आर्कषक आईएसएस सितारे को ऐसे देखें असमान में

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जबरदस्त आर्कषक आईएसएस को ऐसे देखें

आसमान कभी एक जैसा नहीं रहता। वह हर दिन हर पल बदलता है। हर रात अनगिनत तारे उदय होते हैं और डूब जाते हैं। ऋतुओ के गुजरने के साथ नक्षत्र उदय होते हैं और अस्त हो जाते हैं। ग्रहण का आगमन वर्ष मे कई बार होता है और आकाश में अपने पथ पर निरन्तर सफर के दौरान आसमान के दर्शनीय नक्षत्रों के बीच भ्रमण करते हैं। इनके साथ ही टूटते सितारे यानी उल्का वृष्टि आसमान में झूमते हुए प्रतीत होते हैं। यह भी आसमान के आकर्षण हैं, जो रातों के असमान में युगों युगों से मानव समेत जीव जंतुओं का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करते रहे हैं और अब स्याह अंधेरी रातों को टिमटिमाते तारों के बीच कृत्रिम उपग्रहों ने भी अपनी जगह बनाली है। जिनमें एक प्रमुख स्थान रखने वाला अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस ) है। रातों को असमान में सितारे की तरह भ्रमण करता हुआ हमारा ध्यान अपनी ओर आकर्षित करता है। इसे रातों में कब और कैसे देख सकते हैं, आज इसी बारे में जानकारी देंगे।

वीनस से तुलना की जाती है आईएसएस की सुन्दरता की अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस )

मानवीय इंजीनियरिंग की बड़ी उपलब्धि है और वर्तमान में आसमान का सार्वाधिक आकर्षण का केंद्र है। हालाकि वर्तमान में सैकड़ों उपग्रह असमान के किसी ने किसी दिशा से रोजाना गुजरते हुए नजर आते हैं, लेकिन आईएसएस सैटेलाइट का आकर्षण सबमें जुदा है। ऊंचे आसमान में इसकी सुंदरता की तुलना वीनस से की जाती है। वीनस ग्रह एक स्थान में स्थिर सा नजर आता है, लेकिन आई एस एस बहुत तेजी से सिर के ऊपर से गुजर जाता है। इसे हर रात आकाश में चलते हुए देख सकते हैं। यह मानव निर्मित शानदार उपग्रह है।

हमारे जीवन के अभिन्न अंग हैं उपग्रह

असमान में विचरते उपग्रहों की बात करें तो वर्तमान में हजारों उपग्रह पृथ्वी की परिक्रमा कर रहे हैं, जो हमारे जीवन के बुनियादी ढांचे का एक अनिवार्य अंग बन गए हैं। हर दिन हर मिनट, उपग्रह मौसम की तस्वीरें ले रहे हैं, टीवी और रेडियो सिग्नल प्रसारित कर रहे हैं, जलवायु की निगरानी कर रहे हैं और दुनिया भर के लोगों को एक दूसरे से जोड़ रहे हैं। कारों को चलाते हैं, विमानों और जहाजों का मार्गदर्शन करते हैं। इसके अलावा भी बहुत कुछ कार्य करते हैं। इसी क्रम में स्पेस एक्स ने अपने स्टारलिंक वाई-फाई उपग्रहों के साथ पृथ्वी की निचली कक्षा को भरने के अपने मिशन को आगे बढ़ाया है, जो एक साथ और एक समय में 50 सैतेलाईट तक लॉन्च कर सकता है।

आईएसएस को निहारने का आनन्द  कुछ और है

अंतराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) को अंधेरी रातों में निहारने का अलग मजा है। स्काईवॉचर्स के लिए यह उपग्रह खास मायने रखता है। उपग्रह आईएसएस बेहद चमकदार तारे के समान एक बिंदु जैसा दिखता है, जो आकाश में पश्चिम से पूर्व की ओर बढ़ता है। इसे हर रात हर स्थान से नहीं देखा जा सकता है। कभी सूर्योदय से पहले तो कभी-कभी शाम को सूर्यास्त के बाद आसमान में अंधेरा छा जाने के बाद देखा जा सकता है।

इस तरह से देखें असमान के इस सितारे आईएसएस को 

आईएसएस को कब और कहां से देखा जा सकता है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप कौनसी जगह मौजूद हैं। आई एस एस का ट्रैक कभी-कभी उसे आकाश में बहुत ऊँचा ले जाता है, यहाँ तक कि ऊपर की ओर तो कभी बहुत नीचे होता है। इसकी ऊंचाई जितनी अधिक होगी, वह उतना ही चमकीला दिखाई देगा। इसकी चमक सबसे चमकीले ग्रह वीनस के समान हो जाती है।

ऐप व वेबसाइट की आसान मदद लें

वर्तमान में बहुत सारी वेबसाइट हैं, जो हमे हमारी मौजूदगी वाले स्थान की जानकारी देते हैं । साथ ही यह बताती है कि आईएसएस कब, कहाँ और कितना चमकीला दिखाई देगा। अगर आपके फोन पर कोई स्टार ट्रैकर ऐप है, तो वह आपको बता देगा कि आईएसएस आपके आकाश में कब होगा। इसे अलार्म के जरिए सैट कर सकते हैं। इसके अलावा ऐसे ऐप्स भी हैं जो भविष्यवाणी करते हैं कि आईएसएस समेत तमाम उपग्रह आपके स्थान से आकाश में होंगे।

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खुले आसमान के नीचे हो आपकी लोकेशन

 

आईएसएस के गुजरने से 10 – 15 मिनट पहले खुले स्थान पर रहें, जहां से आसमान पूरा नजर आए। पश्चिम में उदय होने वाले तारे की तलाश करें। जैसे ही वह असमान आता हुआ नजर आयेगा तो अधिक चमक लिए नही होगा, लेकिन जैसे-जैसे ऊंचाई पर पहुंचेगा तो अधिक चमकदार होता जाएगा। यही वह पल होते हैं, जो अंतरीक्ष में गुजरते इस उपग्रह दृश्य को आनंदित करती है। यदि आपके पास दूरबीन हो तो वह इसकी चमक को कई गुना अधिक बड़ा देगी। इसे नग्न आंखों से देखा जा सकता है और असमान पार करते हुए अंत में आईएसएस की चमक फीकी होती चली जाएगी और फिर वह आंखों से ओझल हो जाएगा।

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श्रोत: एस्ट्रोनॉमी मैगजीन

फोटो स्पेस.कॉम

 

 


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