जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ने अंतरीक्ष में दिखाई पानी की झलक

Share It!

जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ने दिखाई अंतरीक्ष में पानी की झलक

दूसरे ग्रहों पर पानी को लेकर खगोलविदों की जद्दोजिहद रंग लाती नजर आ रही है। जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ने तरल जल की एक हल्की सी झलक दूर अंतरीक्ष में दिखाई है, जो पीडीएस 70 नामक तारे के बन रहे सौरमंडल में नजर आती है।
वैज्ञानिकों ने पृथ्वी से लगभग 370 प्रकाश वर्ष दूर एक युवा तारे पीडीएस 70 को देखा है। यह तारा सूर्य के द्रव्यमान का लगभग तीन-चौथाई है।
पीडीएस 70 केवल लगभग 5.4 मिलियन वर्ष पुराना है, जबकि हमारे सूर्य की आयु लगभग 4.6 बिलियन वर्ष है। जर्मनी हीडलबर्ग के मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट फॉर एस्ट्रोनॉमी के खगोलशास्त्री ने गिउलिया पेरोटी ने इस खोज का खुलासा किया है। गिउलिया पेरोटी के अनुसार पीडीएस 70 हमारे सूर्य के समान एक तारा है, जो बिल्कुल छोटा और ठंडा है। जिसे देखकर पता लगा सकते हैं कि हमारे सौर मंडल में ग्रह कैसे बने और पूरी तरह से बनने से पहले उनकी रासायनिक संरचना किस तरह की थी। उन्होंने
नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप पर मिड-इन्फ्रारेड उपकरण (एमआईआरआई) के जरिये देखा कि पीडीएस 70 के आसपास गैस और धूल के ग्रह-निर्माण डिस्क के केंद्र में लगभग 330 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर गर्म वाष्प की बूंदे टपक रही हैं। जिससे पता चलता है कि निर्माणाधीन सौरमंडल के आंतरिक डिस्क में पानी तरल रूप में मौजूद है, जो हमारी पृथ्वी के समान हो सकता है। इसकी तुलना हमारे सौरमंडल से करें तो हमारे सौर मंडल का केंद्रीय क्षेत्र पृथ्वी है, जो चट्टानी ग्रह है। जससे पता चलता है कि पीडीएस 70 के केंद्रीय क्षेत्र में उत्पन्न होने वाले चट्टानी ग्रह में पानी का पर्याप्त भंडार हो सकता है। वैज्ञानिको का दावा है कि किसी भी ग्रह के जन्म के समय पानी उपलब्ध हो सकता है। अब देखना होगा कि निर्माणाधीन ग्रह पीडीएस 70 बी और सी में भविष्य में किस तरह से विकसित होते हैं, जो पानी की उम्मीद जागते हैं।

एक्सोप्लैनेट की खोज में नई दिशा देगी यह खोज

जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप का ग्रह-निर्माण डिस्क का यह अभूतपूर्व अध्ययन माना जा रहा है, जो भविष्य के पानी वाले एक्सोप्लैनेट खोजों को नई दिशा देगा। विज्ञान पत्रिका जर्नल नेचर में यह खोज प्रकाशित हुई है। माना जाता था कि पृथवी पर पानी धूमकेतुओं के टकराने से आया होगा । मगर इस खोज से संकेत मिलता है कि हमारी धरती के निर्माण के दौरान ही इसमें जल रहा होगा। बहरहाल अभी इस रहस्य का खुलासा होने में अभी समय लगेगा।

श्रोत: अर्थ स्काई।

फ़ोटो : JWST


Share It!