इसके लिए हमारी धरती पर मंगल का वातावरण तैयार कर पाना बढ़ी बात है। संभव है की इंसान बहुत जल्द मंगल पर जीवन के साथ घर बसा लेगा। अत्याधुनिक तकनीक के चलते इस संभावना से इंकार नही किया जा सकता है।
https://space23lyear.com
श्रेय: नासा।
फोटो नासा।
Journalist Space science.
Working with India’s leading news paper.
और अधिक जानें